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दिल्ली विधानसभा में CAG रिपोर्ट पेश करने के लिए विपक्ष ने की विशेष सत्र बुलाने की मांग - CAG REPORT IN DELHI ASSEMBLY

दिल्ली विधानसभा में सीएजी रिपोर्ट को पेश करने को लेकर नेता विपक्ष विजेंद्र गुप्ता ने विशेष सत्र बुलाने की मांग की है.

विपक्ष ने दिल्ली विधानसभा का विशेष सत्र तुरंत बुलाने की मांग की
विपक्ष ने दिल्ली विधानसभा का विशेष सत्र तुरंत बुलाने की मांग की (ETV BHARAT)

By ETV Bharat Delhi Team

Published : 5 hours ago

Updated : 4 hours ago

नई दिल्ली: दिल्ली विधानसभा में नेता विपक्ष विजेंद्र गुप्ता और भाजपा विधायकों द्वारा दिल्ली उच्च न्यायालय में दायर याचिका के बाद, जिसमें सीएजी रिपोर्ट को विधानसभा में प्रस्तुत करने के निर्देश मांगे गए थे, जिसके बाद दिल्ली सरकार ने आनन-फानन में 497 दिनों के बाद रिपोर्ट्स को उपराज्यपाल को सौंप दिया है. विपक्ष का आरोप है कि अदालत में सुनवाई से ठीक एक दिन पहले सरकार द्वारा इन रिपोर्ट का प्रस्तुत करना यह स्पष्ट दर्शाता है कि वे जवाबदेही से बचने और वित्तीय गड़बड़ियों को जनता की नजरों से छिपाने का प्रयास कर रहे हैं.

विपक्ष ने विशेष सत्र तुरंत बुलाने की मांग की:इन घटनाओं को देखते हुए विपक्ष के नेता ने दिल्ली विधानसभा का विशेष सत्र तुरंत बुलाने की मांग की है, जिसमें 14 सीएजी रिपोर्ट को न केवल प्रस्तुत किया जाए, बल्कि इन पर विस्तार से चर्चा हो. इसके अलावा, रिपोर्ट के निष्कर्षों की जांच के लिए विशेष समितियां बनाई जाएं और इस अभूतपूर्व देरी के लिए जिम्मेदार अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की जाए.

नेता विपक्ष विजेंद्र गुप्ता ने विशेष सत्र बुलाने की मांग की (ETV BHARAT)

सीएजी रिपोर्ट जानबूझकर दबाए रखने का लगाया आरोप :विजेंद्र गुप्ता ने कहा है कि दिल्ली की जनता को यह जानने का पूरा हक है कि उनके पैसे का उपयोग कैसे हुआ. सीएजी रिपोर्ट को दबाने का यह जानबूझकर किया गया प्रयास वित्तीय कुप्रबंधन और भ्रष्टाचार को छिपाने की साजिश है. उन्होंने आगे कहा कि आम आदमी पार्टी सरकार ने सीएजी की अहम रिपोर्ट को 497 दिनों तक जानबूझकर दबाए रखा और केवल दिल्ली उच्च न्यायालय के संभावित प्रतिकूल आदेशों के दबाव में इन्हें प्रस्तुत किया. इन रिपोर्ट्स को आखिरी क्षण में प्रस्तुत करना साफ दिखाता है कि सरकार जवाबदेही से बचने और वित्तीय गड़बड़ियों को छिपाने के प्रयास में लगी थी. बकौल गुप्ता यह है कि 497 दिनों से लंबित 14 सीएजी रिपोर्ट की सूची, जिन्हें आप सरकार की वित्त मंत्री/मुख्यमंत्री आतिशी द्वारा उपराज्यपाल सचिवालय में प्रस्तुत किया गया है.

14 में से 11 रिपोर्ट्स केजरीवाल के मुख्यमंत्री काल के :विजेंद्र गुप्ता ने कहा कि रिपोर्ट्स को दबाने का यह मामला इसलिए और गंभीर हो जाता है क्योंकि इनमें से 14 में से 11 रिपोर्ट्स उस समय की हैं जब अरविंद केजरीवाल दिल्ली के मुख्यमंत्री थे. ये रिपोर्ट सार्वजनिक स्वास्थ्य अवसंरचना और स्वास्थ्य सेवाओं के प्रबंधन, दिल्ली परिवहन निगम (DTC) की कार्यप्रणाली, दिल्ली में शराब की आपूर्ति और नियमन, राज्य के वित्तीय मामलों और राजस्व, आर्थिक, सामाजिक और सामान्य क्षेत्रों से संबंधित अहम मुद्दों को कवर करती हैं. कुछ रिपोर्ट अगस्त 2023 से ही मंत्रियों की मेज पर धूल फांक रही हैं, जो संविधानिक दायित्वों और लोकतांत्रिक मूल्यों के प्रति पूरी लापरवाही को उजागर करती है.

दिल्ली की शासन व्यवस्था में वित्तीय जवाबदेही पूरी तरह ठप :यह चिंताजनक है कि इन रिपोर्ट्स में मोहल्ला क्लीनिक और सार्वजनिक स्वास्थ्य अवसंरचना का विस्तृत ऑडिट, डीटीसी की कार्यप्रणाली, राज्य के सार्वजनिक उपक्रमों की परफॉर्मेंस और वाहनों से होने वाले प्रदूषण की रोकथाम और कमी जैसे मुद्दे शामिल हैं. उन्होंने कहा कि 497 दिनों की अभूतपूर्व देरी ने यह दिखा दिया है कि दिल्ली की शासन व्यवस्था में वित्तीय जवाबदेही पूरी तरह ठप हो चुकी है.

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