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By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : 4 hours ago

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शहीद राज्य आंदोलनकारियों का गैरसैंण में होगा श्राद्ध-तर्पण, जेल भरो के साथ करेंगे सरकार का 'बुद्धि शुद्धि' यज्ञ - Shraddha of martyred state agitator

Shraddha of martyred state agitators, Agitation in Chamoli Garsain Ramlila Ground एक सितंबर को गैरसैंण में आयोजित एक बड़े आंदोलन ने राजनीतिक दलों और सरकार के सामने सवाल खड़े किए थे. जिससे उत्साहित आंदोलनकारी और तमाम संगठन एक बार फिर गैरसैंण से सरकार को घेरते नजर आएंगे.

Shraddha of martyred state agitators
शहीद राज्य आंदोलनकारियों को दिया जाएगा गैरसैंण में श्राद्ध-तर्पण (PHOTO- ETV Bharat)

गैरसैंण: मूल निवास व भू कानून की मांग को लेकर स्वाभिमान मंच के बैनर तले प्रदेश भर में चल रहे विभिन्न आंदोलनों की कड़ी में 2 अक्टूबर को गैरसैंण रामलीला मैदान में उत्तराखंड के शहीदों की आत्मा की शांति के लिए 'श्राद्ध व तर्पण' कार्यक्रम का आयोजन किया जा रहा है.

आम जन से कार्यक्रम में शामिल होने की अपील करते हुए स्थायी राजधानी संघर्ष समिति के अध्यक्ष नारायण सिंह बिष्ट ने कहा कि इस बार 2 अक्टूबर को चौदसी श्राद्ध की तिथि है. इसी दिन रामपुर तिराहा कांड में 7 आंदोलनकारी भी शहीद हुए थे. जिसको लेकर उत्तराखंड के लिए जान देने वाले सभी शहीदों की याद में सामूहिक 'श्राद्ध-तर्पण' कार्यक्रम आयोजित किया जा रहा है. इसके साथ ही सरकार की 'बुद्धि-शुद्धि' के लिए भी रामलीला मैदान पर यज्ञ किया जाएगा. जिसके लिए सभी क्षेत्रवासियों से अपने-अपने घरों से जौ, तिल, गाय का दूध, गाय का घी, दूर्वा, कुंज, जौ का आटा, आम-पीपल की लकड़ी साथ लाने का आह्वान किया जा रहा है.

किया जाएगा जेल भरो आंदोलन: नारायण सिंह बिष्ट ने कहा कि 2 अक्टूबर को 'श्राद्ध-तर्पण' के बाद मूल निवास और भू कानून लागू किए जाने के साथ ही गैरसैंण को स्थायी राजधानी बनाए जाने की मांग को लेकर 'जेल भरो आंदोलन' भी किया जाएगा. इस मौके पर स्कूली विद्यार्थियों एवं महिला मंगल दलों द्वारा शहीदों की याद में जन जागरण के गीत व नाटक प्रस्तुत किए जाएंगे. बार संघ अध्यक्ष केएस बिष्ट व व्यापार संघ अध्यक्ष गैरसैंण सुरेंद्र सिंह बिष्ट ने कहा कि कार्यक्रम में प्रदेश भर से आंदोलनकारी यहां पहुंच रहे हैं. जिसमें बड़ी संख्या में क्षेत्रवासी भी शामिल रहेंगे.

जुटे थे 5 हजार से अधिक आंदोलनकारी: बता दें कि इसी साल 1 सितंबर को आयोजित स्वाभिमान रैली में उत्तराखंड के विभिन्न हिस्सों से 5 हजार से अधिक आंदोलनकारियों ने गैरसैंण पहुंचकर मूल-निवास, भू-कानून व स्थायी राजधानी की लड़ाई लड़ने के लिए एक बड़ा जन आंदोलन खड़ा किया था.

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