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आचार्य महामंडलेश्वर लक्ष्मी नारायण के निष्कासन पर अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष रवींद्रपुरी ने क्या कहा? जानिए - EXPULSION OF MAHAMANDALESHWAR

जूना अखाड़े का जो एग्रीमेंट हुआ था, वह लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी के साथ हुआ था.

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महामंडलेश्वर लक्ष्मी नारायण के निष्कासन पर बोले अध्यक्ष रवींद्रपुरी (Photo Credit; ETV Bharat)

By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Feb 1, 2025, 9:32 AM IST

प्रयागराज :किन्नर अखाड़े को लेकर अचानक से महाकुंभ में शुक्रवार को एक विवाद सामने आया. जिसमें खुद को किन्नर अखाड़े का संस्थापक बताते हुए अजय दास ने एक चिट्ठी जारी करते हुए फिल्म एक्ट्रेस ममता कुलकर्णी को महामंडलेश्वर बनाए जाने में लापरवाही बरतने के मामले में किन्नर अखाड़ा प्रमुख और आचार्य महामंडलेश्वर लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी को महामंडलेश्वर के पद से हटाने और ममता कुलकर्णी को भी महामंडलेश्वर के पद से हटाए जाने की घोषणा कर दी.जिसके बाद हंगामा मच गया.



रवींद्रपुरी ने कहा लक्ष्मी नारायण ही हैं किन्नर अखाड़े की प्रमुख :ईटीवी भारत से बातचीत करते हुए अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष रवींद्रपुरी ने कहा कि अखाड़ा परिषद किन्नर अखाड़े को ही जूना अखाड़े का अंग मानता है और आचार्य महामंडलेश्वर लक्ष्मी नारायण को ही किन्नर अखाड़े का प्रमुख मानता है. इसलिए इस पर कोई विवाद होना ही नहीं चाहिए.

महामंडलेश्वर के निष्कासन पर बोले अध्यक्ष रवींद्रपुरी लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी के साथ हैं (Video Credit; ETV Bharat)

रवींद्रपुरी ने कहा कि मैंने पहली बार अजय दास का नाम सुना है. उन्होंने किन्नर अखाड़ा बनाया पहली बार पता चला. मैं हमेशा से यही जानता रहा हूं कि किन्नर अखाड़े की मुखिया लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी हैं. इसके पहले जितनी भी मीटिंग हुई थी, हर मीटिंग में यह प्रस्ताव रखा गया था कि जूना अखाड़ा अपने साथ किन्नर अखाड़े को स्नान करवाएगा.

अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के मंत्री हरि गिरि जी महाराज का प्रयास रहा है कि सभी जातियों को अपने साथ लेकर चलना है. सभी को महामंडलेश्वर और संत बनना है. इसलिए हमारा जो एग्रीमेंट जूना अखाड़े का हुआ है. वह लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी के साथ हुआ था, इसलिए स्पष्ट करना चाहता हूं कि हम जितने भी अखाड़े हैं. लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी के साथ हैं.


वही, अजय दास की तरफ से ममता कुलकर्णी और लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी को निष्कासित किए जाने के सवाल पर कहा कि मैं यह कहना चाहूंगा कि यह उनका विषय है. ममता जी भी झूठे आरोपों से घिरी थी, उनके ऊपर कोई भी आरोप सिद्ध नहीं हुआ. इसलिए उनके मन में पीड़ा हुई, दुनिया के स्वभाव से वह काफी द्रवित हुईं इसलिए उन्होंने संन्यास का रास्ता चुना, मन में वैराग्य हुआ, इसलिए उन्होंने संन्यास ले लिया. अब हमें यह देखना है कि क्या वह संन्यास परंपरा का पालन कर रही है या नहीं. जब हम इन चीजों को देख लेंगे उनको देखकर इन चीजों का आकलन करने के बाद ही हम कुछ बोल पाएंगे, लेकिन हमारा कहने का मतलब है लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी के साथ अखाड़ा परिषद खड़ा हुआ है. हम उनका समर्थन करते हैं.

वही, निष्कासन के संदर्भ में उन्होंने कहा कि मुझे इस बारे में कोई जानकारी नहीं है, लेकिन मैं इतना जानता हूं कि लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी के साथ मैं हूं वही आचार्य महामंडलेश्वर है ही और वही किन्नर समाज की प्रमुख हैं, किन्नर अखाड़े की प्रमुख हैं.

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