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ओलंपिक खेलों में भारत को है कुश्ती से बड़ी उम्मीद, पहलवान है तैयार, पूरी होगी मेडल की आस : संजय सिंह - olympic games 2024

By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Jul 17, 2024, 1:26 PM IST

पेरिस ओलंपिक गेम्स की शुरुआत होने जा रही है. पहलवानों और भारतीय कुश्ती संघ के बीच चले विवाद के बाद अब नए सिरे से पहलवान देश के लिए मेडल लाने की तैयारी में जुटे है. इस बारे में भारतीय कुश्ती संघ के अध्यक्ष संजय सिंह बबलू ने ईटीवी भारत से खास बातचीत की है.

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भारतीय कुश्ती संघ के अध्यक्ष संजय सिंह (photo credit- Etv Bharat)

वाराणसी:26 जुलाई से पेरिस में ओलंपिक गेम्स की शुरुआत होने जा रही है. इस बार भारत को ओलंपिक में अच्छे प्रदर्शन की उम्मीद है, क्योंकि हर खेल में एक से बढ़कर एक खिलाड़ी हिस्सा लेंगे, लेकिन ज्यादा मेडल की उम्मीद कुश्ती से है. कुश्ती में इस बार पांच महिला और एक पुरुष पहलवान क्वालीफाई किए हैं. जिसमें विनेश जैसी अनुभवी खिलाड़ी भी शामिल हैं, लेकिन 15 महीने तक पहलवानों और भारतीय कुश्ती संघ के बीच चले विवाद के बाद अब नए सिरे से पहलवान देश के लिए मेडल लाने की तैयारी में जुटे है. उनसे क्या उम्मीदें हैं और लंबे विवाद ने कुश्ती का कितना नुकसान किया, इन सारे मामलों पर ईटीवी भारत से खास बातचीत करते हुए भारतीय कुश्ती संघ के अध्यक्ष संजय सिंह बबलू ने अपनी बातों को रखा. उन्होंने स्पष्ट किया कि हमारे पहलवान कम से कम तीन मेडल लेकर आए यह हमें पूरी उम्मीद है, लेकिन उन्होंने इस बात पर भी चर्चा की और कहा कि अगर पहलवान और कुश्ती संघ के बीच विवाद लंबा ना खींच होता तो शायद मेडल की संख्या 10 से ज्यादा होती.

भारतीय कुश्ती संघ के अध्यक्ष संजय सिंह ने ईटीवी भारत से की खास बातचीत (etv bharat)
विवाद के चलते कम खिलाड़ी क्वालीफाई:भारतीय कुश्ती संघ के अध्यक्ष संजय सिंह बबलू ने कहा, कि ओलंपिक को लेकर हमारी पांच बच्चियों और एक पुरुष वर्ग में अमन ने ओलम्पिक क्वालीफाई किया है. हमारे और भी बच्चे क्वालीफाई कर जाते हैं, लेकिन 14 से 15 महीने तक जो कुश्ती को लेकर विवाद चला, उसकी वजह से भारतीय कुश्ती संघ के बच्चे कम क्वालीफाई कर पाए. अभी पांच बच्चियां जो क्वालीफाई की गई हैं, उनमें से कम से कम दो मेडल की उम्मीद हमें है. अमन का मेडल आना चाहिए. बाहर सभी बच्चे तैयारी में जुटे हुए हैं. कुश्ती से ज्यादा मेडल की उम्मीद:संजय सिंह ने 15 महीने तक चले विवाद की वजह से पहलवानों द्वारा प्रोटेस्ट और लगातार विरोध प्रदर्शन के मामले में कहा की कुश्ती ही इकलौता ऐसा गेम है जिसमें ज्यादा मैडल की उम्मीद शुरू से की जाती रही है, जो पिछले चार ओलंपिक हुए उसमें भी कुश्ती में ही मेडल आया है. इसलिए पूरा देश कुश्ती की तरफ देखता है. जब भी मेडल की बात होती है, तो कुश्ती के खेल को ज्यादा उम्मीद के साथ देखा जाता है. उन्होंने कहा, कि लंबे चले विवाद के बाद हम लोग बार-बार कहते थे कि जो जूनियर बच्चे हैं उन्हें अगर ट्रायल का मौका मिले और कंपटीशन मिले तो वह आगे बढ़ेंगे.

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जूनियर टीम पूरी तरह से तैयार:संजय सिंह ने बताया, किइस बार जिस तरह से एशिया चैंपियनशिप के लिए जॉर्डन टीम गई थी. उसमें लड़कियों में 9 बच्चियां गई थी. उनमें से आठ वजन में गोल्ड आया है और एक वजन में सिल्वर आया है. यह भारतीय कुश्ती का इतिहास है, जो एक साथ इतना मेडल कभी नहीं आया है. आगे अभी और आता रहेगा. हमारी जूनियर टीम बहुत अच्छे तरीके से तैयार है. अगर यह विवाद ना हुआ होता तो इस बार जूनियर टीम क्वालीफाई करती और इतना मेडल आता जो कभी नहीं आया है.

संजय सिंह बबलू ने तैयारी पर बताया कि पहलवानों को तैयार करने में कोई कमी नहीं रखी गई है. उन्हें फुल फ्लैश सुविधा रखी गई है, जो कोच मांगा था वह खिलाड़ियों को दिया गया है. उसमें विदेशी कोच भी प्रोवाइड किये गए हैं. विदेश में भेज कर जापान तक में ट्रेनिंग करवाई गई हैप. बेहतर से बेहतर फूड सप्लीमेंट उपलब्ध करवाया गया है. फिजियोथैरेपी में कहीं कोई कसर नहीं रखी गई है. बच्चे भी पूरी तैयारी में अपने की जान से लूटे हुए हैं, बाकी भगवान जो करेगा वह अच्छा होगा.

हर पहलवान हमारे लिए बराबर: विनेश फोगाट को लेकर संजय सिंह ने कहा, कि जो भी विवाद था वह खत्म हो गया है. चाहे विनेश हो चाहे कोई भी पहलवान हो जो देश के लिए लड़ रहा है वह सब मेरे लिए एक बराबर है. विनेश 50 किलो में क्वालीफाई की हैं, और मुझे पूरी उम्मीद है कि वह मेडल लेकर आएंगी. संजय सिंह ने कहा कि यदि 15 महीने का यह विवाद ना हुआ होता तो 100% कम से कम 12 बच्चे क्वालीफाई करते. हम ज्यादा से ज्यादा मेडल लेकर आते हैं, जो 5 बच्चे गए हैं लड़कियों में उनमें से चार जूनियर बच्चे हैं, जो पहली बार क्वालीफाई किए हैं.

कुछ खिलाड़ी संघ और खेल दोनों से हुए आउट:संजय सिंह ने हरियाणा उत्तर प्रदेश के विवाद पर कहा, कि मैंने पहले भी कहा कि हरियाणा और उत्तर प्रदेश का कोई विवाद कभी था ही नहीं. यह कुछ खिलाड़ियों का विवाद था. हरियाणा के 99% खिलाड़ी हमारे साथ है, क्योंकि उन्हें पता है की कुश्ती संघ ने उनके लिए क्या-क्या किया है. कुश्ती को बढ़ावा देने के लिए हमने पहले क्या किया था. 2008 के बाद कुश्ती की स्थिति बदल गई है. कुछ खिलाड़ियों का विवाद था जो आउट हो चुके हैं. वह खेल से भी आउट हो गए हैं और कुश्ती से भी. उन्हें खेल से अब कोई मतलब नहीं है. कुश्ती अब अपने पुराने दौर में लौट रही है. कहीं कोई विवाद नहीं है, कोई संशय नहीं है. हरियाणा ही नहीं पूरा देश हमारे साथ खड़ा है.

वहीं संजय सिंह ने कहा, कि 2014 के बाद खिलाड़ियों के लिए बहुत बड़ा बदलाव दिखाई दिया है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने खेल के प्रति जो संवेदनशीलता दिखाई है. वह अपने आप में बहुत बड़ी बात है. कई अखाड़ों को डेवलप करने का काम प्रधानमंत्री मोदी ने किया है और अभी प्लान भी मांगा गया है.

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