देहरादून:उत्तराखंड में जंगल जल रहे हैं और मानसून सत्र भी दस्तक देने जा रहा है. यानी अभी जंगलों की आग आपदा के रूप में मुसीबत बनी हुई है और आने वाले दिन बरसात संबंधी आपदाओं के लिए संभावित चिंता को बढ़ा रहे हैं. इन हालातों के बीच उत्तराखंड का आपदा प्रबंधन सिस्टम सिर्फ कहने मात्र के लिए रह गया है. यहां एक के बाद एक अधिकारी इस्तीफे दे रहे हैं, जिसने आपदा की तैयारी को लेकर आपदा प्रबंधन विभाग की पोल खोल दी है.
आपदा प्रबंधन विभाग में इस्तीफों से हड़कंप:उत्तराखंड में आपदा प्रबंधन विभाग को एक्टिव करने की कोशिश हो रही है. वैसे तो हिमालय राज्य उत्तराखंड में साल भर आपदाएं मुसीबत बनी रहती है. लेकिन मानसून सत्र खासतौर पर राज्य के लिए मुसीबत बनकर आता है. हाल ही में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने भी मानसून सत्र की तैयारी संबंधी बैठक ली है. लेकिन आपको जानकर हैरानी होगी कि ये विभाग अब कहने मात्र को ही बचा हुआ है और विभाग में एक के बाद एक कई इस्तीफो ने हड़कंप मचाया हुआ है. पिछले 20 साल से एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर के रूप में काम कर रहे अधिकारी से लेकर दूसरे महत्वपूर्ण पदों वाले अधिकारी भी यहां से इस्तीफा दे चुके हैं. खबर है कि इन हालातों की जानकारी मुख्यमंत्री कार्यालय तक भी पहुंच गई है. लेकिन फिलहाल आपदा प्रबंधन को लेकर इन स्थितियों से निपटने के लिए कोई खास एक्शन प्लान नहीं बनाया जा सका है.
आपदा प्रबंधन जैसे संवेदनशील विभाग को भी बनाया कामचलाऊ:उत्तराखंड देश में सबसे पहले आपदा प्रबंधन मंत्रालय बनाने वाला राज्य होने का दम तो भरता है, लेकिन यहां की ब्यूरोक्रेसी और सत्ताधारी राजनीतिज्ञ इस विभाग को कभी कांट्रेक्ट व्यवस्था से बाहर ही नहीं ला पाए. विशेषज्ञों से लेकर जिला स्तर तक के कर्मचारियों से सिर्फ कॉन्ट्रैक्ट पर ही काम लिया जा रहा है. यहां आपदा प्रबंधन विभाग में स्थायी के नाम पर या तो सचिव आपदा प्रबंधन है या शासन में बैठे सचिवालय सेवा के अधिकारी, कर्मचारी. बाकी एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर से लेकर नीचे के कर्मचारियों को कामचलाऊ व्यवस्था में ही रखा गया है.
एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर से लेकर विशेषज्ञों तक में दिया इस्तीफा:हाल ही में मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने मानसून सीजन की तैयारी को लेकर बैठक ली है और मुख्य सचिव भी संदर्भ में दिशा निर्देश जारी कर चुकी है. लेकिन इस बैठक में आपदा प्रबंधन सचिव ने तैयारी पर मुख्यमंत्री को कौन सा एक्शन प्लान बताया होगा यह समझना थोड़ा मुश्किल है. ऐसा इसलिए क्योंकि आपदा प्रबंधन विभाग का राज्य में मुख्य स्वरूप उत्तराखंड स्टेट डिजास्टर मैनेजमेंट अथॉरिटी के रूप में है और इस अथॉरिटी में काम करने वाले एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर पीयूष रौतेला पहले ही इस्तीफा दे चुके हैं.