पटना:लोकसभा चुनाव 2024 में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) को स्पष्ट बहुमत मिलने के बाद अब नई सरकार बनाने की प्रक्रिया चल रही है. इस बार एनडीए की सरकारमें नीतीश कुमार और चिराग पासवान की भूमिका बढ़ गई है. जिसके चलते बीजेपी कोटे के मंत्रियों की छुट्टी तय मानी जा रही है. बिहार में भारतीय जनता पार्टी और जनता दल यूनाइटेड को 12-12 लोकसभा की सीटें मिली हैं. जेडीयू ने 16 सीटों पर चुनाव लड़ा था, जबकि बीजेपी ने 17 सीटों पर उम्मीदवार खड़े किए थे. इस लिहाज से जनता दल यूनाइटेड ने भारतीय जनता पार्टी से बेहतर प्रदर्शन किया है.
जेडीयू को 4 मंत्री पद मिलेगा:जनता दल यूनाइटेड की ओर से 4 मंत्रालय की डिमांड रखी जा रही है. दो कैबिनेट और दो राज्य मंत्री पर पार्टी का दावा है. जेडीयू की नजर जल संसाधन मंत्रालय और मानव संसाधन मंत्रालय पर है. ललन सिंह और संजय झा का मंत्री बनना तय माना जा रहा है. पिछड़ा या अति पिछड़ा समुदाय के नेताओं को भी जगह मिल सकती है. कुशवाहा जाति से आने वाले सुनील कुमार कुशवाहा को भी मंत्री बनाया जा सकता है.
चिराग-मांझी भी बनेंगे मंत्री: लोक जनशक्ति पार्टी रामविलास पार्टी की ओर से भी 2 कैबिनेट बर्थ का दावा किया गया है. चिराग पासवान को कैबिनेट में जगह मिलना तय माना जा रहा है. इसके अलावे एक राज्यमंत्री की डिमांड भी पार्टी की ओर से रखी गई है. चिराग पासवान की पार्टी के कुल 5 सांसद हैं. पूर्व मुख्यमंत्री जीतनराम मांझी के नेतृत्व वाली हम पार्टी के खाते में एक लोकसभा सांसद हैं. वह भी मंत्री बनना चाहते हैं.
बीजेपी कोटे से बनेंगे कम मंत्री:इस तरीके से सहयोगी दलों में ही 6 मंत्री पद की दावेदारी सामने आ रही है. ऐसे में बीजेपी को अपने कोटे से मंत्रियों की संख्या को कम करना होगा. पिछली सरकार में जिन चेहरे को जगह दी गई थी, इस बार इसकी संभावना कम है कि तमाम लोगों को मंत्रिमंडल में जगह दी जा सके. आरा लोकसभा सीट पर आरके सिंह चुनाव हार गए हैं तो बक्सर लोकसभा सीट पर पूर्व केंद्रीय मंत्री अश्विनी चौबे को टिकट नहीं मिला था. वहीं, गिरिराज सिंह और नित्यानंद राय किसी तरीके से अपनी प्रतिष्ठा बचा सके हैं.