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नूंह में 6 साल बाद शुरू हुआ गर्ल्स स्कूल का निर्माण कार्य, डेढ़ करोड़ रुपये की लागत से तैयार होगी बिल्डिंग - NUH GIRLS SCHOOL BUILDING

नूंह में 6 साल बाद गर्ल्स स्कूल का निर्माण कार्य शुरू हुआ है. 6 साल तक छात्राओं को अनेको समस्याओं का सामना करना पड़ा था.

Nuh Girls School building Construction work
Nuh Girls School building Construction work (Etv Bharat)
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By ETV Bharat Haryana Team

Published : Dec 19, 2024, 7:46 PM IST

Updated : Dec 19, 2024, 8:12 PM IST

नूंह: हरियाणा के नूंह-मेवात जिले के राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय गर्ल्स पिनगवां भवन निर्माण का कार्य आरंभ हो चुका है. मेवात दिवस के दिन इस नेक काम की शुरुआत हुई है. करीब 6 साल बाद भवन निर्माण कार्य शुरू होने पर मिठाई बांटकर खुशी का इजहार किया गया. इस पर करीब डेढ़ करोड़ रुपए की लागत आएगी. यह दो मंजिला भवन सभी सुविधाओं से लैस होगा.

खुले आसमान के नीचे पढ़ती हैं छात्राएं: पिनगवां में स्कूल भवन के करीब 6 साल पहले टूटने से अध्यापकों और बेटियों को तालीम हासिल करने में बड़ी मुसीबतों का सामना करना पड़ रहा है. गर्मी, सर्दी, बरसात के मौसम में जिस कन्या प्राइमरी में अस्थाई तौर पर कक्षाएं लगाई जा रही हैं. वहां पर कमरों का अभाव है. खुले आसमान के नीचे जमीन पर बैठकर पढ़ाई करने पर बेटियां मजबूर हैं. इस समस्या से पिनगवां प्राईमरी स्कूल की छात्राओं के साथ-साथ छठी-बारहवीं कक्षा तक की करीब 1250 से अधिक लड़कियां हैं. राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय गर्ल्स में करीब 850 लड़कियां शिक्षा ग्रहण कर रही हैं.

2018 में तुड़वा दिया स्कूल भवन: बता दें कि पुराना भवन कमरों और परिसर के लिहाज से काफी कम था और बरसात में तो स्कूल में पानी तालाब का रूप ले लेता था. अधिकतर बेटियों को खुले आसमान के नीचे पढ़ना पड़ता था. लड़कियों के स्कूल की समस्या को एक बार नहीं बार-बार मीडिया में मामला आया तो शिक्षा विभाग की नींद खुली. शिक्षा विभाग ने नए भवन के लिए करोड़ों की राशि भेज दी और पुराने भवन का टेंडर लगाकर उसे फरवरी माह 2018 में तुड़वा दिया गया है. भवन को तोड़े हुए पांच साल से अधिक समय बीत गया है. लेकिन नए भवन के नाम पर अभी तक एक ईंट भी नहीं लगी है.

Nuh Girls School building Construction work (Etv Bharat)

स्कूल बिल्डिंग पड़ गई छोटी: गौरतलब है कि राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय गर्ल्स पिनगवां की बिल्डिंग लड़कियों की संख्या के हिसाब से बड़ी छोटी पड़ रही थी. स्कूल में करीब 1250 छात्राएं शिक्षा ग्रहण कर रही हैं. स्कूल का भवन 1947 में बनकर तैयार हुआ था. करीब सात दशक बाद जर्जर अवस्था में हो गया. स्टाफ ,मिड डे मिल ,कबाड़ इत्यादि से लेकर लड़कियों के पढ़ने के लिए मात्र पांच कमरे थे. लड़कियों को सर्दी ,गर्मी ,बरसात में खुले आसमान के नीचे बैठकर तालीम हासिल करनी पड़ती थी. पीने के पानी, बिजली, शौचालय की कमी छात्राओं को लगातार खल रही थी. जगह का अभाव और टीचरों का अभाव लड़कियों की बेहतर तालीम में रोड़ा बना हुआ था.

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Last Updated : Dec 19, 2024, 8:12 PM IST

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