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भोपाल में NSUI ने परीक्षार्थियों के लिए क्यों बुक कराई एंबुलेंस, हेल्पलाइन नंबर भी जारी - BHOPAL NSUI BOOK AMBULANCE

भोपाल में ग्लोबल इन्वेस्टर समिट के कारण स्टूडेंट्स को परीक्षा केंद्रों तक पहुंचने के लिए एनएसयूआई ने विशेष पहल की है.

Bhopal NSUI book ambulance
एनएसयूआई ने परीक्षा केंद्रों के बाहर लगाए पोस्टर (ETV BHARAT)

By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Feb 22, 2025, 5:02 PM IST

भोपाल: मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल में ग्लोबल इनवेस्टर समिट के कारण 24 और 25 फरवरी को वीवीआईपी मूवमेंट रहेगा. इस दौरान 10वीं व 12वीं कक्षा सहित कई कॉलेजों की परीक्षा भी आयोजित होने के कारण छात्र-छात्राओं को परेशानी का सामना करना पड़ सकता है. इसे देखते हुए एनएसयूआई ने छात्रों को परीक्षा केंद्र तक पहुंचाने के लिए एम्बुलेंस बुक की है.

एनएसयूआई ने परीक्षा केंद्रों के बाहर लगाए पोस्टर

एनएसयूआई ने परीक्षा केंद्रों के गेट पर हेल्पलाइन के पोस्टर भी लगा दिए हैं. एनएसयूआई प्रदेश उपाध्यक्ष रवि परमारने हेल्पलाइन नंबर 9669083153 जारी करते हुए कहा "यदि किसी भी छात्र-छात्रा को परीक्षा केंद्र तक पहुंचने में समस्या हो तो वे इस नंबर पर संपर्क कर सकते हैं. एनएसयूआई की टीम एंबुलेंस के माध्यम से उन्हें सुरक्षित रूप से परीक्षा केंद्र तक पहुंचाने में मदद करेगी." रवि परमार ने बताया "शुक्रवार को उन्होंने स्कूल शिक्षा मंत्री उदय प्रताप सिंह को पत्र लिखकर परीक्षा की तारीख परिवर्तित करने की मांग की थी, लेकिन सरकार ने अब तक कोई निर्णय नहीं लिया."

एनएसयूआई प्रदेश उपाध्यक्ष रवि परमार (ETV BHARAT)

सरकार को स्टूडेट्स की परेशानियों से मतलब नहीं

एनएसयूआई नेता रवि परमारका कहना है "सरकार ने समय रहते फैसला लिया होता तो आज छात्रों को इस तरह की मुश्किलों का सामना नहीं करना पड़ता." परमार ने स्कूल शिक्षा मंत्री पर निशाना साधते हुए कहा "उदय प्रताप सिंह को छात्रों की कोई चिंता नहीं है. वे ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट के लिए मेकअप करवा रहे हैं, लेकिन विद्यार्थियों की परेशानियों पर उनका ध्यान नहीं जा रहा." एनएसयूआई ने आरजीपीवी के कुलपति को ई-मेल के माध्यम से पत्र भेजकर 24 और 25 फरवरी को होने वाली परीक्षाओं को रद्द करने की मांग की है. रवि परमार ने कहा, "छात्रों का भविष्य हमारे लिए सर्वोपरि है. प्रशासन की अव्यवस्था के कारण कोई भी विद्यार्थी परीक्षा से वंचित न रह जाए, इसलिए एनएसयूआई ने यह कदम उठाया है."

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