नई दिल्लीः दिल्ली हाईकोर्ट ने सामाजिक कार्यकर्ता हर्ष मांदर और उनके एनजीओ पर विदेशी योगदान विनियमन अधिनियम (एफसीआरए) के उल्लंघन के मामले में सीबीआई की ओर से दर्ज एफआईआर को निरस्त करने की मांग पर सुनवाई की. इसके बाद सीबीआई को नोटिस जारी किया. जस्टिस विकास महाजन ने मामले की अगली सुनवाई 29 अगस्त को करने का आदेश दिया.
याचिका में कहा गया है कि इस मामले में छह महीने तक जांच चली और उसके बाद दर्ज एफआईआर में कोई संज्ञेय अपराध की चर्चा नहीं की गई है. एफआईआर में याचिकाकर्ता पर दो आरोप हैं. पहला आरोप कि हर्ष मांदर की ओर से संचालित एनजीओ सेंटर फॉर इक्विटी स्टडीज ने 2020-21 के दौरान करीब 33 लाख रुपये अपने एफसीआरए अकाउंट से कुछ लोगों को सैलरी और मानदेय का भुगतान किया. एफआईआर में ये नहीं बताया गया है कि ये पैसे किन-किन लोगों के खाते में गए.
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