मनेंद्रगढ़ चिरमिरी भरतपुर: छत्तीसगढ़ का विधानसभा क्षेत्र क्रमांक 1 भरतपुर सोनहत है. यहां की शिक्षा व्यवस्था की कहानी हैरान परेशान करती है. वनांचल क्षेत्र भरतपुर की शासकीय प्राथमिक शाला दाबतुमाड़ी की दुर्दशा से ग्रामीण परेशान हैं. गांव वालों का कहना है कि यहां बच्चों के लिए न तो शिक्षा का सही माहौल है और न ही मिड डे मिल का सही इंतजाम है.
बंद स्कूल, घूमते बच्चे: ग्रामीणों का आरोप है कि भरतपुर से करीब 65 किलोमीटर दूर स्थित दाबतुमाड़ी गांव के सरकारी स्कूल में ज्यादातर ताला लटका रहता है. अध्यापक मीटिंग का बहाना बनाकर स्कूल से नदारद हो जाते हैं और स्कूल में पढ़ने वाले बच्चे स्कूली ड्रेस पहनकर गांव में इधर उधर घूमने के लिए मजबूर हो जाते हैं.
मिड डे मील भी नहीं मिला: एक स्टूडेंट ने बताया कि गुरुजी ने कहा कि छुट्टी है और वह बड़गांवकला गए हैं. बच्चों का यह भी कहना है कि दशहरे की छुट्टी के बाद से स्कूल में मिलने वाला मिड डे मील भी नहीं मिला है. एक स्टूडेंट ने यह भी बताया कि टीचर अकसर स्कूल में नहीं रहते और मिड डे मील तो सहायिका के छुट्टी पर होने के कारण बंद पड़ा है.
ग्रामवासियों की नाराजगी: सरकारी स्कूल के हालात से ग्रामीण भी नाराज हैं. एक स्टूडेंट की मां सुशीला कहती हैं कि ''गुरुजी आते तो हैं, लेकिन बच्चों को छुट्टी देकर चले जाते हैं.'' वहीं आंगनवाड़ी सहायिका अवदिया ने बताया स्कूल तो बंद है. सर आए थे लेकिन मीटिंग में चले गए. मध्यान्ह भोजन नहीं बना है. सहायिका आ नहीं पाई है. दशहरा में गई है तब से नहीं आई है. वहीं प्रधानपाठक हरेश्वर प्रसाद का भी कहना है कि स्कूल में मिड डे मिल नहीं मिल रहा है.