शिमला: हिमाचल में लाखों कर्मचारियों के खाते में पांच सितंबर को सैलरी आई. पांच दिन बाद कर्मचारियों के खाते में सैलरी क्रेडिट हुई. इससे प्रदेशभर में कर्मचारी अपनी नियमित EMI का भुगतान नहीं कर पाए हैं जिससे अब कर्मचारियों को EMI के देरी से भुगतान होने पर पेनल्टी लगने की चिंता सता रही है.
ऐसे में प्रदेश की सुखविंदर सिंह सुक्खू की सरकार ने कर्मचारियों को EMI के देरी से कटने पर लगने वाली पेनल्टी की चिंता से मुक्त कर दिया है. इसको लेकर सुक्खू सरकार ने स्टेट बैंकर कमेटी को देरी से EMI कटने पर पेनल्टी न लगाए जाने के निर्देश जारी किए हैं.
स्टेट बैंकर कमेटी को सरकार ने दिए निर्देश (ETV Bharat) इस बारे में प्रधान सचिव (वित्त) की ओर से स्टेट लेवल बैंकर कमेटी के डिप्टी जनरल मैनेजर एवम कन्वीनर को लिखित तौर पर ये निर्देश जारी किए गए हैं.
कर्मचारियों ने की थी पेनल्टी न लगाए जाने की मांग
प्रदेश में सरकार इन दिनों वित्तीय संकट से जूझ रही हैं. ऐसे में कर्मचारियों को इस महीने पांच दिन की देरी से सैलरी मिली है. वहीं, रिटायर कर्मचारियों के खाते में अभी 10 सितम्बर को पेंशन क्रेडिट होगी लेकिन कर्मचारियों और रिटायर कर्मचारियों ने घर बनाने, बच्चों की शादी, बच्चों की ट्रेनिंग कराने सहित अन्य कई जरूरतों के लिए बैंकों से लोन लिए हैं जिसकी नियमित EMI हर महीने कर्मचारियों के खाते से 2 से 5 तारीख के बीच कटती है, लेकिन इस बार देरी से सैलरी मिलने के कारण कर्मचारियों की EMI भी लेट कटेगी.
ऐसे में EMI देरी से कटने पर कर्मचारियों को पेनल्टी लग सकती है जिसको देखते हुए हिमाचल प्रदेश सचिवालय सेवा परिसंघ के महासचिव कमल कृष्ण शर्मा ने 3 सितंबर को सरकार को पत्र लिखा था. इसमें सरकार से कर्मचारियों/पेंशनभोगियों की नियमित EMI का भुगतान तय समय के भीतर न करने के कारण वेतन/पेंशन के जमा होने तक जुर्माना न लगाए जाने का आग्रह किया गया था.
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