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हिमाचल के सबसे बड़े अस्पताल IGMC में हड़ताल पर आउटसोर्स कर्मचारी, मरीज परेशान - IGMC OUTSOURCED WORKERS STRIKE

आईजीएमसी में आउटसोर्स कर्मियों की हड़ताल के कारण लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. अस्पताल में व्यवस्था चरमरा गई है.

आईजीएमसी में आउटसोर्स कर्मियों की हड़ताल
आईजीएमसी में आउटसोर्स कर्मियों की हड़ताल (ETV BHARAT)
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By ETV Bharat Himachal Pradesh Team

Published : Jan 3, 2025, 12:28 PM IST

Updated : Jan 3, 2025, 1:39 PM IST

शिमला: प्रदेश के सबसे बड़े अस्पताल आईजीएमसी में आउटसोर्स कर्मचारी अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले गए हैं. हाल ही में आईजीएमसी में 132 आउटसोर्स कर्मचारियों की सेवाएं समाप्त कर दी गई हैं. नौकरी से हटाए गए इन कर्मचारियों के समर्थन में दूसरे आउटसोर्स कर्मचारी भी आ गए हैं.

आईजीएमसी में प्रतिदिन 3200 से 3500 मरीज उपचार करवाते हैं. आउटसोर्स कर्मियों के हड़ताल पर जाने से स्वास्थ्य सेवाओं पर असर पड़ा है. अस्पताल में आज सफाई तक नहीं हो पाई है. गौरतलब है कि, आईजीएमसी के 151 डॉक्टर पहले ही विंटर वेकेशन पर हैं. ऐसे में अब आउटसोर्स कर्मियों की हड़ताल से मरीजों की परेशानी बढ़ने वाली है. हड़ताल के कारण अस्पताल में सफाई कर्मियों के साथ साथ वार्ड-अटेंडेंट, सुरक्षा कर्मी, OTT-बॉय अपनी सेवाएं नहीं देंगे. इसके साथ ही ओटी में काम ठप पड़ गया है. कई मरीजों के आज ऑपरेशन होने थे, लेकिन आउटसोर्स कर्मियों की हड़ताल के चलते ऑपरेशन को टाल दिया गया है.

आईजीएमसी में आउटसोर्स कर्मियों की हड़ताल (ETV BHARAT)

नौकरी पर बहाल करने की मांग

आउटसोर्स कर्मी आईजीएमसी प्रशासन और सरकार के रवैये से नाराज हैं. हड़ताल पर गए कर्मचारियों ने नौकरी से निकाले गए कर्मचारियों को जल्द नौकरी पर बहाल करने की मांग की है. सफाई कर्मचारी यूनियन की उपाध्यक्ष निशा ने बताया कि, 'उन्हें सुपरवाइजर के माध्यम से सेवाएं समाप्त करने का नोटिस मिला है. 1 जनवरी से उनकी रोजी-रोटी छीन ली गई है. आउटसोर्स पर सेवाएं देने वालों में कई विधवा महिलाएं भी शामिल हैं, जो सालों से यहां सेवाएं दे रही हैं. अब उन्हें नौकरी से हटा दिया गया है.

अस्पताल में हड़ताल बन रही परेशानी

आईजीएमसी वर्कर्स यूनियन के पदाधिकारी वीरेंद्र ने बताया कि, 'नौकरी से निकाले गए आउटसोर्स कर्मियों के साथ अस्पताल के दूसरे कर्मचारी भी खड़े हैं. वो भी आज से हड़ताल पर चले गए हैं. इस समय 500 से ज्यादा आउटसोर्स कर्मचारी हड़ताल पर हैं.' बता दें कि ये पहला मौका नहीं है जब आईजीएमसी में कर्मचारियों ने इस तरह की हड़ताल की हो. इससे पहले भी कई बार कर्मचारी हड़ताल पर उतर चुके हैं. इसके कारण दूर-दराज से आए मरीजों को परेशानियों का सामना करना पड़ता है.

ये भी पढ़ें: हिमाचल में जल्द जारी होंगे पानी के बिल, वाटर कनेक्शनों का पंजीकरण जारी

शिमला: प्रदेश के सबसे बड़े अस्पताल आईजीएमसी में आउटसोर्स कर्मचारी अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले गए हैं. हाल ही में आईजीएमसी में 132 आउटसोर्स कर्मचारियों की सेवाएं समाप्त कर दी गई हैं. नौकरी से हटाए गए इन कर्मचारियों के समर्थन में दूसरे आउटसोर्स कर्मचारी भी आ गए हैं.

आईजीएमसी में प्रतिदिन 3200 से 3500 मरीज उपचार करवाते हैं. आउटसोर्स कर्मियों के हड़ताल पर जाने से स्वास्थ्य सेवाओं पर असर पड़ा है. अस्पताल में आज सफाई तक नहीं हो पाई है. गौरतलब है कि, आईजीएमसी के 151 डॉक्टर पहले ही विंटर वेकेशन पर हैं. ऐसे में अब आउटसोर्स कर्मियों की हड़ताल से मरीजों की परेशानी बढ़ने वाली है. हड़ताल के कारण अस्पताल में सफाई कर्मियों के साथ साथ वार्ड-अटेंडेंट, सुरक्षा कर्मी, OTT-बॉय अपनी सेवाएं नहीं देंगे. इसके साथ ही ओटी में काम ठप पड़ गया है. कई मरीजों के आज ऑपरेशन होने थे, लेकिन आउटसोर्स कर्मियों की हड़ताल के चलते ऑपरेशन को टाल दिया गया है.

आईजीएमसी में आउटसोर्स कर्मियों की हड़ताल (ETV BHARAT)

नौकरी पर बहाल करने की मांग

आउटसोर्स कर्मी आईजीएमसी प्रशासन और सरकार के रवैये से नाराज हैं. हड़ताल पर गए कर्मचारियों ने नौकरी से निकाले गए कर्मचारियों को जल्द नौकरी पर बहाल करने की मांग की है. सफाई कर्मचारी यूनियन की उपाध्यक्ष निशा ने बताया कि, 'उन्हें सुपरवाइजर के माध्यम से सेवाएं समाप्त करने का नोटिस मिला है. 1 जनवरी से उनकी रोजी-रोटी छीन ली गई है. आउटसोर्स पर सेवाएं देने वालों में कई विधवा महिलाएं भी शामिल हैं, जो सालों से यहां सेवाएं दे रही हैं. अब उन्हें नौकरी से हटा दिया गया है.

अस्पताल में हड़ताल बन रही परेशानी

आईजीएमसी वर्कर्स यूनियन के पदाधिकारी वीरेंद्र ने बताया कि, 'नौकरी से निकाले गए आउटसोर्स कर्मियों के साथ अस्पताल के दूसरे कर्मचारी भी खड़े हैं. वो भी आज से हड़ताल पर चले गए हैं. इस समय 500 से ज्यादा आउटसोर्स कर्मचारी हड़ताल पर हैं.' बता दें कि ये पहला मौका नहीं है जब आईजीएमसी में कर्मचारियों ने इस तरह की हड़ताल की हो. इससे पहले भी कई बार कर्मचारी हड़ताल पर उतर चुके हैं. इसके कारण दूर-दराज से आए मरीजों को परेशानियों का सामना करना पड़ता है.

ये भी पढ़ें: हिमाचल में जल्द जारी होंगे पानी के बिल, वाटर कनेक्शनों का पंजीकरण जारी

Last Updated : Jan 3, 2025, 1:39 PM IST
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