डॉ. अजीत बलारा, ब्लॉक सीएमएचओ (ETV Bharat Kuchaman) कुचामनसिटी:राजस्थान सरकार स्वास्थ्य सेवाओं में सुधारने का दावा भले ही कर रही हो, लेकिन जमीनी हकीकत सरकार के दावों के उलट है. सरकारी अस्पतालों के हालात बदहाल है. इन अस्पतालों में ना तो डॉक्टर है और ना ही बाकी स्टाफ. ऐसे में मरीजों को बिना उपचार के ही वापस लौटना पड़ता है.
डीडवाना शहर के बीचों बीच स्थित है राजकीय सिटी डिस्पेंसरी. यह 30 साल पुरानी है, लेकिन वर्तमान में इसके हालात खराब है. पिछले एक साल से इस अस्पताल में डॉक्टर नहीं है. डॉक्टर का केवल एक पद है, वह पिछले एक साल से खाली है. नर्सिंग ऑफिसर के 3 में से दो पद खाली पड़े हैं. आसपास के क्षेत्रों के मरीज उपचार की आस में रोजाना अस्पताल आते हैं, लेकिन जब उन्हें पता लगता है कि अस्पताल में कोई डॉक्टर नहीं है, तो उन्हें निराश लौटना पड़ता है. डिस्पेंसरी में स्टाफ के नाम पर मात्र एक नर्सिंग कर्मचारी और संविदा पर लगे बाकी कार्मिक नियुक्त है. मरीजों को ये कर्मचारी ही दवाइयां दे रहे हैं. गंभीर बीमारियों के मरीजों को बड़े अस्पताल के लिए रेफर करना पड़ता है.
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रात को भी डॉक्टर की ड्यूटी हो: यहां आए एक मरीज के परिजन मोहम्मद जफर ने कहा कि यहां सिटी डिस्पेंसरी खोलने का उद्देश्य यह था कि आसपास के लोगों को दूर नहीं जाना पड़े लेकिन यहां की हालत बहुत ही खराब है ना कंपाउंडर है ना ही डॉक्टर लगे हुए हैं. उन्होंने कहा कि सरकार से हमारी मांग है कि यहां पर स्टाफ की व्यवस्था की जाए और रात के समय भी एक डॉक्टर की नियुक्ति की जाए,जिससे कि लोगों को इसका फायदा मिल सके.
बड़े अस्पताल जाना पड़ता है:स्थानीय नागरिक असलम तवर ने कहा कि पहले यहां शहर ही नहीं आसपास के गांवों से भी मरीज आते थे, लेकिन अब यहां डॉक्टर ही नहीं है. पहले इसी जगह पर एक महिला और एक पुरुष चिकित्सक लगे हुए थे, जिससे लोगों को राहत मिल रही थी. हमारी सरकार से मांग है कि यहां पर जल्द से जल्द डॉक्टर की व्यवस्था की जाए. इसी प्रकार एक मरीज के परिजन ओमप्रकाश ने कहा कि यह शहर की सबसे बड़ी डिस्पेंसरी है. यहां पर पिछले एक साल से कोई डॉक्टर नहीं है. यहां दिखाने के लिए आने वाले लोगों को निराश होकर जाना पड़ता है.
निजी अस्पतालों में जाना पड़ रहा:अस्पताल में डॉक्टर और चिकित्साकर्मियों के पद खाली होने से अब यह अस्पताल केवल शो पीस बनकर रह गया है. मरीजों को मजबूरन बड़े अस्पतालों और निजी अस्पतालों का रुख करना पड़ता है. इस बारे में जब ब्लॉक सीएमएचओ से बात की तो उन्होंने भी स्टाफ की कमी का हवाला देते हुए अपनी मजबूरी जाहिर कर दी. उनका कहना था कि चिकित्सा विभाग में डॉक्टर के साथ ही विभिन्न पद खाली पड़े हैं. इससे मरीज को दिक्कत हो रही है. हालांकि, उनका कहना था कि यहां डॉक्टर की आवश्यकता को देखते हुए सीएमएचओ को अवगत कराया है और जल्द ही यहां एक डॉक्टर की नियुक्ति कर दी जाएगी.