प्रयागराज:योगी सरकार द्वारा नजूल भूमि को लेकर जारी नए अध्यादेश को इलाहाबाद हाईकोर्ट में चुनौती दी गई है. अध्यादेश को रद्द करने की मांग की गई है. हाई कोर्ट ने राज्य सरकार से इस मामले में 5 अप्रैल तक जवाब दाखिल करने के लिए कहा है. इस दौरान राज्य सरकार की ओर से कोर्ट में इस आशय की अंडरटेकिंग दी गई है कि फिलहाल अभी सर्वे कार्य ही किया जाएगा. किसी को नजूल भूमि से न तो बेदखल किया जाएगा और न ही ध्वस्तीकरण होगा.
डॉ. अशोक तेहलियानी की याचिका न्यायमूर्ति एस सिंह और न्यायमूर्ति सुरेंद्र कुमार प्रथम की खंडपीठ ने सुनवाई की. कोर्ट ने राज्य सरकार को 5 अप्रैल तक या याचिका पर अपना जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया है. गौरतलब है कि राज्य सरकार द्वारा जारी अध्यादेश में निर्णय लिया गया है कि सरकार अब नजूल भूमिका पट्टा किसी प्राइवेट व्यक्ति या संस्था को नहीं देगी. नजूल भूमि सिर्फ सरकारी संस्थाओं को ही दी जाएगी. सरकार नजूल भूमि पर आवंटित पट्टों और निर्माण का सर्वे कर रही है ताकि पता किया जा सके कि किन लोगों के पट्टे की अवधि समाप्त हो चुकी है.