पटनाःसक्षमता परीक्षा के बहिष्कार करने का बिहार शिक्षक एकता मंच ने निर्णय लिया है. इस प्रक्रिया के तहत रविवार 25 फ़रवरी को बिहार शिक्षक एकता मंच के बैनर तले नियोजित शिक्षक सक्षमता परीक्षाके एडमिट कार्ड के प्रति को जलाकर अपना विरोध प्रदर्शित करेंगे. नियोजित शिक्षकों के तमाम संगठनों को मिलाकर के बिहार शिक्षक एकता मंच का निर्माण हुआ है, लेकिन अब बिहार शिक्षक एकता मंच टूटता नजर आ रहा है.
शर्तों के साथ सरकार का समर्थन :टीईटी शिक्षक संघ ने सक्षमता परीक्षा के विरोध के निर्णय का विरोध किया है. संघ ने स्पष्ट कहा है कि 2.27 लाख नियोजित शिक्षक जिन्होंने सक्षमता परीक्षा का आवेदन किया है, वह परीक्षा जरूर देंगे. टीईटी शिक्षक संघ के प्रदेश अध्यक्ष अमित विक्रम का कहना है कि वे लोगसक्षमता परीक्षा के विरोध का समर्थन नहीं करते हैं. ना ही 26 फरवरी को सक्षमता परीक्षा का एडमिट कार्ड जलाने के लिए सहमत है. हमारा स्पष्ट कहना है नियोजित शिक्षकों को सक्षमता परीक्षा से विरोध नहीं है, लेकिन सक्षमता परीक्षा के नाम पर जबरन ट्रांसफर किए जाने की नीति का विरोध है.
"बिहार के सवा दो लाख शिक्षकों ने सक्षमता परीक्षा का फॉर्म भरा है और परीक्षा देने के लिए भी तैयार हैं, लेकिन शिक्षा मंत्री से मांग है कि सवा 2 लाख शिक्षक जो परीक्षा दे रहे हैं, सरकार यह सुनिश्चित करे कि उन सभी को ऐच्छिक जिला ही मिले."- अमित विक्रम, प्रदेश अध्यक्ष, टीईटी शिक्षक संघ
'वर्तमान विशिष्ट शिक्षक नियमावली का है विरोध':अमित विक्रम ने कहा कि उन लोगों ने शुरू से ही सक्षमता परीक्षा का समर्थन किया है और अभी भी सक्षमता परीक्षा के समर्थन में खड़े हैं. लेकिन जबरन 3 जिलों में भेजने की नीति, सेवा निरंतरता का लाभ नहीं मिलना और परीक्षा के बावजूद वित्तीय उन्नयन नहीं मिल पाना इन सभी बिंदुओं को लेकर के वर्तमान विशिष्ट शिक्षक नियमावली का विरोध है. उन्होंने कहा कि शिक्षा मंत्री विजय कुमार चौधरी के द्वारा दिए गए आश्वासन के बाद संघ ने सवा दो लाख शिक्षकों के साथ परीक्षा का समर्थन देने की घोषणा की है.
सवा 2 लाख नियोजित शिक्षक सरकार के साथःसंघ के महासचिव बलवंत सिंह ने बताया कि कुल 3 लाख नियोजित शिक्षकों में से सवा 2 लाख नियोजित शिक्षक सरकार के फैसले के साथ खड़े हैं. हम सक्षमता परीक्षा का समर्थन करते हैं, लेकिन सरकार को भी यह चाहिए कि उनके समर्थन में खड़े सवा दो लाख शिक्षकों का हित सुरक्षित रखने के लिए जल्द से जल्द उचित कदम उठाएं. जिले में पोस्टिंग, सेवा निरंतरता, एक समान वेतन वृद्धि, पूर्व से देय कालबद्ध प्रोन्नति और सेवा निरंतरता सहित सभी सुविधाएं सक्षमता परीक्षा पास करने वाले शिक्षकों को दी जाए.