पटना:बिहार माध्यमिकशिक्षक संघ के महासचिव व पूर्व सांसद शत्रुघ्न प्रसाद सिंह ने माध्यमिक शिक्षा के निदेशक योगेंद्र सिंह को ज्ञापन सौंपा है. बीपीएससी द्वारा प्रधान शिक्षक एवं प्रधानाध्यापकों की स्थायी नियुक्ति की प्रक्रिया पर सवाल खड़े किये हैं. उन्होंने ज्ञापन में कहा कि नियुक्ति के लिए शिक्षकों के लिए 10 वर्षों के अनुभव की अनिवार्यता है. लेकिन इनके शैक्षणिक एवं प्रशासनिक अनुभव के बावजूद बीपीएससी उत्तीर्ण शिक्षकों को प्रभारी प्रधानाध्यापक बनाया जा रहा है.
प्रभारी प्रधानाध्यापक की नियुक्ति से शैक्षणिक माहौल तनावपूर्ण:शत्रुघ्न प्रसाद सिंह ने ज्ञापन सौंपते हुए माध्यमिक शिक्षा निदेशक को कहा है कि शिक्षा विभाग की अधिसूचना को अवक्रमित कर दिया गया है. परीवीक्षा की दो वर्षों की शर्तों के आदेश से पूरे राज्य के शिक्षकों में अफरातफरी मच गई है. इससे शैक्षणिक तथा प्रशासनिक माहौल तनावपूर्ण हो जाने से गुणवत्तापूर्ण शिक्षा में बाधा उत्पन्न हो गई है.
स्थाई नियुक्ति तक पद रखें बरकरार:उन्होंने कहा कि राज्य के शिक्षक तनावमुक्त होकर अध्ययन-अध्यापन के कार्य निष्ठापूर्वक करते रहें, इसके लिए जरूरी है कि स्थानीय निकाय के 10 से 18 वर्षों तक के कार्यरत अनुभवी प्रभारी प्रधानाध्यापकों को स्थायी नियुक्ति तक यथा-स्थान बरकरार रखने से संबंधित अधिसूचना यथाशीघ्र जारी की जाये.
2025 के लिए अवकाश तालिका उपलब्ध कराई:शत्रुघ्न प्रसाद सिंह ने कहा है कि इधर कुछ दिनों से विद्यालयों में लागू अवकाश तालिका की शिक्षा विभाग एवं बिहार विद्यालय परीक्षा समिति के द्वारा अनदेखी किये जाने के कारण कई प्रकार की समस्याएं उत्पन्न हो गयी हैं. पर्व-त्योहार एवं यहां तक कि राजपत्रित अवकाश में भी परीक्षा एवं प्रशिक्षण का कार्यक्रम निर्धारित कर देने से कई प्रकार की सामाजिक, धार्मिक एवं मानसिक तनाव उत्पन्न हो जाते हैं. इसलिए निदेशक के द्वारा निर्धारित पूर्व अवकाश तालिका में किसी प्रकार की कटौती नहीं की जाये.
स्थानीय निकाय के शिक्षकों को मिले प्रोन्नति: शत्रुघ्न प्रसाद सिंह ने बताया कि निदेशक को यह अवगत कराया है कि माध्यमिक शिक्षा के द्वारा ही अवकाश तालिका के निर्धारण के क्रम में त्रैमासिक सावधिक, वार्षिक परीक्षाओं की तिथियां निर्धारित करने की परंपरा रही है. इसका भी निर्वहन नहीं किये जाने के फलस्वरूप अध्ययन-अध्यापन एवं अनुशासन पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ रहा है.