पटना:अगिआंव विधानसभा उपचुनाव में जेडीयू को सीपीआई माले के उम्मीदवार से हार मिली थी. वहीं, अब रुपौली विधानसभा उपचुनाव में निर्दलीय शंकर सिंह ने उनके कैंडिडेट कलाधर मंडल को हराया है. विधानसभा उपचुनाव में लगातार मिली हार के बाद नीतीश कुमार के चेहरे पर भी सवाल उठ रहे हैं. जेडीयू के प्रदेश अध्यक्ष उमेश कुशवाहा भी इन परिणामों से हैरान हैं. हालांकि वह कहते हैं कि नतीजों की समीक्षा कर रहे हैं. कई चीज पता भी चली है लेकिन इस हार को 2025 से जोड़कर नहीं देखा जा सकता है.
उपचुनाव से 2025 पर असर नहीं पड़ेगा:उमेश कुशवाहा ने कहा कि जनता ने 2024 लोकसभा चुनाव में ही 2025 विधानसभा चुनाव के संकेत दे दिए थे. एनडीए 177 विधानसभा सीटों पर आगे है, ऐसे में 2025 में नीतीश कुमार के नेतृत्व में एनडीए बड़े बहुमत से सरकार बनाएगा. वहीं, उन्होंने आरजेडी और नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव पर निशाना साधते हुए कहा कि जो लोग दावा कर रहे थे, पहले तो उनको बताना चाहिए कि रुपौली विधानसभा उपचुनाव में उनकी ऐसी दुर्गति क्यों हुई?
"रुपौली चुनाव हारना हैरान करने वाली बात है. हम लोग समीक्षा कर रहे हैं लेकिन लोकसभा चुनाव में जनता ने साफ संकेत दे दिया है. 177 सीटों पर हमलोग आगे रहे हैं. इससे साफ है कि 2025 में बिहार में क्या होने वाला है. हमलोग फिर से बिहार में सरकार बनाएंगे."- उमेश कुशवाहा, प्रदेश अध्यक्ष, जनता दल यूनाइटेड
2025 में रुपौली जरूर जीतेंगे:वहीं, जनता दल यूनाइटेड के प्रदेश सचिव राहुल खंडेलवाल ने भी दावा किया कि 2025 के बिहार विधानसभा चुनाव में जेडीयू और एनडीए की सरकार बनेगी. उन्होंने कहा,'हम लोग रुपौली चुनाव जरूर हारे हैं और उसे स्वीकारते भी हैं लेकिन 2025 में हम लोग फिर से रुपौली विधानसभा की सीट जीतेंगे. इसके साथ ही 2025 में सरकार भी बनाएंगे.'
क्या कहते हैं जानकार?: राजनीतिक विशेषज्ञ रवि उपाध्याय का कहना है कि लगातार विधानसभा का उपचुनाव हारना जेडीयू के लिए एक बड़ी चुनौती है, क्योंकि 2025 में अब बहुत ज्यादा समय नहीं है. उनके मुताबिक अभी 4 विधानसभा सीटों पर उपचुनाव होना बाकी है, जिसमें जेडीयू की भी साख दांव पर है. ऐसे में इस परिणाम से आने वाले विधानसभा चुनाव का रुझान जरूर मिल सकता है.
"पहले भी उपचुनाव में हार के बाद जदयू का मुख्य चुनाव में काफी अच्छा प्रदर्शन होता रहा है लेकिन लगातार मिली हार को मुझे नहीं लगता है कि नीतीश कुमार हल्के में लेंगे. पार्टी में जो बड़े उलटफेर हुए हैं, उसको भी परखा जा रहा है. क्या कुछ किया जा सकता है, उस पर भी नीतीश कुमार मंथन जरूर कर रहे होंगे. रुपौली में न तो महागठबंधन को जीत मिली है और न ही एनडीए को, इसलिए दोनों खेमे के लिए चिंता बढ़ने वाली है."- रवि उपाध्याय, राजनीतिक विशेषज्ञ