पटना:बिहार विधानसभा में आज हुए खेला में जीत आखिरकार NDA की ही हुई. बिहार विधानसभा में नीतीश सरकार ने विश्वासमतहासिल कर लिया है. विधायकों को सहेजने का काम सिर्फ विपक्षी दलों का ही नहीं था. सतारुढ़ दल से भी कुछ विधायक गायब हुए हुए तो बीजेपी और जदयू की नींदें हराम हो गई. पिछले दो दिनों से भारतीय जनता पार्टी की विधायक भागीरथी देवी भाजपा नेताओं के संपर्क में नहीं थी. लेकिन वोटिंग के समय भागीरथी देवी विधानसभा में पहुंच गई.
भागीरथी देवी बोलीं, मैं नाराज नहीं हूं:पश्चिम चंपारण के रामनगर से बीजेपी की विधायक भागीरथी देवी ने ईटीवी भारत से खास बातचीत की. जब उनसे पूछा गया, लंबे समय से बीजेपी की विधायक रही हैं, लेकिन इस बार खेला में शामिल हो गयीं? उन्होंने कहा कि वह किसी गलत मंसे से गायब नहीं थी. मेरी बहू की तबीयत खराब थी. बहू का इलाज गोरखपुर में हो रहा है. इसलिए गोरखपुर गई थी. उन्होंने बताया कि मेरी आस्था पूरी तरह से बीजेपी के साथ है. मैं सपने में भी नहीं सोच सकती हूं कि दूसरी पार्टी में जाऊंगी. भागीरथी देवी ने कहा कि उनके नेता नरेंद्र मोदी ही हैं.
फोन उठाने का नहीं था कोई जवाब:भागीरथी देवी के पास इस बात का कोई जवाब नहीं था कि पार्टी के नेता जब पिछले 48 घंटे से उनसे संपर्क साध रहे थे तो वे फोन पर भी बात करने को क्यों तैयार नहीं हुईं. भागीरथी देवी मीडिया के सामने बार-बार दुहराती रहीं कि वे पार्टी से नाराज नहीं हैं.
राजद के संपर्क में थे पांच विधायक: दरअसल, बीजेपी और जदयू के पांच विधायक सीधे राजद के संपर्क में थे. इनमें बीजेपी के मिश्रीलाल यादव, रश्मि वर्मा और भागीरथी देवी थीं. वहीं, जदयू की बीमा भारती और दिलीप राय. राजद से हुई डील के मुताबिक इन सबों को विधानसभा अध्यक्ष के खिलाफ हुए फ्लोर टेस्ट के दौरान गायब रहना था. प्लानिंग ये थी कि विधानसभा में जब स्पीकर के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव गिर जाता यानी अवध बिहारी चौधरी कुर्सी पर बने रह जाते तो ये सारे विधायक सदन में पहुंचते. फिर सरकार गिराने का खेल होता.