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"26 घंटे तक गर्भवती की नहीं ली सुध, पेट पर चढ़कर पैरामेडिकल स्टाफ ने करवाई डिलीवरी," नवजात की हुई मौत - GOVT HOSPITAL NEGLIGENCE

सुंदरनगर सिविल अस्पताल पर डिलीवरी के एक केस में लापरवाही बरतने के गंभीर आरोप लगे हैं. यहां पढ़ें पूरा मामला...

पीड़ित दंपति
पीड़ित दंपति (ETV Bharat)

By ETV Bharat Himachal Pradesh Team

Published : Dec 26, 2024, 7:37 PM IST

Updated : Dec 26, 2024, 10:25 PM IST

मंडी: एक दंपति ने बच्चे की डिलीवरी में लापरवाही बरतने के सिविल अस्पताल सुंदरनगर पर संगीन आरोप लगाए हैं. डिलीवरी के पांच दिन बाद नवजात बच्चे की मौत होने के पर दंपति ने अस्पताल प्रशासन पर आरोप लगाए हैं. ये मामला बल्ह उपमंडल के तहत आने वाली ग्राम पंचायत ढाबण के डडोह का है. धनी राम नाम का शख्स अपनी पत्नी का प्रसव करवाने के लिए उसे सिविल अस्पताल सुंदरनगर लाया था.

18 दिसंबर को अस्पताल में एडमिट हुई थी महिला

18 दिसंबर को प्रसव के लिए महिला को सिविल अस्पताल सुंदरनगर में भर्ती करवाया गया. शिकायतकर्ता अर्चना ने बताया "26 घंटों तक मैं दर्द से कराहती रही लेकिन अस्पताल प्रशासन ने कोई ध्यान नहीं दिया. ना मुझे अस्पताल से रेफर किया और ना मेरी सिजेरियन डिलीवरी की. मुझे नॉर्मल डिलीवरी के लिए इंतजार करने को बोला गया और मैं 18 दिसंबर की पूरी रात दर्द में थी"

सुंदर सिविल अस्पताल पर डिलीवरी में लापरवाही बरतने के आरोप (ETV Bharat)

19 दिसंबर को महिला की हुई डिलीवरी

पीड़ित महिला ने जानकारी देते हुए कहा "ड्यूटी पर मौजूद पैरामेडिकल स्टाफ ने 26 घंटे के बाद (19 दिसंबर की सुबह) डॉक्टर को बताए बिना ही मेरी नॉर्मल डिलीवरी कर दी और लेबर रूम में मेरे पेट पर चढ़कर जबरन बच्चे को बाहर निकाला. बच्चा पैदा होते ही बिल्कुल नहीं रोया. ऐसे में बच्चे को मशीन में डालकर मेडिकल कॉलेज नेरचौक रेफर किया गया जहां इलाज के दौरान बच्चे की मौत हो गई."

अर्चना देवी, पीड़ित महिला (ETV Bharat)

महिला ने लगाए ये आरोप

पीड़ित महिला ने अस्पताल प्रशासन पर आरोप लगाया कि मेरी डिलीवरी में 26 घंटे देरी की गई. मेरे बच्चे के सब टेस्ट 9 महीनों में नॉर्मल थे तो ऐसा क्या हुआ कि बच्चा पैदा होते ही उसके शरीर के सारे ऑर्गन फेल हो गए. इसमें अस्पताल प्रशासन की गलती है.

धनी राम, अर्चना देवी का पति (ETV Bharat)

23 दिसंबर को हुई नवजात की मौत

अर्चना के पति धनी राम ने बताया "लेबर रूम में मेरी पत्नी तड़पती रही. डिलीवरी के समय किसी को भी अंदर जाने नहीं दिया गया. बच्चा पैदा होने पर मेरे पास उसे दे दे दिया गया और बच्चे को मेडिकल कॉलेज के लिए रेफर कर दिया गया. मेरा बच्चा पांच दिन तक जिंदा रहा. डॉक्टरों ने बताया 26 घंटे बच्चा पेट में रहा जिस वजह से उसके ऑर्गन फेल हो गए हैं." 23 दिसंबर को उपचार के दौरान नवजात की मौत नेरचौक मेडिकल कॉलेज में हुई.

अस्पताल की रिपोर्ट बताता हुआ परिवार (ETV Bharat)

पीड़ित पति ने आरोप लगाए कि लेबर रूम में मेरी पत्नी के साथ जो बदसलूकी हुई है उसकी जांच करवाई जाए. मामले की शिकायत मुख्यमंत्री हेल्पलाइन नंबर-1100 पर कर दी गई है इसके अलावा स्वास्थ्य मंत्री डॉ. धनी राम शांडिल, नाचन के विधायक विनोद कुमार, सुंदरनगर के विधायक राकेश जम्वाल और सुंदरनगर अस्पताल प्रबंधन को ईमेल के माध्यम से मामले की शिकायत भेजी है. मामले की निष्पक्ष जांच करके दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए.

इस बारे में सीएमओ मंडी डॉ. नरेंद्र भारद्वाज ने बताया "मैंने एसएमओ से मामले को लेकर बात की है पर वह छुट्टी पर हैं. मैंने इस मामले में दूसरे डॉक्टर से बात की है जिसमें पता लगा है कि परिवार के लोगों ने एसएमओ सुंदरनगर को शिकायत भेजी है. शिकायत के बाद मामले की जांच के लिए बोल दिया गया है. अब फैक्ट फाइंडिंग रिपोर्ट आने के बाद ही मामले का पता चल पाएगा."

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Last Updated : Dec 26, 2024, 10:25 PM IST

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