नई दिल्ली: जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) में नए सत्र से राष्ट्रीय पात्रता परीक्षा (नेट) के जरिये ही पीएचडी में दाखिले होंगे. इसके अलावा जेआरएफ के छात्र सीधे प्रवेश के लिए आवेदन कर पाएंगे. जेएनयू में संचालित विषयों, जिनके के लिए नेट परीक्षा आयोजित नहीं की जाती है, उनके लिए विश्वविद्यालय अलग से प्रवेश परीक्षा आयोजित कर सकता है. विश्वविद्यालय की ओर से इसको लेकर अधिसूचना जारी की गई है. उधर, जेएनयू प्रशासन के इस निर्णय पर शिक्षकों में आक्रोश है. उन्होंने जल्दबाजी में लिया गया फैसला बताया है.
जेएनयू छात्रसंघ भी यूजीसी की घोषणा के समय से ही विरोध
जेएनयू ने जारी अधिसूचना में कहा है कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) 2020 के कार्यान्वयन के हिस्से के रूप में विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) ने 27 मार्च को अपनी सार्वजनिक अधिसूचना के माध्यम से नेट के स्कोर को यूजीसी और सीएसआईआर द्वारा आयोजित प्रवेश परीक्षा के स्थान पर विश्वविद्यालयों और उच्च शिक्षण संस्थानों में पीएचडी प्रवेश के लिए अनुमति दी है. इसी के तहत जेएनयू प्रशासन ने शैक्षणिक सत्र 2024-25 से विश्वविद्यालय में पीएचडी कार्यक्रमों में प्रवेश के लिए राष्ट्रीय परीक्षा एजेंसी (एनटीए) द्वारा आयोजित प्रवेश परीक्षा के स्थान पर नेट स्कोर का उपयोग करने का निर्णय लिया है.
जिन विषयों के लिए नेट नहीं, उनके लिए अलग से परीक्षा
एनटीए द्वारा 16 जून को आयोजित होने वाली नेट परीक्षा के लिए 20 अप्रैल से आवेदन शुरू हो चुके हैं. अंतिम तिथि 10 मई है. पिछले वर्ष एनटीए की ओर से चार विश्वविद्यालयों डीयू, जेएनयू, बीएचयू, बीबीयू लखनऊ में पीएचडी कोर्स में प्रवेश के लिए एक संयुक्त प्रवेश परीक्षा आयोजित की थी. लेकिन, अब इस साल संयुक्त प्रवेश परीक्षा के जरिये दाखिले नहीं होंगे. अधिसूचना में कहा गया है कि जूनियर रिसर्च फेलोशिप (जेआरएफ) के छात्र पीएचडी में सीधे प्रवेश के लिए आवेदन कर सकेंगे. उनका प्रवेश 100 प्रतिशत साक्षात्कार के आधार पर होगा. जेआरएफ उम्मीदवार नेट के जरिये भी आवेदन कर सकते हैं. यूजीसी के नियमानुसार नेट के जरिये प्रवेश में स्कोर को 70 प्रतिशत और साक्षात्कार को 30 प्रतिशत वेटेज दिया जाएगा. नेट का स्कोर एक साल के लिए मान्य होगा. शैक्षणिक सत्र 2024-25 के लिए पीएचडी के लिए ई-प्रास्पेक्टस शीघ्र ही जारी किया जाएगा.