मध्य प्रदेश

madhya pradesh

ETV Bharat / state

नई अफीम नीति घोषित, किसानों के लिए ये है गाइडलाइन, जानिए लाइसेंस की शर्तें

केंद्र सरकार ने 2024-25 के लिए अफीम नीति घोषित कर दी है. इसमें लाइसेंसधारी किसानों के लिए नियम-शर्तें तय की गई हैं.

OPIUM POLICY 2024 25
सरकार ने 2024-25 के लिए अफीम नीति घोषित की (ETV BHARAT)

By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : 4 hours ago

नीमच।केंद्र सरकार ने इस साल अफीम नीति घोषित करने में एक महीने की देरी की है. हर बार अफीम नीति सितंबर या पिर अक्टूबर के पहले सप्ताह तक घोषित हो जाती है. मगर इस बार अक्टूबर के अंतिम सप्ताह में अफीम नीति घोषित हुई है. इससे किसानों में आक्रोश भी देखा गया है. इसका असर अफीम उत्पादन में दिख सकता है. अफीम नीति आने के बाद अब किसान लाइसेंस लेकर इसकी केती कर सकेंगे.

लाइसेंसधारी किसान के लिए मार्फिन की मांत्रा तय की

नई अफीम नीति के अनुसार लाइसेंस धारी किसानों के लिए फसल में मार्फिन की औसत मात्रा 4.2 प्रति किलोग्राम या उससे अधिक है. किसानों को लेसिंग पद्धति के माध्यम से अफीम गोंद प्राप्त करना (लुवाई चिरई) वाला लाइसेंस मिलेगा. ऐसे किसान जिन्होंने वर्ष 2023-24 के दौरान पोस्त भूसा उत्पादन के लिए अफीम खेती की और तौल केन्द्र पर पोस्त भूसा पेश किया, इसके साथ ही जिनकी औसत उपज 900 किलोग्राम प्रति हेक्टेयर या उससे अधिक रही, उनको भी अफीम गोंद प्राप्त करना (लुगाई चिरई) वाला लाइसेंस मिलेगा.

नई अफीम नीति की जानकारी सांसद सुधीर गुप्ता (ETV BHARAT)

पिछले साल के लाइसेंस पात्रधारी के लिए भी अवसर

नई नीति के अनुसार ऐसे किसान जिनके लाइसेंस अपील के निपटान हो गया है, इसके साथ ही ऐसे किसान जो वर्ष 2023-24 के लिए लाइसेंस के पात्र थे, लेकिन किसी करणवश उन्होंने लाइसेंस नहीं लिया वे भी अफीम की खेती कर सकेंगे. इनई अफीम नीति के बारे में सांसद सुधीर गुप्ता ने भी बताया है कि अफीम गोंद प्राप्त करना (लुवाई चिराई) वाला लाइसेंस के तहत पात्र सभी काश्तकारों को केवल एक भूखंड में 0.10 हेक्टेयर का लाइसेंस जारी किया जाएगा. यदि किसान चाहे तो लाइसेंस प्राप्त क्षेत्र को पूरा करने के लिए दूसरों की जमीन को पट्टे पर ले सकते हैं.

ये खबरें भी पढ़ें...

किसानों की सरकार से मांग, अफीम की खेती में सीपीएस पद्धति के तहत शुरू करवाएं लेवी

अफीम की खेती पर नजर रखने के लिए तैनात हुआ ड्रोन, उच्च तकनीक के कैमरे से रहेगी पैनी नजर

निरस्त लाइसेंस वालों भी मिलेगा मौका

नई नीति के अनुसार ऐसे किसान जिनको वर्ष 1995-96 के बाद लाइसेंस जारी नहीं किया गया, उन्हें इस वर्ष सीपीएस पद्धति से लाइसेंस दिया जाएगा. साथ ही ऐसे किसान जिनका फसल वर्ष 1995-96 से 1997-98 तक की अवधि में लाइसेंस निरस्त कर दिया गया था, लेकिन जिन्होंने 25 किलोग्राम प्रति हेक्टेयर से अधिक न्यूनतम औसत उपज की, उन्हें इस वर्ष सीपीएस पद्धति से लाइसेंस दिया जाएगा. ऐसे किसान जिन्होंने वर्ष 2023-24 के दौरान सीपीएस पद्धति से खेती की और तौल केन्द्र पर प्रति हेक्टेयर 675 किलोग्राम या उससे अधिक पोस्त भूसे की उपज पेश की हो, वे किसान भी पात्र होंगे.

ABOUT THE AUTHOR

...view details