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गाड़ी के विंड स्क्रीन स्टिकर की कर लें जांच, नहीं तो मध्य प्रदेश में हाईवे पर भरें जुर्माना - NEW FASTAG RULES

मध्य प्रदेश के 100 टोल नाकों पर यात्रा से पहले NPCI के नए नियम जांचें. तत्काल फास्टैग में बदलाव करें नहीं तो भरें भारी जुर्माना.

NEW FASTAG RULES
फास्टैग के नए नियम (ETV Bharat)

By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Feb 17, 2025, 10:13 AM IST

Updated : Feb 17, 2025, 11:59 AM IST

New FASTag Rules:लॉन्ग ड्राइव पर कार से कहीं जा रहे हैं, तो यह न्यूज आपके लिए है. नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया ने आज 17 फरवरी से फास्टैग के नियमों में बदलाव कर दिया है. इन नए रूल्स का मकसद टोल टैक्स वसूली की प्रोसेस को आसान बनाना और टोल प्लाजा पर ट्रैफिक को बेहतर तरीके से कंट्रोल करना है. फास्टैग क्या होता है और फास्टैग को लेकर क्या बदलाव किए गए हैं, जान लीजिए इस आर्टिकल में, वरना ढीली हो जाएगी आपकी जेब.

इन बातों का ध्यान रखें फास्टैग यूजर्स

  • यदि आप लंबे सफर पर जा रहे हैं तो अपने फास्ट टैग अकाउंट में पर्याप्त बैलेंस रखें.
  • ब्लैकलिस्ट होने से बचने के लिए KYC डिटेल्स अपडेट करते रहें.
  • टोल प्लाजा पर पहुंचने से पहले अपने फास्टैग की स्थिति जांच लें और पर्याप्त बैलेंस रखें
  • टोल आने से 60 मिनट पहले फास्ट टैग हॉटलिस्ट या ब्लैक लिस्ट होने पर दोगुना टोल लगेगा.
  • टोल आने से 60 मिनट पहले फास्ट टैग की समस्या सुलझा ली तो सामान्य शुल्क ही लगेगा.

मध्य प्रदेश में कितने टोल नाके हैं
मध्य प्रदेश में भी लगभग 100 से ज्यादा टोल प्लाजा हैं. जिस तरह से मध्य प्रदेश में हाईवे बन रहे हैं, उसी तेजी से टोल प्लाजा भी बन रहे हैं. इन टोल नाकों पर हर साल करोड़ों रुपये का टोल टैक्स वसूला जाता है. मध्य प्रदेश में ज्यादातर टोल नाके नेशनल हाईवे पर हैं. राष्ट्रीय राजमार्गों पर बने इन टोल प्लाज की संख्या 64 है. वहीं बाकी टोल प्लाजा राज्य राजमार्गों यानी स्टेट हाईवे पर बने हुए हैं. ऐसे में अगर आप लॉन्ग ड्राइव पर जा रहे हैं, तो अपने फास्टैग का बैलेंस चेक करना न भूलें.

फास्टैग में कितना बैलेंस रखें?

फास्टटैग में आप जितना ज्यादा बैलेंस रखेंगे उतना ही बेहतर होगा. दरअसल, कई बार नए रूट पर यात्रा करते वक्त इस बात का अंदाजा नहीं होता कि यात्रा में कितने टोल टैक्स मिलेंगे और कितना टोल कटेगा. ऐसे में आप या तो गूगल मैप से टोल टैक्स की पहले ही जानकारी ले लें या फिर पर्याप्त बैलेंस या ऑटो डेबिट फीचर को अपने फास्टैग पर एक्टिव कर दें. इससे 500 रु से कम होने पर आपका फास्टैग अपने आप रिचार्ज हो जाएगा.

कैसे काम करता है फास्टैग?
फास्टैग एक स्टिकर होता है जो आपके वाहन के विंडस्क्रीन पर लगाया जाता है. जब आप टोल नाके से गुजरते हैं तो यह सिस्टम आपके वाहन पर लगे स्टीकर को स्कैन करता है. यह सिस्टम आपके बैंक खाते या डिजिटल वॉलेट से जुड़ा होता है. जैसे ही टोल नाके के पास पहुंचते हैं, फास्टैग उस स्टीकर को स्कैन कर आपके खाते से टोल शुल्क काट लेता है. दरअसल, टोल प्लाजाओं पर टोल कलेक्शन सिस्टम से होने वाली परेशानियों के समाधान के लिए राष्ट्रीय हाईवेज अथॉरिटी ऑफ इंडिया ने यह इलेक्ट्रॉनिक सिस्टम 2014 में शुरू किया था. फास्टैग की मदद से समय की बचत के साथ पेट्रोल और डीजल की भी बचत होती है.

मध्य प्रदेश में भी फास्टैग के नए नियम लागू
नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया यानि NPCI ने फास्टैग के नियमों को लेकर 28 जनवरी, 2025 को एक नोटिफिकेशन जारी किया था. नियमों को 17 फरवरी से लागू किया जा रहा है. मध्य प्रदेश में नए नियमों का असर उन पर पड़ेगा जो टोल भरने में देरी करते हैं या जिनके फास्टैग ब्लैकलिस्ट हो चुके हैं. यदि अगर फास्टैग रीड होने से एक घंटे पहले तक या रीड होने के 10 मिनट बाद तक ब्लैक लिस्टेड रहता है तो पेमेंट नहीं होगा. फास्टैग बैलेंस कम होने या ब्लॉक हो जाने पर ट्रांजैक्शन रिजेक्ट कर दिया जाएगा. कम बैलेंस, भुगतान में 15 मिनट से ज्यादा टाइम लगा या फास्टैग ब्लैकलिस्ट होने पर वाहन मालिक से अतिरिक्त जुर्माना वसूला जाएगा.


Last Updated : Feb 17, 2025, 11:59 AM IST

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