छत्तीसगढ़

chhattisgarh

ETV Bharat / state

छत्तीसगढ़ में नक्सल पीड़ित परिवारों ने खोला मोर्चा, गृह मंत्री से नहीं हुई मुलाकात, अधिकारियों के सामने रखी मांगें - Naxal affected Families demand

छत्तीसगढ़ में नक्सल पीड़ित परिवारों ने रायपुर में गृह मंत्री विजय शर्मा के बंगले का रुख किया. सभी नक्सल पीड़ित गृह मंत्री से मिलने आए थे. गृह मंत्रियों से मुलाकात नहीं हो पाई तो उन्होंने अधिकारियों को अपनी 12 सूत्रीय मांगें सौंपी है.

DEMAND OF REHABILITATION
छत्तीसगढ़ में नक्सल पीड़ितों का प्रदर्शन (ETV BHARAT)

By ETV Bharat Chhattisgarh Team

Published : Oct 2, 2024, 9:18 PM IST

रायपुर: छत्तीसगढ़ में नक्सल पीड़ितों ने सरकार से अपनी मांगों को पूरा करने का आह्वान किया है. अपनी 12 सूत्रीय मांगों को लेकर नक्सल पीड़ित परिवार प्रदेश के गृह मंत्री विजय शर्मा से मुलाकात करने रायपुर में उनके बंगले पर पहुंचा. मंत्री जी वहां मौजूद नहीं थे. जिसके बाद काफी देर तक नक्सल पीड़ित परिवार रायपुर में उनके बंगले के बाहर बैठे रहे. इसके बाद नक्सल पीड़ित परिवार के लोगों ने गृह मंत्री के बंगले में मौजूद अधिकारियों से मुलाकात कर अपनी मांगें उन्हें सौंपी है. पीड़ित परिवारों ने सरकार से एक महीने के अंदर उनकी मांगों पर विचार करने की अपील की है.

किन किन जिलों से आए थे नक्सल पीड़ित लोग: नक्सल पीड़ित परिवार छत्तीसगढ़ के मानपुर मोहला, धमतरी, नारायणपुर, खैरागढ़, दंतेवाड़ा जिले से आए थे. उन्होंने कहा कि कई वर्षों से वह 11 सूत्रीय मांगों के पूरे होने का इंतजार कर रहे हैं. इससे पहले की सरकारों में गृह मंत्री से लेकर सीएम तक से ये लोग मिल चुके हैं. इसके बावजूद आज तक इनकी मांगें पूरी नहीं हो पाई है.

नक्सल पीड़ित परिवारों की गुहार (ETV BHARAT)

नक्सल पीड़ित परिवार के लोगों को योग्यता अनुसार शासकीय नौकरी मिलनी चाहिए. प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत मकान और राशि मिलनी चाहिए. इसके साथ ही बच्चों को पढ़ाने के लिए स्कूल में आरक्षण की व्यवस्था होनी चाहिए. हमने साल 2019 में बड़ा आंदोलन किया था. हमें बीते साल सीएम ने घर देने की घोषणा की थी. आज तक हमें घर नहीं मिल सका है. बीते 20 साल से हम जिला प्रशासन और अधिकारियों के चक्कर काट रहे हैं: धीरेंद्र साहू, नक्सल पीड़ित

सरकार ने नक्सल पीड़ित परिवारों के लिए जिन योजनाओं को लाया है, उन योजनाओं का फायदा नक्सल पीड़ित परिवार को मिलना चाहिए. बच्चों की पढ़ाई के लिए स्कूल चाहिए. रहने के लिए मकान चाहिए. मुआवजा राशि नहीं मिल पाई है. सरकारी योजनाओं का लाभ नक्सल पीड़ित परिवारों को आज तक नहीं मिल पाया है. पुनर्वास नीति के तहत भी कोई भी लाभ नक्सल पीड़ित परिवार को नहीं मिला है: असोतीन सहारे, नक्सल पीड़ित

"हमें जमीन के बदले जमीन मिलनी चाहिए": नक्सल पीड़ित परिवार के एक सदस्य गेंद लाल मंडावी ने कहा कि "हमें जमीन के बदले जमीन चाहिए. नक्सली दहशत की वजह से गांव में जमीन छोड़कर आए हैं. ऐसे में सरकार से हम जमीन की मांग करते हैं. नक्सली हिंसा में मृतक लोगों को सरकारी नौकरी दी जाए. बुजुर्गों को पेंशन की सुविधा दी जाए. एक और नक्सल पीड़ित शख्स खुशाल चक्रवर्ती ने कहा कि नक्सल अटैक में मेरे पिताजी घायल हुए थे. उन्होंने नौकरी ज्वाइन की थी. कुछ दिनों बाद उनकी मौत हो गई. पुलिस भर्ती में हमारा चयन नहीं हो रहा है. हमारा प्रमाण पत्र भी नहीं बन पाया है. जिसकी वजह से हमें परेशानी हो रही है. सरकार हमारी परेशानी दूर करे.

नक्सल पीड़ित परिवारों की मांगें

  1. नक्सल पुनर्वास नीति में नक्सल पीड़ित मृतकों के बच्चों के नाम को शामिल किया जाए
  2. पुनर्वास नीति अंतर्गत मृतक के परिवार के सदस्य को योग्यता अनुसार शासकीय नौकरी देने का प्रावधान है. उन्हें शासकीय नौकरी दिया जाए
  3. पुनर्वास नीति अंतर्गत पीड़ित परिवार को शहरी और ग्रामीण क्षेत्र में आवास के लिए नजूल जमीन देने का प्रावधान है. हमें जमीन और शासकीय योजना के तहत घर दिया जाए.
  4. पुनर्वास नीति अंतर्गत पीड़ित परिवार के दो बच्चों को छात्रवृत्ति देने का प्रावधान है. उसे पूरा किया जाए. नक्सल पीड़ितों के बच्चों को राष्ट्रीय सांप्रदायिक सद्भाव प्रतिष्ठान दिल्ली के द्वारा छात्रवृत्ति दिलाई जाए.
  5. नक्सल पीड़ित परिवार के बच्चों को प्राइवेट स्कूल में शिक्षा के अधिकार के तहत प्रथम प्राथमिकता देते हुए स्कूलों में प्रवेश दिलाया जाए. उच्च शिक्षा में नक्सल पीड़ित परिवार के बच्चों को प्राथमिकता दी जाए.
  6. जिस तरह से आवासीय प्रयास विद्यालय में नक्सल पीड़ित परिवार के बच्चों को छठवीं नवमी और 11वीं कक्षा में सीधी भर्ती देने का प्रावधान रखा गया है. इस तरह केंद्रीय विद्यालय नवोदय विद्यालय में भी एडमिशन दिलाया जाए.
  7. नक्सल पीड़ित परिवार जिन्हें गांव से भगाया गया है.उन्हें दोबारा गांव में बसाया जाए. पीड़ित परिवारों को पुनर्वास नीति का पूरा लाभ दिलाया जाए.
  8. नक्सल पीड़ित परिवारों को पुलिस विभाग में नगर सैनिक गोपनीय सैनिक एसपीओ और सहायक आरक्षक के पद पर नियुक्त किया है. उन सभी परिवारों को पुलिस आरक्षक के पद पर नियुक्त करने की पहल की जाए. जितने भी पृथक किए गए नगर सैनिक गोपनीय सैनिक एसपीओ और सहायक आरक्षक को वापस नौकरी पर लिया जाए.
  9. नक्सली हिंसा में मारे गए मृतक को शहीद का दर्जा दिया जाए. प्रदेश के सभी मृतक के परिवार को शहीद प्रमाण पत्र दिलाया जाए
  10. नक्सल हमले में घायल लोगों को नक्सल पीड़ित प्रमाण पत्र दिलाने की पहल की जाए.
  11. नक्सल पीड़ित परिवारों को सफर के लिए बस और ट्रेन का पास दिया जाए
  12. नक्सल पीड़ित परिवार के आयोग का गठन किया जाए . इसमें नक्सल पीड़ित परिवार के सदस्यों को शामिल किया जाए.

रायपुर पहुंचे नक्सल पीड़ित परिवार, मांगें पूरी न होने पर दी आमरण अनशन की चेतावनी

नाराणयपुर में नक्सल पीड़ित लामबंद, 15 दिन में नहीं मिला योजनाओं का लाभ तो 18 से अनिश्चितकालीन धरना

नक्सल पीड़ित बच्चों के लिए फ्री शिक्षा, शिक्षक दिवस पर नई लाइब्रेरी का हुआ शुभारंभ

ABOUT THE AUTHOR

...view details