शिमला: हिमाचल को प्राकृतिक खेती में अग्रणी राज्य बनाने की दिशा में प्रयास जारी हैं. इसके तहत अब कृषि विभाग के सभी फॉर्मों में प्राकृतिक खेती की जाएगी. सीएम सुक्खू ने अधिकारियों को प्रदेश में प्राकृतिक खेती से गेहूं व मक्की उगाने वाले क्षेत्रों की मैपिंग करने के निर्देश जारी किए.
मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने शिमला में आयोजित कृषि विभाग की समीक्षा बैठक की अध्यक्षता में कहा कि, 'प्रदेश में कृषि विभाग के सभी फार्म को सिर्फ प्राकृतिक खेती की तकनीक से ही खेती की जाएगी. यहां प्राकृतिक खेती करने के लिए बीजों का उत्पादन किया जाएगा. प्राकृतिक खेती से उत्पादित गेहूं-मक्का के भंडारण के लिए हाई एंड तकनीक से भंडारण केन्द्र का निर्माण किया जाएगा. आगामी वर्ष में एक लाख परिवारों को प्राकृतिक खेती से जोड़ा जाएगा.
प्राकृतिक खेती करने वाले किसानों का डेटा तैयार करने के निर्देश
वहीं, सीएम ने हमीरपुर के ताल में सौर ऊर्जा संयंत्र स्थापित करने की संभावना तलाश करने के निर्देश भी दिए. उन्होंने कहा कि, 'प्राकृतिक खेती करने वाले किसानों का विकास खंड के आधार पर डेटा तैयार किया जाए और इसे हिम परिवार से भी जोड़ा जाए. हिमाचल प्रदेश प्राकृतिक खेती के क्षेत्र में देशभर में अग्रणी राज्य बनने की ओर अग्रसर है.'
विश्वविद्यालय पालमपुर में डेयरी आधारित डिग्री पाठ्यक्रम शुरू
सीएम सुक्खू ने कहा कि, 'प्राकृतिक खेती के दौरान यदि फसल किसी बीमारी से ग्रसित होती है तो उसका उपचार भी प्राकृतिक पद्धति से ही किया जाना चाहिए. प्राकृतिक खेती के दृष्टिगत भूमि व बीज की जांच के लिए प्रदेश में हाई-एंड प्रयोगशालाएं खोली जाएंगी. प्रदेश सरकार ग्रामीण अर्थव्यवस्था मजबूत करने को विशेष अधिमान दे रही है. इसी दिशा में नीतियों एवं कार्यक्रमों को लागू किया जा रहा है. प्रदेश सरकार राज्य में हल्दी व अदरक के प्रसंस्करण के लिए प्रसंस्करण संयंत्र खोलने पर विचार कर रही है. इसके साथ चौधरी सरवण कुमार कृषि विश्वविद्यालय पालमपुर में डेयरी आधारित डिग्री पाठ्यक्रम शुरू किए जाएंगे, ताकि प्रदेश के युवाओं को इस क्षेत्र में आगे बढ़ने के लिए प्रोत्साहित किया जा सके.'
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