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धरती का जन्नत जमीन से 3000 फीट नीचे, कुदरत का रचा ऐसा संसार जहां शाम नहीं होती - NATIONAL TOURISM DAY 2025

चारों तरफ हरियाली, पहाड़ और जंगल, मध्य प्रदेश की इस जगह पर सिर्फ सुकून देखने को मिलेगा. जी हां, हम बात कर रहे हैं जमीन से 3000 फीट नीचे बसे पातालकोट की. यहां की ब्यूटी आपका मन मोह लेगी.

mysterious patalkot chhindwara
स्वर्ग से कम नहीं है पातालकोट (ETV Bharat)

By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Jan 25, 2025, 10:01 AM IST

Updated : Jan 25, 2025, 10:41 AM IST

छिंदवाड़ा (महेंद्र राय): राष्ट्रीय पर्यटन दिवस के मौके पर ईटीवी भारत आपको ऐसे टूरिज्म डेस्टिनेशन से रूबरू करा रहा है, जहां पर न सिर्फ आप एडवेंचर एक्टिविटी से रूबरू होंगे बल्कि शारीरिक और मानसिक रूप से भी खुद को स्वस्थ रख सकेंगे. हम बात कर रहे हैं उस अनोखी दुनिया पातालकोट की बात जो मध्य प्रदेश की सबसे गहराई वाला क्षेत्र है.

जमीन से नीचे बसी अनोखी दुनिया, जड़ी बूटियों का खजाना
धरातल से करीब 3000 फीट नीचे 79 वर्ग किलोमीटर में 12 भारिया जनजाति वाले गांव को पातालकोट कहा जाता है. पातालकोट इसलिए कहा जाता है क्योंकि यह सारे गांव जमीन से काफी नीचे बसे हुए हैं. यहां से निकलने वाली जड़ी बूटियां के सहारे अधिकतर आदिवासी अपना जीवन यापन करते हैं. पातालकोट की जड़ी बूटी देश-विदेश में मशहूर हैं. श्रीलंका के क्रिकेटर सनथ जयसूर्या के पैरों का इलाज करने का दावा भी यहां की जड़ी बूटियां से किया जाता है.

पातालकोट के कई गांवों तक धूप नहीं पहुंचती और दोपहर 3 बजे ही रात होने लगती है (ETV Bharat)

छिंदवाड़ा के रहने वाले ही आयुर्वेदाचार्य डॉक्टर प्रकाश इंडियन डाटा बताते हैं कि, ''पातालकोट की जड़ी बूटियां से ही श्रीलंका के मशहूर क्रिकेटर सनथ जयसूर्या का इलाज कर उन्हें ठीक किया गया था.'' तामिया वन मंडल के एसडीओ एचसी बघेल ने बताया कि, ''वनमंडल में अभी 188 प्रजाति के वृक्ष, 110 झाड़ियां, 577 प्रकार के छोटे पौधे, 132 प्रजाति की बेलाएं, 144 प्रजाति के घास और बम्बू, 98 प्रकार की अलगी शैवाल, 63 प्रकार के फंजाई है. इस प्रकार 21 प्रकार के आर्कीड और 290 प्रकार के औषधीय पौधों को समेटे हुए हैं.''

चारों तरफ हरियाली से घिरा हुआ है पातालकोट (ETV Bharat)

मिलेट्स और टूरिस्ट की खातिरदारी की दुनिया भर में पहचान
पातालकोट में रहने वाली जनजातियों के जीवन का सहारा सिर्फ जंगल ही है. जंगल से निकलने वाले उत्पाद मधुमक्खियां का शहद और मोटा अनाज इनके जीवन का प्रमुख सहारा है. एक या दो गांव में अब कोदो कुटकी और बालर की खेती होती है, लेकिन उसके अलावा बाकी सभी गांव के लोग जंगल के सहारे ही जीवन जीते हैं. यहां की जड़ी बूटी पूरी दुनिया में विख्यात है.

पर्यटकों को आकर्षित करती हैं पातालकोट की वादियां (ETV Bharat)

जमीन से करीब 3000 फीट नीचे जड़मादल, हर्रा कछार, सेहरा पचगोल, सुखा भंडारमऊ जैसे कुल 12 गांव हैं, जहां पर दिन में भी शाम जैसा नजारा होता है. कारण यह है कि ये गांव जमीन में काफी नीचे की ओर हैं और चारों ओर पहाड़ों से घिरे हैं. इस वजह से सूरज की रोशनी पहाड़ों से टकराती है और इन गांव तक नहीं पहुंचती.

पातालकोट में अधिकतर भारिया जनजाति के लोग रहते हैं (ETV Bharat)

खूबसूरत नजारा और मानसिक शांति के लिए बने होम स्टे
पातालकोट के खूबसूरत नजारों को देखने के लिए धरातल के गांव व्यू प्वाइंट रातेड़ चिमटीपुर और गेलडुब्बा में प्रशासन और स्थानीय ग्रामीणों की मदद से 12 होमस्टे बनाए गए हैं. जहां आसानी से लोग लोग रख कर पातालकोट के खूबसूरत नजारों को देखने के साथ ही वेलनेश टूरिस्म का भी आनंद ले सकेंगे. दरअसल पातालकोट के व्यू पांइट वाले गांव में टूरिज्म बोर्ड ने 12 होम स्टे स्वीकृत किए हैं.

खूबसूरत नजारा और मानसिक शांति के लिए बने होम स्टे (ETV Bharat)
पातालकोट की अनोखी दुनिया को देखने दूर दूर से आते हैं पर्यटक (ETV Bharat)

2019 में पातालकोट को बनाया बायोडायवर्सिटी इलाका
मप्र सरकार ने 2019 में विश्व भर में अनोखी दुनिया के नाम से अपनी पहचान कायम करने वाले पातालकोट को जैव विविधता विरासत स्थल घोषित किया था. इस स्थान पर पक्षी, कीट, पतंगे, वनस्पति और वन्य प्राणियों की विविध प्रजातियों का संरक्षण करने की योजना है. पातालकोट के 43 05.25 हेक्टर और तामिया वन परिक्षेत्र की 4062.24 हेक्टेयर क्षेत्र को जैव विविधता विरासत स्थल घोषित किया गया है.

पातालकोट की अनोखी दुनिया में रहस्य रोमांच के साथ जड़ी बूटियों का खजाना (ETV Bharat)

1700 फीट गहरी घाटी की तली में स्थित इस क्षेत्र के रिसर्च पर इसकी अनुमानित आयु 6 मिलियन वर्ष पाई गई है. क्षेत्र में ब्रायोफाइट्स एवं टेरिडोफाइट्स सहित दुर्लभ वनस्पति और प्राणियों का अनूठा भूभाग भी पाया गया था. यहां भारिया समुदाय के लोग रहते हैं. जिन्हें यहां पर पैदा होने वाली जड़ी बूटियां का पारंपरिक ज्ञान है.

सुकून के पल बिताना हो तो चले आएं पातालकोट (ETV Bharat)
Last Updated : Jan 25, 2025, 10:41 AM IST

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