दुमकाः राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग की सदस्य आशा लकड़ा ने शनिवार को दुमका में अुसूचित जनजाति के लिए चलायी जा रही योजनाओं की समीक्षा की. इस दौरान उन्होंने योजनाओं की लचर स्थिति पर सवाल उठाए और पदाधिकारियों को कई दिशा निर्देश दिए. बैठक के बाद आशा लकड़ा ने मीडिया से बातचीत में कई महत्वपूर्ण जानकारी दी.
पाकुड़ में छात्रों से मारपीट मामले की होगी जांच
उन्होंने कहा कि पाकुड़ में 26 जुलाई की रात केकेएम कॉलेज के आदिवासी हॉस्टल में छात्रों के साथ मारपीट मामले का राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग ने संज्ञान लिया था. इस संबंध में झारखंड के डीजीपी, मुख्य सचिव समेत पाकुड़ के डीसी और एसपी से रिपोर्ट तलब की गई थी. उन्होंने कहा कि रिपोर्ट से सौंप दी गई है, लेकिन रिपोर्ट में छात्रों के साथ किसने मारपीट की इसपर फोकस नहीं किया गया है. इसे आयोग ने गंभीरता से लिया है. मामले में आयोग की तीन सदस्यीय टीम 12 अगस्त को पाकुड़ पहुंचकर अपने स्तर पर जांच करेगी. टीम में आयोग के तीन सदस्य डॉ आशा लकड़ा , निरुपम चाकमा और जाटोतु हुसैन शामिल होंगे.
आदिवासी योजनाओं की स्थिति लचर
राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग के सदस्य डॉ.आशा लकड़ा ने कहा कि दुमका में आदिवासी समाज के उत्थान के लिए चलाई जा रही योजनाओं की स्थिति अत्यंत लचर है. डॉ. आशा लकड़ा ने कहा कि चाहे वह शिक्षा विभाग हो या स्वास्थ्य या कल्याण या फिर खाद्य आपूर्ति सभी योजनाओं की हमने समीक्षा की. जिसमें पाया गया कि आदिवासियों से संबंधित कल्याण की योजनाएं सही तरीके से उन तक नहीं पहुंच पा रही है. शिक्षा विभाग को तो यह जानकारी नहीं है कि अनुसूचित जनजाति के कितने बच्चे सरकारी स्कूलों में पढ़ते हैं या फिर एसटी टीचर्स की संख्या कितनी है.
स्वास्थ्य व्यवस्था भी बदहाल