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दुमका में अनुसूचित जनजाति योजनाओं की स्थिति लचर, पाकुड़ में छात्रों से मारपीट मामले की जांच करेगा आयोगः आशा लकड़ा - Scheduled Tribes Commission - SCHEDULED TRIBES COMMISSION

Asha Lakra in Dumka.दुमका में अनुसूचित जनजाति समाज के उत्थान के लिए चलायी जा रही योजनाओं की नेशनल एसटी कमीशन की सदस्य आशा लकड़ा ने समीक्षा की. इस दौरान उन्होंने योजनाओं की स्थिति देखकर नाराजगी जताई है.

Asha Lakra Reviewed ST Schemes
राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग की सदस्य आशा लकड़ा. (फोटो-ईटीवी भारत)

By ETV Bharat Jharkhand Team

Published : Aug 10, 2024, 10:39 PM IST

दुमकाः राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग की सदस्य आशा लकड़ा ने शनिवार को दुमका में अुसूचित जनजाति के लिए चलायी जा रही योजनाओं की समीक्षा की. इस दौरान उन्होंने योजनाओं की लचर स्थिति पर सवाल उठाए और पदाधिकारियों को कई दिशा निर्देश दिए. बैठक के बाद आशा लकड़ा ने मीडिया से बातचीत में कई महत्वपूर्ण जानकारी दी.

जानकारी देतीं राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग की सदस्य आशा लकड़ा. (वीडियो-ईटीवी भारत)

पाकुड़ में छात्रों से मारपीट मामले की होगी जांच

उन्होंने कहा कि पाकुड़ में 26 जुलाई की रात केकेएम कॉलेज के आदिवासी हॉस्टल में छात्रों के साथ मारपीट मामले का राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग ने संज्ञान लिया था. इस संबंध में झारखंड के डीजीपी, मुख्य सचिव समेत पाकुड़ के डीसी और एसपी से रिपोर्ट तलब की गई थी. उन्होंने कहा कि रिपोर्ट से सौंप दी गई है, लेकिन रिपोर्ट में छात्रों के साथ किसने मारपीट की इसपर फोकस नहीं किया गया है. इसे आयोग ने गंभीरता से लिया है. मामले में आयोग की तीन सदस्यीय टीम 12 अगस्त को पाकुड़ पहुंचकर अपने स्तर पर जांच करेगी. टीम में आयोग के तीन सदस्य डॉ आशा लकड़ा , निरुपम चाकमा और जाटोतु हुसैन शामिल होंगे.

आदिवासी योजनाओं की स्थिति लचर

राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग के सदस्य डॉ.आशा लकड़ा ने कहा कि दुमका में आदिवासी समाज के उत्थान के लिए चलाई जा रही योजनाओं की स्थिति अत्यंत लचर है. डॉ. आशा लकड़ा ने कहा कि चाहे वह शिक्षा विभाग हो या स्वास्थ्य या कल्याण या फिर खाद्य आपूर्ति सभी योजनाओं की हमने समीक्षा की. जिसमें पाया गया कि आदिवासियों से संबंधित कल्याण की योजनाएं सही तरीके से उन तक नहीं पहुंच पा रही है. शिक्षा विभाग को तो यह जानकारी नहीं है कि अनुसूचित जनजाति के कितने बच्चे सरकारी स्कूलों में पढ़ते हैं या फिर एसटी टीचर्स की संख्या कितनी है.

स्वास्थ्य व्यवस्था भी बदहाल

उन्होंने कहा कि इसी तरह जिले के सभी स्वास्थ्य केंद्रों की स्थिति बदहाल है. यहां तक की दुमका के फूलो झानो मेडिकल कॉलेज अस्पताल में चिकित्सक और कर्मियों की घोर कमी है. उन्होंने कहा कि सभी कमियों को दूर करने का निर्देश दिया गया है.

गर्ल्स हॉस्टल में छात्राएं खुले में स्नान को मजबूर

अनुसूचित जनजाति आयोग की सदस्य डॉ आशा लकड़ा ने बताया कि दुमका में झारखंड सरकार के कल्याण विभाग के द्वारा संचालित अनुसूचित जनजाति लड़कियों के लिए गर्ल्स हॉस्टल में सुविधाओं की घोर कमी है. निरीक्षण में पाया गया कि छात्राएं खुले में स्नान करने को मजबूर हैं. यही स्थिति बॉयज हॉस्टल की भी है, वहां भी काफी कमियां हैं.आशा लकड़ा ने तत्काल प्रशासन को डीएमएफटी फंड से सभी कमियों को दूर करने का निर्देश दिया है.

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