जयपुर में राष्ट्रीय सरस क्राफ्ट मेला जयपुर.राजधानी जयपुर के जवाहर कला केंद्र में राजस्थान ग्रामीण आजीविका विकास परिषद और ग्रामीण विकास विभाग की ओर से महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिए राष्ट्रीय सरस क्राफ्ट मेले का आयोजन किया गया है. राष्ट्रीय जयपुर सरस मेले में राजस्थान समेत देश के 21 राज्यों से स्वयं सहायता समूह की महिलाओं ने हैंडलूम हैंडीक्राफ्ट और उन्नत तकनीक से बने उत्पादों की स्टॉल्स लगाई है. सरस मेले में हाथों का हुनर लोगों को काफी लुभा रहा है.
राजीविका की जिला प्रोजेक्ट मैनेजर अनुपमा सक्सैना ने बताया कि करीब 21 राज्यों की महिलाओं की हस्तशिल्प कला की प्रदर्शनी लगाई गई है. नेशनल लेवल पर महिलाओं को बुलाकर उनके विभिन्न उत्पादों की प्रदर्शनी लगाई गई है. इस प्रदर्शनी में महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने का प्रयास किया गया है. राजस्थान समेत देशभर से महिलाओं ने करीब 200 स्टॉल्स लगाई है. इसके साथ ही हेल्दी फूड को प्रमोट करने के लिए फूड कोर्ट भी लगाया गया है. यहां पर वाजिब दामों में अच्छी चीजें लोग खरीद रहे हैं. कश्मीर, महाराष्ट्र, असम के प्रोडक्ट भी प्रदर्शित किए गए हैं.
21 जनवरी तक लगाई गई प्रदर्शनी प्रदर्शनी में ऐसे प्रोडक्ट प्रदर्शित किए गए हैं, जो सामान्य प्रदर्शनी में देखने को नहीं मिलते हैं. मेले का आयोजन 21 जनवरी तक सुबह 9 से रात 10 बजे तक जारी रहेगा. बड़ी संख्या में लोग मेले में पहुंचकर लाभ उठा रहे हैं.
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इन राज्यों के उत्पादों की प्रदर्शनी :राजस्थान, महाराष्ट्र, उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल, त्रिपुरा, हिमाचल प्रदेश, मध्य प्रदेश, जम्मू एंड कश्मीर, हरियाणा, कर्नाटक, उड़ीसा, गोवा, बिहार, केरल, पुडुचेरी, छत्तीसगढ़, आंध्र प्रदेश, गुजरात, असम, गोवा से करीब 200 स्टॉल्स लगाई गई है. स्वयं सहायता समूह की महिला सदस्यों ने हैंडलूम, हैंडीक्राफ्ट, उत्पादों को प्रदर्शित किया है. मेले में लोगों का काफी आकर्षक बन रहा है.
ये उत्पाद बन रहे आकर्षण का केंद्र : महिलाओं की हस्तशिल्प कला लोगों को आकर्षित कर रही है. हेल्दी फूड को प्रमोट करने के लिए गुड़- तिल के बिस्कुट की स्टाल लगाई गई है. मेले में हैंडीक्राफ्ट, हैंडलूम, राजस्थानी जूती, राजस्थानी परिधान, ब्लू पॉटरी, कोटा डोरिया, लोहे के सामान, रोज प्रोडक्ट लाख की चूड़ियां, टेराकोटा, जूट के उत्पाद, बाजरे के उत्पाद, सांगानेरी प्रिंट, घरेलू उत्पाद समेत करीब 200 आइटम की स्टॉल्स लगाई गई है. मेले में बाबा भीमराव अंबेडकर की चित्रकारी भी आकर्षण का केंद्र बनी हुई है.
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मेले में अपने उत्पादों की प्रदर्शनी लगाने वाली महिला रक्षिता का कहना है कि कोरोना के समय नौकरी छूट गई थी. इसके बाद अपनी कुकिंग हॉबी को पहचान बनाने का प्रयास किया. राष्ट्रीय जयपुर सरस क्राफ्ट मेले में मौका मिला है, जिसमें विभिन्न रेसिपी में नए-नए इनोवेशन करके कचोरी बनाई गई. कचोरी की खासियत है कि 2 से 3 महीने तक खराब नहीं होती है. बच्चों में हेल्दी फूड को प्रमोट करने के लिए गुड़ और तिल के बिस्कुट, मठरी भी बनाई गई है. नव्या फूड स्टार्टअप के जरिए महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने का लक्ष्य है.
21 राज्यों के उत्पादों का प्रदर्शन वहीं, राष्ट्रीय सरस क्राफ्ट मेले में बाड़मेर की रहने वाली हीना ने बताया कि हैंडीक्राफ्ट हैंडबैग को लोग काफी पसंद कर रहे हैं. हाथ से तैयार किए गए बैग में मोती, पंख, सीपिया, सितारे समेत अन्य सामग्री लगाई गई है. हाथ की कला से बाबा भीमराव अंबेडकर की कशीदाकारी कला कपड़ों पर बनाये गए चित्र भी मेले में प्रदर्शित किए गए हैं. हाथों से सुई धागे समेत अन्य सामग्री का उपयोग करके कई तकनीकों से उत्पाद तैयार किया जा रहा है.