जींद: ललित खेड़ा गांव के पास नेशनल हाईवे 152डी पर प्रवेश के लिए कई गांवों के ग्रामीणों ने लंबा आंदोलन किया. जिसके बाद प्रशासन ने आश्वासन दिया था कि उन्हें हर हाल में एंट्री दिलाई जाएगी, लेकिन इन लोगों का आंदोलन कारगर साबित नहीं हुआ. दरअसल गांव के लोगों को नेशनल हाईवे 152डी पर जाने का रास्ता नहीं मिलेगा. एनएचएआई के अधिकारियों ने कहा कि एक जिले में चार से अधिक रास्ते नहीं दे सकते. प्रशासन अब दोबारा इसका प्रयास करेगा.
जींद प्रशासन एनएचएआई अधिकारियों के साथ करेगा बैठक: 12 मार्च के बाद एनएचएआई के अधिकारियों के साथ बैठक होगी. जिसमें शामलो कलां गांव के पास इसकी संभावना तलाशी जाएगी. जींद-गोहाना नेशनल हाइवे से ललित खेड़ा गांव के पास नेशनल हाईवे 152डी पर रास्ता मिलने की योजना लगभग रद्द हो गई है. इसकी संभावना दोबारा तलाशने से लेकर जींद-रोहतक नेशनल हाइवे पर शामलो कलां गांव के पास कट की मंजूरी और जींद-सोनीपत ग्रीनफील्ड नेशनल हाईवे के निर्माण की हाई लेवल पर समीक्षा होगी.
ग्रामीण 152डी पर रास्ता देने की कर रहे मांग: डीसी मोहम्मद इमरान रजा ने एनएचएआई अधिकारियों की बैठक 12 मार्च के बाद बुलाई गई है. गौरतलब है कि ललित खेड़ा गांव के पास एनएच 152 डी पर प्रवेश की मांग को लेकर ललित खेड़ा गांव, निडानी, निडाना, ढिगाना समेत कई गांवों के लोगों ने 2022 में आंदोलन किया था. कई दिन तक यहां धरना चला था. तत्कालीन डीसी डॉक्टर मनोज कुमार ने एनएचएआई अधिकारियों को मौके पर बुलाया था.
अभी तक शुरु नहीं हुई कार्रवाई: ग्रामीणों प्रशासन और एनएचएआई के अधिकारियों के बीच लंबी बातचीत हुई. जिसके बाद एनएचएआई अधिकारियों ने आश्वासन दिया था कि ललित खेड़ा गांव के पास से नेशनल हाईवे 152डी पर प्रवेश के लिए जलेबी चौक का निर्माण होगा. इसके लिए जमीन का अधिग्रहण किया जाएगा. इस आश्वासन के बाद ग्रामीणों ने अपना धरना समाप्त किया था. लगभग एक साल बाद भी यहां जमीन अधिग्रहण की कार्रवाई शुरू नहीं हुई है.