बीकानेर : राष्ट्रीय महिला आयोग की अध्यक्ष विजया रहाटकर मंगलवार को बीकानेर के दौरे पर रहीं. इस दौरान ईटीवी भारत से खास बातचीत में उन्होंने महिलाओं के प्रति समाज में मौजूद विकृत मानसिकता पर चिंता व्यक्त की. उन्होंने कहा कि संविधान दिवस के अवसर पर बीकानेर में राष्ट्रीय महिला आयोग की ओर से भारतीय संविधान की निर्माण प्रक्रिया में योगदान देने वाली 15 अद्वितीय महिलाओं को श्रद्धांजलि दी जाएगी.
सक्षमा जैसी पहल का विस्तार :राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष रहते हुए विजया रहाटकर ने महाराष्ट्र में एसिड अटैक पीड़िताओं और उत्पीड़न का शिकार हुई महिलाओं के लिए "सक्षमा हेल्पलाइन" जैसे नवाचार शुरू किए थे. इस विषय पर उन्होंने कहा कि इस तरह की पहल को राष्ट्रीय स्तर पर भी लागू करने की योजना है. उन्होंने यह भी कहा कि महिला सहायता के लिए आयोग हरसंभव प्रयास करेगा ताकि महिलाएं सकारात्मक दृष्टिकोण के साथ आगे बढ़ सकें.
विजया रहाटकर से खास बातचीत (ETV Bharat Bikaner) इसे भी पढ़ें-राजस्थान भाजपा की सह प्रभारी विजया रहाटकर बनीं राष्ट्रीय महिला आयोग की अध्यक्ष, केंद्रीय राज्य मंत्री का मिलेगा दर्जा
महिला उत्पीड़न पर चिंता :राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (NCRB) के आंकड़ों के अनुसार देश में महिलाओं के खिलाफ बढ़ते उत्पीड़न और दुष्कर्म के मामलों पर पूछे गए सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि ऐसी घटनाएं विकृत मानसिकता का परिणाम हैं, जो समाज की धारणा को धूमिल करती हैं. ऐसे लोग अपनी हीनता का प्रदर्शन करते हैं. उन्होंने कहा कि महिला सुरक्षा हमारी सामूहिक जिम्मेदारी है और समाज को इसे गंभीरता से लेना होगा. इससे पहले विजया रहाटकर ने बीकानेर नगर निगम द्वारा "सखी बस स्टॉप अभियान" के तहत दो पिंक बसों का लोकार्पण किया.
सर्किट हाउस में की जनसुनवाईःबीकानेर पहुंचीं विजया रहाटकर ने सर्किट हाउस में जनसुनवाई भी की. इस दौरान उन्होंने पीड़ित महिलाओं से मुलाकात की और उनकी समस्याओं को समझा. मौके पर ही अधिकारियों को निर्देश देकर समस्याओं के त्वरित निस्तारण का प्रयास किया. उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय महिला आयोग द्वारा शुरू किया गया "आपके द्वार कार्यक्रम" का उद्देश्य आयोग को लोगों तक पहुंचाना है. रहाटकर ने बताया कि बीकानेर में जनसुनवाई के दौरान संभागीय आयुक्त, जिला कलेक्टर, रेंज आईजी, जिला पुलिस अधीक्षक और अन्य विभागों के अधिकारी भी मौजूद रहे. इस दौरान पीड़ित महिलाओं की शिकायतों को सुनकर उनके निस्तारण का प्रयास किया गया.