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500 साल पुराने वट वृक्ष के सीने में विराजमान हैं भगवान शिव, नागा साधु ने किया था कमाल - SHIV TEMPLE MADE FROM BANYAN ROOTS

नर्मदापुरम में जूना अखाड़ा के काशी गिरि नागा बाबा ने 500 साल पुराने वट वृक्ष की जड़ों से बनाया था शिव मंदिर.

Narmadapuram shiv mandir
500 साल पुराने वट वृक्ष की जड़ों से बना है शिव मंदिर (ETV Bharat)

By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Feb 26, 2025, 1:55 PM IST

नर्मदापुरम: जिला मुख्यालय से लगभग 65 किलोमीटर दूर सोहागपुर में सिद्ध बाबा के नाम से एक प्रसिद्ध और अनोखा शिव मंदिर है. इस मंदिर में ईंट की छत नहीं है. यह वट वृक्ष की 6 जड़ों से बना हुआ है. 500 वर्ष पुराना वट वृक्ष महादेव को छाया प्रदान कर रहा है. प्राचीन अक्षय वट के प्राकृतिक मंडप में भगवान शिव विराजमान हैं. ऐसी मान्यता है कि जिस वट वृक्ष की शाखाएं 1 हजार से अधिक हो जाती हैं, वह वट अक्षयवट कहलाता है.

स्थानीय निवासी ने दी थी जमीन

श्रद्धालुओं के मुताबिक, यहां वर्षों पहले मणि श्री पंच जूना अखाड़ा के काशी गिरि नागा बाबा साधु आकर बस गए थे. उन्होंने ही शिव मंदिर की स्थापना की थी. सोहागपुर के निवासी आलोक जायसवाल ने कहा, " मेरे पूर्वजों द्वारा 5 एकड़ जमीन दान में दी गई थी. यह सिद्ध महाराज का स्थान है. पहले यहां पर सिर्फ सिद्ध बाबा की माड़िया हुआ करती थी.''

5 सदी पुराने वट वृक्ष की जड़ों से नागा साधु ने बनाया था मंदिर (ETV Bharat)

वट वृक्ष की जड़ों से बनाई गई है छत

आलोक जायसवाल आगे कहते हैं, "अब इस जगह विशाल बरगद का वृक्ष बन चुका है. करीब 500 साल पुराने वट वृक्ष की जड़ों से नागा बाबा ने कई तरह की कलाकृतियां बनाई हैं. इसमें ओम, स्वास्तिक, सुदर्शन चक्र, धनुष बाण और उड़ते हुए हनुमान समेत कुर्सी और सोफा भी शामिल हैं. साथ ही परिक्रमा के लिए वट वृक्ष के चारों ओर जड़ों से छत भी निर्मित की गई है."

स्थानीय निवासी ने कहा कि यह सिद्ध महाराज का स्थान है. गांव के बुजुर्ग बताते है कि यहां पर काशी गिरि नागा बाबा नाम के एक साधु युवा अवस्था में आए थे. उस समय मात्र इस जगह पर एक सिद्ध की माड़िया थी, जिसमें वे रहने लगे थे.

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