नर्मदापुरम: फाइबर, कैल्सियम एवं आयरन से भरपूर खास कर वेट लॉस (वजन कम) मेडिसीन के उपयोग में आने वाले चिया सीड की डिमांड भारत में बढ़ने लगी है. भारत के अधिकतर किसानों ने पारंपरिक खेती छोड़कर मेक्सिको में होने वाली चिया सीड की खेती करनी शुरू कर दी है. कम लागत में अधिक मुनाफा होना इसकी प्रमुख वजह है.
नर्मदापुरम संभाग में चिया सीड की खेती करने वाले पहले किसान हैं प्रमोद कुमार
नर्मदापुरम के मिसरोद के रहने वाले किसान प्रमोद कुमार संभाग के पहले किसान है जिन्होंने पारंपरिक खेती को छोड़कर चिया सीड की खेती करना शुरू कर दिया है. उनका कहना है कि यूट्यूब और अन्य सोशल मीडिया माध्यमों से उन्होंने इसकी जानकारी जुटाई और चिया सीड की खेती शुरू कर दी. साथ ही वह अन्य किसानो को चिया सीड की खेती करने के लिए प्रोत्साहित कर रहे हैं.
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ईटीवी भारत से बातचीत करते हुए किसानप्रमोद कुमारने बताया "मैं लंबे समय से पारंपरिक खेती करता हुआ आ रहा हूं लेकिन उसमें बचत नहीं होती है. सोशल मीडिया से मुझे चिया सीड, अश्वगंधा और आखरकरा की जानकारी मिली. मैने तीनों की खेती करना ट्राई किया लेकिन चिया की खेती रवि फसल के मुताबिक बहुत अच्छी है. इसके लिए वायुमंडल और तापमान भी यहां बिल्कुल फिट है. गेहूं के लिए जैसा तापमान चाहिए वैसा ही तापमान और वायुमंडल इसमें रहता है."