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नैनीताल हाईकोर्ट ने गंभीर बीमार पति का अभिभावक बनने की पत्नी को दी मंजूरी, जानें पूरा मामला

हाईकोर्ट ने ऐतिहासिक निर्णय में कहा 'पति गंभीर बीमार तो पत्नी अभिभावक बनने की हकदार' ब्रेन स्ट्रोक आने के बाद कोमा में है पति

WIFE BECOME GUARDIAN OF ILL HUSBAND
नैनीताल हाईकोर्ट (PHOTO- ETV BHARAT)

By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : Nov 12, 2024, 9:45 AM IST

नैनीताल: उत्तराखंड हाईकोर्ट नैनीताल में एक दिलचस्प मामला आया है. एक महिला ने गंभीर बीमारी से ग्रस्त अपने पति के लिए खुद को अभिभावक नियुक्त करने को लेकर याचिका दायर की है. महिला की याचिका पर सुनवाई करते हुए न्यायमूर्ति पंकज पुरोहित की एकलपीठ ने पति की प्रशासनिक और मेडिकल रिपोर्ट के आधार पर पत्नी को पति का अभिभावक नियुक्त करने के आदेश दिए हैं.

बीमार पति का अभिभावक बनाने का आग्रह: हालांकि, हाईकोर्ट ने ये शर्त भी रखी है कि अगर पति स्वस्थ्य हो जाता है, और उसका किसी भी प्रकार का शोषण और अधिकारों का हनन होता है, तो यह आदेश रद्द किया जा सकता है. कोर्ट ने कहा है कि ये आदेश मानवता को देखकर दिया जा रहा है, इसको अन्यथा न लें. मामले के अनुसार, एक महिला ने याचिका में कहा है कि उनकी शादी 2022 में हुई थी. शादी के बाद उनकी एक साल की पुत्री है. पिछले साल उनके पति को दो ब्रेन स्ट्रोक आए थे, तब से वो कोमा में हैं.

ये है मामला: महिला ने याचिका में बताया है कि उनके पति एक निजी स्कूल में खेल के अध्यापक थे. जब से वो कोमा में हैं, तब से उन्हें कई सरकारी दस्तावेजों की आवश्यकता पड़ रही है. लेकिन बिना उनके हस्ताक्षर के उन्हें बनाना मुमकिन नहीं है. अभी तक उनकी शादी का रजिस्ट्रेशन और बेटी का आधार कार्ड तक नहीं बन पाया है. न्यायालय से उन्होंने याचिका में प्रार्थना की है कि उनको पति का अभिभावक नियुक्त करने की अनुमति दी जाए, जिससे वो अपने रुके हुए कार्य प्रारंभ कर सकें.

बता दें कि, अभी तक ऐसे व्यक्ति के लिए अभिभावक नियुक्त करने का कोई कानून नहीं है. इससे पहले केरल हाईकोर्ट ने एक ऐसे ही मामले में निर्णय दिया था. महिला अब तक पति के इलाज पर 35 लाख रुपये से अधिक खर्च कर चुकी है.

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