वाराणसी:काशी अपनी संस्कृति को लेकर जानी जाती है. सबसे प्राचीन नगरी होने के साथ ही यह धार्मिक नगरी भी है. लेकिन, यहां पर आपको गंगा-जमुनी तहजीब दिख जाएगी. गंगा किनारे बसे इस शहर में हिन्दुओं का सहारा मुसलमान बन जाते हैं, तो मुसलमान के दोस्त हिन्दू. इसी बीच कुछ ऐसे भी मुस्लिम परिवार हैं, जिन्हें धर्म की बंदिशें भी कबूल नहीं हैं. उन्होंने इन सब से ऊपर उठकर कला को महत्व दिया है. इन्हीं में से एक नाम आता है, इरशाद अली का. इरशाद पेशे से कपड़ों के व्यापारी हैं, लेकिन इन्होंने कपड़ों पर ही भगवद्गीता जैसे हिन्दू ग्रंथों को कपड़ों पर उकेरा है. उन्होंने कपड़े पर हनुमान चालीसा लिखकर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को सौंपा है.
बनारस में रहने वाले लोग अपनी जीवन शैली में महादेव को रखते हैं. गंगा किनारे बसे इस शहर की आबो-हवा कुछ ऐसी है, कि हर कोई इसपर अपना दिल दे बैठे. यहां के लोग, यहां की संस्कृति ही कुछ ऐसी है. इसी में और चार चांद लगाने के लिए यहां के कलाकार और कारोबार भी कुछ न कुछ बेहद खूबसूरत करते रहते हैं. बनारस में साड़ी, काष्ठ, कला और मूर्तियों के माध्यम से कलाकारों और कारीगरों ने अपनी पहचान तो बनाई ही है. मगर कपड़ा व्यापारी इरशाद अली इनमें से खास हैं. उन्होंने न सिर्फ कुरान बल्कि हिन्दू धर्म ग्रंथों को लेकर काम किया गया. उन्होंने कपड़ों पर नए तरीके से और बारीकी से पुस्तक आकार में श्रीमद्भगवत गीता, श्री विष्णु सहस्रनाम लिखा है.
सीएम योगी को सौंपी कपड़े पर लिखी हनुमान चालीसा: इरशाद अली बताते हैं, कि आज उन्होंने अलग-अलग धार्मिक ग्रंथ और किताब को कपड़ों पर उकेरा है. इसके लिए उन्होंने गंगा की मिट्टी का भी प्रयोग किया है. इसके बाद अब उन्होंने कपड़े पर हनुमान चालीसा लिखकर उस कपड़े को सूबे के सीएम योगी आदित्यनाथ को सौंपा है.उनके साथ उनके बेटे भी मौजूद थे. इरशाद अली ने बताया, 'अब तक डेढ़ गुणा तीन फीट के कपड़े पर केसर, गंगाजल और गंगा की मिट्टी से हनुमान चालीसा, 30 मीटर कपड़े पर 6 खंडों में पुस्तकाकार श्रीमद्भागवतगीता, श्री विष्णु सहस्रनाम आदि लिखा है. इसके साथ ही वे वर्तमान में संविधान की प्रतियां कपड़े पर तैयार कर रहे हैं.
इसे भी पढ़े-प्रधानमंत्री मोदी 24 फरवरी को वाराणसी में करेंगे अमूल प्लांट का उद्घाटन, 25 को होगी जनसभा
उपहार देने पर सीएम ने पूछा ये सवाल:इरशाद ने बताया, कि मुख्यमंत्री योगी को ही भेंट देने के लिए उन्होंने ये हनुमान चालीसा तैयार की थी. उनका यह सपना पिछले दो फरवरी को पूरा हुआ. लखनऊ में सीएम ऑफिस में कैबिनेट मंत्री दया शंकर मिश्रा के साथ उन्होंने मुख्यमंत्री से मिलकर यह हनुमान चालीसा भेंट दी. उन्होने बताया कि यह हनुमान चालीसा उन्होने डेढ़ मीटर कपड़े पर 15 दिनों में लिखी है. मुलाकात के दौरान इरशाद ने सीएम को बताया, कि उन्होंने गंगा मिट्टी से गीता और संविधान को कपड़े पर लिखा है, जिसे सुनकर मुख्यमंत्री काफी खुश हुए. सीएम योगी ने उनसे पूछा, कि यह हनुमान चालीसा कब तक चलेगी? तो उन्होंने बताया, कि जब तक यह कपड़ा रहेगा तब तक यह हनुमान चालीसा साबित रहेगा.