वाराणसी : भेलूपुर क्षेत्र के भदैनी पावर हाउस के पास दिल दहला देने वाला मामला सामने आया है. इसमें एक व्यक्ति ने अपने पत्नी एवं तीन बच्चों को गोली मारकर हत्या कर दी. घटना से क्षेत्र में सनसनी फैल गई. घटना की जानकारी मिलते ही मौके पर भेलूपुर पुलिस सहित आलाधिकारी मौके पर पहुंच गए. फॉरेंसिंग टीम ने भी मौके पर पहुंचकर साक्ष्य जुटाए. वहीं पुलिस को आरोपी राजेंद्र की लाश रोहनिया थाना क्षेत्र के सदरपुर गांव में मिल गई है.
घटना के बाबत जानकारी देते गौरव बंसवाल, डीसीपी काशी जोन. (Video Credit : ETV Bharat) वाराणसी के भदैनी क्षेत्र स्थित पावर हाउस के पास राजेंद्र गुप्ता अपने परिवार के साथ रहता था. राजेंद्र गुप्ता के मकान में 15 से 20 किराएदार भी रहते हैं. मंगलवार को राजेंद्र ने अपनी पत्नी नीतू (45) और तीन बच्चों पुत्र नवनेंद्र गुप्ता (25), सुबेंद्र गुप्ता (15) और पुत्री गौरंगी गुप्ता (16) को गोली मार दी. हत्या के बाद राजेंद्र मौके से फरार हो गया. चार लोगों की हत्या की खबर से क्षेत्र में सनसनी फैल गई. पड़ोसियों की सूचना पर पहुंची पुलिस ने फाॅरेंसिक टीम को बुलाकर जांच पड़ताल की है. घटनास्थल पर राजेंद्र गुप्ता की मां मौके मिलीं, लेकिन काफी वृद्ध होने के कारण चल फिर नहीं सकती हैं. वहीं 15 से 20 किराएदारों में से कोई कुछ भी बोलने को तैयार नहीं है.
इसी निर्माणाधीन मकान में मिली राजेंद्र की लाश. (Photo Credit : ETV Bharat) बताया जा रहा है कि इसके पहले राजेंद्र अपने छोटे भाई कृष्ण गुप्ता और उसकी पत्नी की हत्या के मामले में जेल की सजा काट चुका है. 22 साल पहले इसी घर में उसने छोटे भाई और उसकी पत्नी की भी हत्या की थी. जिसके बाद उसकी गिरफ्तारी भी हुई थी. इसके कुछ दिन बाद ही घर से कुछ दूरी पर उसके पिता लक्ष्मी नारायण गुप्ता और उनके साथ रहने वाले दो गार्ड्स की भी हत्या हुई थी. हालांकि वह किसने की थी यह नहीं पता चला था. इस मामले में शक राजेंद्र पर ही था. फिलहाल इस पूरे मामले में अभी जांच जारी है.
तीन बच्चों और भतीजे के साथ नीतू गुप्ता. (Photo Credit : ETV Bharat) पड़ोसियों से भी बातचीत में पता चला है कि राजेंद्र का पत्नी और बच्चों से आए दिन विवाद होता था. पैतृक संपत्ति भरपूर होने की वजह से रुपये की कमी नहीं थी. लगभग 5 से 7 मकान हैं. लाखों रुपये किराए से ही आते हैं. नीतू उसकी दूसरी पत्नी थी. दूसरी शादी करने को लेकर भी परेशान था. इस वजह से अक्सर झगड़ा होता रहता था. इसके अलावा राजेंद्र गुप्ता इन दिनों किसी ज्योतिषी के प्रभाव में था.
ज्योतिषी ने बताया था कि आपकी पत्नी आपके कार्यों में बाधा उत्पन्न कर रही है. जिसके कारण राजेंद्र उसे अपने रास्ते से हटाना चाहता था और दूसरी शादी के लिए अपनी पत्नी से आए दिन बातचीत करता था. मौके पर इंस्पेक्टर भेलूपुर सहित कई पुलिस अधिकारी पहुंचे हैं. फॉरेंसिक टीम ने भी साक्ष्य जुटाए हैं.
करोड़ों की प्रॉपर्टी का अकेला वारिस था राजेन्द्र, भाई और पिता की हत्या के बाद दबंगई से रहता था
भेलूपुर हत्याकांड की कहानी से हर कोई शॉक्ड है.उनके करीबी तो यह मानने को तैयार ही नहीं है कि राजेंद्र ने ऐसी घटना को अंजाम दिया होगा.हालांकि की राजेंद्र की छवि बेहद सख्त और आपराधिक प्रवृत्ति की रही.
1997 में अपने भाई कृष्ण गुप्ता उसकी पत्नी और तीन महीने बाद अपने पिता लक्ष्मी नारायण गुप्ता समेत उनके दो गार्डों की हत्या के मामले में भी राजेंद्र गिरफ्तार हो चुका था. 2004 के बाद से वह जमानत पर जेल के बाहर था.
सबसे बड़ी बात यह है कि जिस गली में राजेंद्र का मकान है वह बेहद ही संकरी और पतली है. यहां लगभग पांच बिसुवा से ज्यादा बड़ी प्रॉपर्टी में लगभग 45 कमरों का मकान है. यह मकान राजेंद्र और उसकी मां के ही नाम है. हालांकि पूरी प्रॉपर्टी की देखरेख राजेंद्र की पत्नी नीतू करती थी. किराएदारों से आने वाले लगभग लाखों रुपये का हिसाब किताब भी नीतू के पास ही था. इसके अलावा अन्य दो प्रॉपर्टी का किराया भी नीतू को मिलता था. इसी बात को लेकर आए दिन नीतू और राजेंद्र के बीच विवाद होता था.
डीसीपी काशी जोन गौरव बंसवाल का कहना है कि घटना के पीछे आपसी विवाद सामने आ रहा है. राजेंद्र गुप्ता शक्की किस्म का था. वारदात अल सुबह की है. प्रथमदृष्ट्या लग रहा है कि सभी लोग अपने कमरों में सोए थे, उसी दौरान घटना को अंजाम दिया गया.
पड़ोसियों और मित्रों ने बताई चौंकाने वाली बात
पत्नी नीतू, दो बेटों और बेटी की हत्या के बाद राजेंद्र गुप्ता की लाश मिलने से मर्डर मिस्ट्री उलझ गई है. राजेंद्र का शव घटनास्थन से लगभग 12 किलोमीटर दूर अमरा अखरी स्थित निर्माणाधीन उसी के मकान में मिली है. राजेंद्र गुप्ता की लाश मिलने के बाद पुलिस के तफ्तीश की दिशा बदल गई है.
वहीं राजेंद्र के घर में रहने वाले किराएदारों और आसपास के लोगों को आत्महत्या की बात हजम नहीं हो रही है. राजेंद्र के करीबियों का कहना है कि राजेंद्र बच्चों का ध्यान रखता था. पत्नी की भी कद्र करता था, जितना भी किराया आता था वह पत्नी के पास ही जाता था. परिवार को बहुत ही सामंजस्य के साथ लेकर चलता था. हालांकि कुछ लोगों का कहना है कि राजेंद्र क्रूर मिजाज का आदमी था. किराएदारों का किराया लेट होने पर बहुत ही गलत तरीके से बर्ताव करता था. अगर घर में मेहमान या कोई छोटा बच्चा भी आने वाला है तो किराया बढ़ा कर लेता था. आए दिन किराएदारों से भी विवाद होता था. पड़ोस के लोगों से भी उसकी बातचीत नहीं होती थी. मोहल्लेवाले उससे बातचीत करने से बचते थे.
पड़ोसी गोविंद मिश्रा का कहना है कि राजेंद्र का व्यवहार पड़ोसियों के अलावा मां, पत्नी और अन्य लोगों के साथ बहुत अच्छा नहीं था. हाल ही में पड़ोस में मकान बनाने को लेकर पड़ोसियों से विवाद हुआ था. इसके अलावा घर पर भी आए दिन विवाद होता था. अपने भाई-भाभी, पिता और गार्डों की हत्या के बाद से वह बहुत ही दबंगई से रहता था. राजेंद्र ने नीतू उसकी दूसरी पत्नी थी. राजेंद्र की पहली पत्नी से दो बच्चे भी हैं. हालांकि 1997 में पहली पत्नी बच्चों को लेकर कोलकाता चली गई थी और अब वह वहीं रहती है. इसके बाद राजेंद्र ने दूसरी शादी कर ली थी. इसी के बाद से विवाद शुरू हुआ था. पिता दूसरी शादी के विरोध में थे, लेकिन राजेंद्र ने किसी की नहीं सुनी. विवाह के बाद हालात बिगड़ते गए और संपत्ति विवाद बढ़ता चला गया.
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