प्रयागराज: मौनी अमवस्या पर हुई भगदड़ के बाद बंसत पंचमी पर महाकुंभ मेला क्षेत्र में पुख्ता इंतजाम किए गए थे. बड़ी संख्या में श्रद्धालु स्नान करने पहुंचे तो थे लेकिन मन में डर था. ऐसे में दोबारा ऐसी स्थिति आने पर एक दूसरे से बिछड़े, इसलिए मुबंई से आये एक दंपति ने अनोखा तरीका अपनाया. सात जन्मों तक साथ निभाने की कसम खाने वाला ये दंपति एक दूसरे से बिछड़ न सके इसलिए अपने हाथ पर चाइल्ड रेस्क्यू बैंड बांध रखा था. जिससे वो एक दूसरे से किसी भी हालात में अलग न हो सकें.
प्रयागराज महाकुंभ मेला में मुबंई से आये हुए गोविंद यादव और सुमन यादव ने भीड़ में बिछड़ने के डर से अपने हाथों को बांध कर मेला क्षेत्र में प्रवेश किया. गोविंद और सुमन ने आस्था की डुबकी लगायी और उसके बाद अखाड़ों के शिविर में पहुंचकर साधु संतों का आशीर्वाद लिया.
मुबंई से आये दंपति ने दी जानकारी (Video Credit; ETV Bharat) इसे भी पढ़ें - महाकुंभ में शुरू हुई वैष्णव अखाड़ों की अद्भुत अग्नि स्नान साधना, 18 साल तक आग जलाकर तप करते हैं साधु - MAHA KUMBH MELA 2025
चाइल्ड रेस्क्यू बैंडपहनकर स्नान भी किया:चाइल्ड रेस्क्यू बैंड बांधकर सुमन और उनके पति गोविंद महाकुंभ मेला में पहुंचे. उन्होंने संगम से लेकर अखाड़ों तक में भ्रमण किया. इस दौरान ये दंपति चाइल्ड रेस्क्यू बैंड बांधे हुए हाथ से ही साधु संतों को प्रणाम भी कर थे. वहीं, चाइल्ड रेस्क्यू बैंड से हाथों को बांधे हुए इस दंपति को देखकर दूसरे श्रद्धालु चौंक भी रहे थे. ईटीवी भारत से बात करते हुए इस दंपति ने बताया कि वो दूसरे से अलग न हो सकें, इसके लिए उन्होंने अपने हाथों को चाइल्ड रेस्क्यू बैंड से बांध रखा है. उन्होंने यह भी बताया कि चाइल्ड रेस्क्यू बैंड को हाथों में पहनकर ही उन्होंने त्रिवेणी संगम में स्नान भी किया है.
साथ न छूटे इसलिये एक दूसरे से हाथ बांधा हाथ :संगम नगरी प्रयागराज में त्रिवेणी संगम में स्नान करके पुण्य अर्जित करने पहुंचे दंपति को जब मौनी अमावस्या पर हुई भगदड़ और लोगों के बिछड़ने की जानकारी मिली तो वो यहां आने से पहले डर गए थे. लेकिन संगम स्नान का उन्होंने मन में संकल्प ले लिया था. इस कारण उन्होंने सुरक्षित रहते हुए स्नान करने आने का फैसला लिया. जिसके बाद बच्चों की सुरक्षा के लिए इस्तेमाल किये जाने वाले चाइल्ड रेस्क्यू बैंड से पति-पत्नी दोनों ने अपने हाथों को बांध लिया. सुमन यादव का कहना है कि इस बैंड को बांधने का मकसद यह था कि वो त्रिवेणी संगम स्नान करने से लेकर महाकुंभ में साधु संतों अखाड़ों का दर्शन करने के दौरान भीड़ भाड़ वाले इलाके में भी पहुंचे तो एक दूसरे से अलग न हो. यही कारण है कि वो शाही स्नान के लिए जाते हुए अखाड़ों को भी देखने पहुंचे थे तो उनके हाथ में चाइल्ड रेस्क्यू बैंड बंधा हुआ था.
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