मंदसौर: छुट्टियां एंजॉय करना चाह रहे हैं लेकिन समय कम है तो फिर गोवा जाने का प्लान कैंसिल कर दीजिए. आपको गोवा जैसी फीलिंग मध्य प्रदेश में भी मिल जाएगी. एमपी टूरिज्म ने मंदसौर के गांधी सागर फॉरेस्ट रिट्रीट को बिलकुल गोवा की तर्ज पर विकसित किया है. यहां चंबल नदी के बैक वॉटर में कई एक्टिविटीज पर्यटकों का मनमोह लेंगी. यहां वाटर बॉडी और तरह-तरह के मनोरंजक और सांस्कृतिक इवेंट की सुविधाएं मुहैया कराई गई हैं. पर्यटन विकास के लिहाज से 14 अक्टूबर से फॉरेस्ट रिट्रीट फेस्टिवल आयोजित होने जा रहा है.
एमपी का गोवा यानि गांधी सागर फॉरेस्ट रिट्रीट
पर्यटन निगम के डिप्टी डायरेक्टर युवराज पाडोले बताते हैं कि "देश में कोविड काल के बाद तमाम पर्यटन स्थलों पर पर्यटन गतिविधियां बढ़ गई हैं. मध्य प्रदेश में भी धार्मिक पर्यटन के अलावा ग्रामीण और जल पर्यटन तेजी से विकसित हो रहा है. लिहाजा अब मध्य प्रदेश पर्यटन निगम प्रदेश के उन पर्यटन केन्द्रों को विकसित कर रहा है जहां पर्यटन के लिहाज से व्यापक संभावनाएं हैं. मंदसौर का गांधी सागर फॉरेस्ट रिट्रीट इनमें से प्रमुख है. जिसे मध्य प्रदेश पर्यटन निगम ने गुजरात की इवेंट आधारित कंपनी इवोक एक्सपीरियंस के साथ मिलकर बिल्कुल गोवा की तर्ज पर विकसित किया है."
पर्यटकों को मिलेंगी ये सुविधाएं
पर्यटन निगम के डिप्टी डायरेक्टर युवराज पाडोले के अनुसार "गांधी सागर फॉरेस्ट रिट्रीट में चंबल नदी के बैकवॉटर में जेट स्कीम, चेकिंग मोटर बोटिंग, ड्रैगन बोटिंग के अलावा हॉट एयर बैलूनिंग पैरा मीटरिंग जैसी और एक्टिविटी शुरू की गई हैं, इसके अलावा यहां आकर्षक रॉक कला पेंटिंग भी देख पाएंगे. यहां ऐतिहासिक हिंगलाज किला भी मौजूद है. लैंड एक्टिविटीज में एंड्रीनालाईन, रोपकोर्स, जिप लाइनिंग और एटीवी राइट्स और शूटिंग एक्टिविटीज की सुविधा दी गई है. लिहाजा यहां भी पर्यटकों का रुझान तेजी से बड़ा है. इसी तर्ज पर हनुमंतिया और बरगी डैम में भी जल पर्यटन शुरू किया गया है."
विकसित होंगे 30 नए डेस्टिनेशन
पर्यटन निगम के डिप्टी डायरेक्टर युवराज पाडोले ने बताया कि "महाकाल लोक के निर्माण के बाद प्रदेश के पश्चिमी हिस्से में पर्यटन गतिविधियां बड़ी हैं. उसके अलावा अब 12 अन्य नए धार्मिक लोक के अलावा 30 नए पर्यटन स्थलों को विकसित किया जा रहा है. जिसमें गांधी सागर के अलावा कूनो, चंदेरी, ओरछा, मांडव एवं प्रदेश के अन्य पर्यटन केंद्र हैं जिन्हें अधो संरचना और स्थानीय पर्यटन संभावनाओं को चिन्हित करके विकसित किया जा रहा है. न केवल धार्मिक पर्यटन बल्कि मध्य प्रदेश का बड़ा हिस्सा ग्रामीण परिवेश का है इसलिए अब ग्रामीण पर्यटन के अलावा जल पर्यटन को विकसित किया जा रहा है. इसके अलावा इन पर्यटन केंद्रों पर ग्रामीण रीति रिवाज खान-पान और रहन-सहन को प्रमोट किया जा रहा है."