भोपाल: मध्य प्रदेश मानवाधिकार आयोग ने सीहोर के पुलिस अधीक्षक मयंक अवस्थी के खिलाफ ₹5000 का जमानती वारंट जारी किया है. साथ ही उन्हें 29 जनवरी 2025 को आयोग के समक्ष व्यक्तिगत रूप से उपस्थित होने का भी निर्देश दिया है.
आयोग ने व्यक्तिगत रूप से पेश होने का भी दिया निर्देश
मध्य प्रदेश मानव अधिकार आयोग समय-समय पर प्रदेश में घटने वाली घटनाओं को लेकर जिम्मेदार अधिकारियों से जवाब तलब करता रहता है. ऐसे ही एक मामले में आयोग ने साल 2023 के एक मामले में अब तक जवाब न देने के कारण सीहोर के पुलिस अधीक्षक मयंक अवस्थी को वारंट जारी करते हुए पेश होने को कहा है.
मानव अधिकार आयोग के अनुसार 14.03.2023 को आवेदक कमल सिंह ने उनकी पुत्री को बहला-फुसलाकर भगाकर ले जाने के संबंध में गोपाल नामक युवक के खिलाफ आयोग में शिकायत दर्ज कराई थी. आयोग ने मामला दर्ज कर पुलिस अधीक्षक, सीहोर से मामले की जांच कराकर रिपोर्ट मांगी. आयोग ने मामले में निरंतर सुनवाई की.
मानवाधिकार आयोग ने सीहोर एसपी से एक केस में जांच कराकर रिपोर्ट देने को कहा था
मामले में आयोग ने पुलिस अधीक्षक, सीहोर को अलग अलग तारीखों- 10 अप्रैल 2023, 18 जुलाई 2023, 17 अक्टूबर 2023, 05 जनवरी 2024 एवं 5 अप्रैल 2024 को पत्र एवं स्मरण पत्र जारी किए. लेकिन उनकी तरफ से कोई जवाब न मिलने पर आयोग ने 27 अगस्त 2024 को पुलिस अधीक्षक को व्यक्तिगत तौर पर पत्र जारी कर 26 सितंबर 2024 तक रिपोर्ट पेश करने अन्यथा आयोग के समक्ष उपस्थित होने का निर्देश दिया.
परंतु सीहोर एसपी की तरफ से कोई जवाब नहीं मिला और ना ही 26 सितंबर 2024 को वह आयोग के समक्ष उपस्थित हुए. जिस पर आयोग ने व्यवहार प्रक्रिया संहिता की धारा 32(ग) के तहत उपन 5000/- रुपये का जमानती वारंट जारी करते हुए आयोग में व्यक्तिगत रूप से उपस्थित होने का निर्देश दिया है.