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हाईकोर्ट ने 900 किलोमीटर दूर कर दिया पूरे थाने का ट्रांसफर, कर दी थी बड़ी गलती - HC TRANSFER OF COPS 900KM AWAY

प्रदेशभर के थानों के हर कमरे में ऑडियो के साथ सीसीटीवी कैमरे लगाने के आदेश, हाईकोर्ट ने डीजीपी को दिया नोटिस

HC TRANSFER OF COPS 900KM AWAY
जबलपुर हाईकोर्ट (फाइल फोटो) (ETV Bharat)

By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Oct 20, 2024, 11:12 AM IST

जबलपुर: पुलिस हिरासत में एक युवक से मारपीट किए जाने के मामले को हाईकोर्ट ने काफी सख्ती से लिया है. जस्टिस जीएस अहलूवालिया की एकलपीठ ने मामले में प्रदेश के सभी पुलिस थानों के हर कमरे में ऑडियो सुविधा के साथ सीसीटीवी कैमरे लगाए जाने के पुलिस महानिदेशक को दिए हैं. एकलपीठ ने स्पष्ट किया है कि डीजीपी राज्य के सभी पुलिस अधीक्षकों से रिपोर्ट प्राप्त करें. इस मामले में किसी भी तरह की चूक पर अवमानना कार्रवाई की जाएगी.

थाने के स्टाफ का 900 किमी दूर ट्रांसफर

दरअसल, अखिलेश पांडे नामक व्यक्ति की ओर से हाईकोर्ट में एक याचिका दायर की गई थी. याचिका में कहा गया था कि वह एक कंपनी का मैनेजर है. अनूपपुर के भालूमाड़ा थाने की पुलिस उससे 5 हजार रुपए रिश्वत मांग रही थी. राशि न देने पर फर्जी अपराध दर्ज करके गिरफ्तार कर लिया गया. इतना ही नहीं थाने में मारपीट भी की गई. एक पुलिस कर्मी ने स्वयं अपनी वर्दी फाड़ी और दोष याचिकाकर्ता पर मढ़ दिया. सूचना के अधिकार के अंतर्गत प्राप्त सीसीटीवी फुटेज देखने के बाद सारी सच्चाई न्यायालय के सामने स्पष्ट हो गई. मामले को गंभीरता से लेते हुए न्यायालय ने पुलिस कर्मियों पर 1 लाख 20 हजार रुपए का जुर्माना लगाया. ये राशि याचिकाकर्ता को प्रदान की जाएगी. इतना ही नहीं घटना के दिन तैनात टीआई सहित समूचे स्टाफ को 900 किलोमीटर दूर स्थानांतरित करने का भी सख्त आदेश न्यायालय ने दिया है.

3 माह में किया जाए कोर्ट के आदेश का पालन

हाईकोर्ट ने मामले में स्पष्ट किया है कि आदेश तिथि से 3 माह की अवधि के भीतर पुलिस स्टेशन के अंदर हर कमरे और हर स्थान पर सीसीटीवी कैमरे लगाए जाएं. प्रत्येक पुलिस अधीक्षक से रिपोर्ट आज से एक महीने की अवधि के भीतर प्राप्त हो जाए. उसके बाद संबंधित पुलिस स्टेशन में स्थित हर कमरे सहित हर स्थान को दो महीने की अवधि के भीतर सीसीटीवी कैमरे के कवरेज क्षेत्र में लाया जाए. भविष्य में यदि यह पाया जाता है कि किसी पुलिस स्टेशन में सीसीटीवी कैमरे के कवरेज क्षेत्र के बाहर कोई क्षेत्र छोड़ दिया गया था तो ऐसी चूक को न्यायालय की अवमानना माना जाएगा.

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एसपी और एसएचओ के खिलाफ होगी कार्रवाई

हाईकोर्ट ने आगे कहा कि इस जिले के पुलिस अधीक्षक और संबंधित पुलिस स्टेशन के एसएचओ के विरुद्ध न्यायालय की अवमानना के लिए कार्रवाई की जाएगी. न्यायालय ने पुलिस महानिदेशक को 18 फरवरी 2025 तक रिपोर्ट पेश करने के निर्देश दिए हैं. एकलपीठ ने कहा कि डीजीपी प्रत्येक जिले के पुलिस अधीक्षक से रिपोर्ट मंगाकर सुनिश्चित करें कि क्या उनके जिले में स्थित पुलिस स्टेशनों के भीतर कोई कमरा या स्थान ब्लैक स्पॉट यानि सीसीटीवी कैमरा के बिना तो नहीं है. याचिकाकर्ता की ओर से अधिवक्ता अभिषेक पांडे ने पक्ष रखा.

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