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मध्यप्रदेश में 2 दिन में चालानी कार्रवाई कर वाहन चालकों से 30 लाख वसूले - challan action vehicles mp

Motor Vehicle Act MP : मध्यप्रदेश में मोटर व्हीकल एक्ट का पालन कराने के लिए हाईकोर्ट लगातार सख्ती बरत रहा है. इस बारे में राज्य सरकार ने अब तक की कार्रवाई का ब्यौरा हाईकोर्ट के सामने रखा. सरकार ने बताया कि 2 दिन में चालानी कार्रवाई में 30 लाख रुपये वसूले गए हैं.

Motor Vehicle Act MP
मध्यप्रदेश मोटर व्हीकल एक्ट मामले में हाईकोर्ट में सुनवाई

By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Mar 7, 2024, 3:53 PM IST

जबलपुर।हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस रवि विजय कुमार मलिमथ तथा जस्टिस विशाल मिश्रा की युगलपीठ के समक्ष राज्य सरकार ने रिपोर्ट पेश की. रिपोर्ट में युगलपीठ को बताया गया कि विगत दो दिन में नियम का उल्लंघन करने वाले वाहन चालकों खिलाफ चालान काटे गए. वाहन चालकों से दो दिन में ही 30 लाख से अधिक की राशि वसूली गयी है. अब युगलपीठ ने याचिका पर अगली सुनवाई सोमवार को निर्धारित की है.

सड़क दुर्घटनाओं को लेकर याचिका में ये हवाला दिया

गौरतलब है कि विधि छात्रा ऐश्वर्या शांडिल्य की तरफ से दायर याचिका में कहा गया है कि अधिकांश सड़क दुर्घटनाओं में गंभीर रूप से सिर में चोट आने के कारण दोपहिया वाहन सवारों की मौत होती है. सर्वोच्च तथा उच्च न्यायालय ने दो पहिया वाहन चालकों के लिए हेलमेट की अनिवार्यता के संबंध में आदेश जारी किये हैं. मोटर व्हीकल एक्ट में भी हेलमेट लगाकर वाहन चलाने का प्रावधान है. चौपहिया वाहनों के लिए सीट बेल्ट लगाना तथा वाहनों में हाई सिक्योरिटी नम्बर प्लेट लगाना भी आवश्यक है. इसका प्रदेश में पालन नहीं किया जाता है.

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मोटर व्हीकल एक्ट का पालन नहीं होने पर सरकार पर जुर्माना

पूर्व में हुई सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट ने मोटर व्हीकल एक्ट का परिपालन निश्चित तौर पर किया जाने के आदेश जारी किए थे. आदेश का पालन नहीं होने पर युगलपीठ ने सरकार पर 25 हजार रुपये की कॉस्ट लगाई थी. सरकार के आग्रह पर वाहनों में हाई सिक्योरिटी रजिस्ट्रेशन प्लेट, हेलमेट तथा सीट बेल्ट की अनिर्वायता के परिपालन के लिए हाईकोर्ट ने 6 माह का समय प्रदान किया था. निर्धारित समय सीमा में आदेश का परिपालन नहीं होने के कारण हाईकोर्ट ने परिवहन आयुक्त तथा एडीजीपी पुलिस मुख्यालय को तलब करते हुए अवमानना के संबंध में उन्हें शोकॉज नोटिस जारी किये थे. हाईकोर्ट द्वारा नियुक्त कोर्ट मित्र अधिवक्ता दिनेश उपाध्याय ने ये जानकारी दी.

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