MP में अगले सत्र से टीचर्स, स्टूडेंट्स की ऑनलाइन होगी अटेंडेंस, सरकारी स्कूलों में लगेंगे किंडर गार्डन स्कूल
MP Online Attendance in Schools: मध्य प्रदेश के सरकारी स्कूलों में उपस्थिति को सौ फीसदी सुनिश्चित करने के लिए राज्य सरकार अगले सत्र से टीचर्स, स्टूडेंट्स की ऑनलाइन अटेंडेंस लेगी. इसके अलावा राज्य के 4500 सरकारी स्कूलों में नर्सरी फॉर्मूला लागू होगा.
अगले सत्र से टीचर्स, स्टूडेंट्स की ऑनलाइन होगी अटेंडेंस
भोपाल। मध्य प्रदेश के सरकारी स्कूलों में टीचर्स और स्टूडेंट्स की उपस्थिति को सौ फीसदी सुनिश्चित करने के लिए नए सत्र से डिजिटल प्लेटफार्म से अटेंडेंस लगेगी. इसको लेकर स्कूल शिक्षा विभाग तैयारी कर रहा है. वहीं, प्रारंभिक शिक्षा की गुणवत्ता बढ़ाने के लिए निजी स्कूलों की तर्ज पर सरकारी स्कूलों में भी किंडर गार्डन यानी केजी-1 और केजी-2 की शुरूआत होगी. शैक्षिक गुणवत्ता रिपोर्ट पेश करते हुए स्कूल शिक्षा मंत्री राव उदय प्रताप ने इसकी जानकारी दी है.
4500 सरकारी स्कूलों में नर्सरी फॉर्मूला लागू होगा
स्कूल शिक्षा मंत्री ने कहा कि सरकारी स्कूलों के बच्चों की नींव को शुरूआत से मजबूत किया जा सके, इसके लिए प्राइवेट स्कूलों की तरह सरकारी स्कूलों में केजी 1 से स्कूल शुरू किए जाएंगे. आंगनबाड़ियों में पहुंचने वाले बच्चों को शुरूआती तालीम दी जा सके, इसके लिए आंगनवाड़ियों में ट्रेनिंग प्रोग्राम चलाया जाएगा.
नो बैग डे, मंत्री बोले मैं खुद चैक करूंगा
स्कूल शिक्षा मंत्री ने कहा कि शिक्षा बोझ न बने, इसलिए विभाग में नो बैग डे की नीति अपनाई जाएगी. सप्ताह में एक दिन नो बैग डे होगा. इस दिन सिर्फ बच्चों के बौद्धिक विकास और खेल प्रतिभाओं के लिए होगा. मंत्री ने कहा कि "हम इसे सख्ती से पालन करेंगे. मैं खुद स्कूल की क्लासेस में जाकर चेक करूंगा. जब नो बैग डे होगा तो मैं खुद जाकर स्कूल में बच्चों से मिलूंगा और इसकी जांच करूंगा."
शैक्षिक गुणवत्ता रिपोर्ट में राजधानी भोपाल के टॉप बॉटम में आने को लेकर स्कूल शिक्षा मंत्री राव उदय प्रताप ने चिंता जाहिर की है. उन्होंने कहा कि तमाम सोर्स के माध्यम से यह रिपोर्ट कार्ड तैयार किया गया है. रिपोर्ट से सामने आया है कि ग्रामीण क्षेत्र के स्कूल अच्छा प्रदर्शन कर रहे हैं, लेकिन यह चिंता का विषय है कि भोपाल, इंदौर जैसे शहर इस मामले में पिछड़ रहे हैं. स्कूलों की गुणवत्ता बढ़ाने के लिए राज्य सरकार आगामी सत्र से बेहतर प्रदर्शन करने वाले जिले के एक स्कूल और उसके शिक्षकों को सम्मानित करेगी, ताकि दूसरे स्कूलों को अच्छा करने की प्रेरणा मिल सके.