भोपाल:मध्य प्रदेश के सरकारी कर्मचारी एक बार फिर निराश हैं. उनके निराशा की वजह अभी तक महंगाई भत्ता यानि डीए न मिलना है. लंबे समय से कर्मचारी डीए की मांग कर रहे हैं. उन्हें उम्मीद थी कि दशहरा में मोहन यादव सरकार डीए देंगे, लेकिन उनकी उम्मीद टूट गई. इसके बाद वह दिवाली पर डीए की आस लगाए बैठे हैं, हालांकि अभी तक इस मामले पर मुख्यमंत्री मोहन यादव ने कोई बयान नहीं दिया है. जबकि पड़ोसी राज्य उत्तर प्रदेश और राजस्थान सरकार तो कर्मचारियों को बोनस दे रही है. इस खबर के बाद एमपी 7 लाख कर्मचारी आक्रोशित हैं.
पड़ोसी राज्य कर्मचारियों को दे रही बोनस
आपको बता दें कि पड़ोसी राज्य उत्तर प्रदेश सरकार ने अपने 14.82 लाख कर्मचारियों को 7000 रुपए बोनस देने का ऐलान किया है. इसके अलावा राजस्थान सरकार ने भी दीपावली पर अपने 6 लाख कर्मचारियों को बोनस देने की घोषणा की है. जबकि मध्य प्रदेश के कर्मचारियों को डीए ही नहीं मिल पा रहा है. पड़ोसी राज्यों की सरकारों के इस घोषणा के बाद से मध्य प्रदेश के कर्मचारी दुखी हुए हैं. उनका कहना है कि पड़ोसी सरकार अपने कर्मचारियों को बोनस दे रही है, जबकि हमारी सरकार 10 महीने में 4 प्रतिशत डीए ही नहीं दे पा रही है.
एमपी के कर्मचारी 10 महीने से DA की आस में बैठे
खबर यह भी है कि केंद्र सरकार भी अपने कर्मचारियों का डीए बढ़ाने जा रही है. केंद्र सरकार केंद्रीय कर्मचारियों के महंगाई भत्ते में 3 प्रतिशत की वृद्धि कर सकती है. अगर केंद्र की मोदी सरकार 3 प्रतिशत की इजाफा करती है तो केंद्रीय कर्मचारियों को 53 फीसदी मिलेगा. उन्हें अभी 50 फीसदी डीए मिल रहा है. जबकि मध्य प्रदेश के सरकारी कर्मचारियों को अभी 46 प्रतिशत महंगाई भत्ता दिया जा रहा है. जिसे वह 50 प्रतिशत करने की मांग कर रहे हैं. पिछले 10 महीनों से प्रदेश के 7 लाख कर्मचारी अटके हुए 4 प्रतिशत डीए मिलने की आस लगाए बैठे हैं, लेकिन मोहन यादव सरकार में ऐसी कोई सुगबुगाहट नहीं है.
बोनस 28 साल पहले बंद, DA दे नहीं रही सरकार
राज्य कर्मचारी संघ के अध्यक्ष हेमंत श्रीवास्तव के मुताबिक 'कर्मचारियों को अपने हक के लिए बार-बार मांग करनी पड़ रही है. केंद्र सरकार पहले ही केंद्रीय कर्मचारियों का डीए बढ़ाकर 50 फीसदी कर चुकी है. कई दूसरे राज्यों में भी कर्मचारी का डीए बढ़ चुका है, लेकिन मध्य प्रदेश के कर्मचारियों को अभी भी केंद्र के कर्मचारियों से 4 फीसदी कम महंगाई भत्ता मिल रहा है.'