भोपाल। मध्य प्रदेश के कर्मचारियों का करीब 12 सालों से वाहन भत्ते के स्लैब और मकान किराए भत्ते में कोई भी बढ़ोतरी नहीं हुई है. कर्मचारी संगठनों ने इसको लेकर अपनी नाराजगी जताई है. कर्मचारी संगठनों ने कहा है कि सालों बाद भी कर्मचारियों को मूल वेतन का तीन प्रतिशत गृह भाड़ा भत्ता और ₹200 वाहन भत्ता दिया जा रहा है. जबकि इस दौरान महंगाई काफी बढ़ चुकी है. पेट्रोल के दाम डेढ़ गुना बढ़ चुके हैं. कर्मचारी संगठन ने कहा है कि पेट्रोल 110 रुपए लीटर हो गया है. ऐसे में ₹200 वाहन भत्ते में आखिर महिने भर गाड़ी कैसे चलायें.
200रुपए में कैसे चलायें वाहन
कर्मचारी संघ के प्रदेश सचिव उमाशंकर तिवारी ने कहा कि प्रदेश के कर्मचारियों को 12 साल से छठवें वेतनमान के बाद सितंबर 2012 से वाहन भत्ता₹200 व मकान किराया भत्ता 107 रुपए 3% की दर से मिल रहा है. जबकि 2016 से सातवां वेतनमान लागू हो गया है. सातवां वेतनमान लागू होने के बाद केंद्र सरकार के कर्मचारियों को वाहन भत्ता 1800 रु और उस पर 46 फीसदी मह्गाई भत्ता मिलाकर 2628 रुपए वाहन भत्ता दिया जा रहा है. इसी तरह मध्य प्रदेश के चार महानगर में काम करने वाले कर्मचारियों को सिर्फ ₹200 महीना वाहन भत्ते के तौर पर दिए जा रहे हैं. जबकि पेट्रोल के दाम 108 रुपए लीटर से ज्यादा है.