भोपाल: मध्यप्रदेश में सरकारी कर्मचारियों के डीए बढ़ाए जाने के बाद अब प्रदेश के संविदा कर्मचारियों ने भी नियमित कर्मचारियों के समान महंगाई भत्ता दिए जाने की मांग शुरू की है. संविदा कर्मचारियों को अपनी सीपीआई इंडेक्स (Consumer Price Index) के आधार पर महंगाई भत्ते का लाभ दिया जा रहा है, इसके वजह से संविदा कर्मचारियों को नियमित कर्मचारियों के मुकाबले वेतनमान में 6 हजार रुपए तक का नुकसान उठाना पड़ रहा है. सीपीआई इंडेक्स को लेकर प्रदेश के संविदा कर्मचारी सरकार से खासे नाराज हैं. संविदा कर्मचारी एक बार फिर इस मांग को जोर शोर से उठाने की तैयारी कर रहे हैं.
संविदा नीति में किया गया था प्रावधान
शिवराज सरकार द्वारा विधानसभा चुनाव के पहले प्रदेश के संविदा कर्मचारियों की नाराजगी दूर करने के लिए उनकी पंचायत बुलाई थी. इस पंचायत में संविदा कर्मचारियों को लेकर कई ऐलान किए गए थे. इसमें एक संविदा कर्मचारी अधिकारियों की महंगाई दर को उपभोक्ता मूल्य सूचकांक से जोड़ने को लेकर भी था. सरकार ने इसे 22 जुलाई 2023 से लागू कर दिया. उस समय संविदा कर्मचारियों को 6 वें वेतनमान के अनुसार वेतन मिल रहा था.
'सरकार कर रही भेदभाव': रमेश राठौर
मध्यप्रदेश संविदा कर्मचारी अधिकारी महासंघ के अध्यक्ष रमेश राठौर कहते हैं कि, ''सरकार की इस नीति का संविदा कर्मचारियों द्वारा शुरूआत से ही विरोध जताया जा रहा है. प्रदेश सरकार अपने कर्मचारियों के बीच ही भेद कर रही है. जब नियमित कर्मचारियों को महंगाई भत्ता सांतवे वेतनमान के अनुसार दिया जा रहा है, तो संविदा कर्मचारियों को उपभोक्ता मूल्य सूचकांक यानी सीपीआई इंडेक्स के माध्यम से क्यों दिया जा रहा है. सरकार के इस फैसले से संविदा कर्मचारियों को 2 हजार से 6 हजार रुपए तक का नुकसान हो रहा है.''
इस तरह हो रहा नुकसान
संविदा कर्मचारियों को महंगाई भत्ता सीपीआई इंडेक्स के हिसाब से दिए जाने से नियमित कर्मचारियों के मुकाबले वेतन में कम लाभ हो रहा है. मौजूदा समय में नियमित कर्मचारियों को 50 फीसदी डीए मिल रहा है. जबकि संविदा कर्मचारी अधिकारियों का महंगाई भत्ता सीपीआई इंडेक्स की वजह से जिस अनुपात में वेतन बढ़ना था, वह नहीं बढ़ा. एक साल बाद भी यह लगभग पूर्व में मिल रहे वेतन के बराबर ही है. जबकि नियमित कर्मचारियों के वेतनमान को देखें तो नियमित लिपिक के वेतनमान में ही 3750 रुपए की बढ़ोत्तरी हुई है. इसी तरह डाटा एंट्री ऑपरेटर को महंगाई भत्ते के बाद 3750 रुपए अधिक मिल रहे हैं.