भोपाल: विधानसभा का सदन जो विधायकों को बोलने का मौका देता है, तब शीतकालीन सत्र में एक विधायक ने बोलने के बजाए चुप्पी साध ली. मौन को सर्वोत्तम भाषण बनाया. मौन असल में विधायक जी का प्रतिकार था, विरोध था नाइंसाफी के खिलाफ. झुग्गी वाले विधायक के तौर पर मशहूर हुए रतलाम के सैलाना से विधायक कमलेश डोडियार पहली बार सदन में बाइक से आए थे. स्टंट तब भी हुआ था और आज बुधवार को जब वो मुंह पर पट्टी बांध कर धरने पर बैठे स्टंट तब भी हुआ.
कमलेश डोडियार का आरोप है कि, ''डॉक्टर से हुए विवाद के मामले में जिस डॉक्टर ने उनसे अभद्र भाषा का इस्तेमाल किया, आदिवासियों को अपमानित किया उस पर अब तक कार्रवाई नहीं हुई. लिहाजा माननीय सदन के बाहर मन व्रत रखके धरने पर बैठ गए.''
अब मौन व्रत पर बैठ गए कमलेश डोडियार
भारतीय आदिवासी पार्टी के विधायक कमलेश डोडियार सदन में अपने स्टंट के लिए अलग पहचान रखते हैं. पहले उनकी पहचान बाइक वाले विधायक के तौर पर हुई थी, जब वे पहली बार बाइक से विधानसभा पहुंचे थे. अब मौन वाले माननीय कहलाए, क्योंकि उन्होंने सदन में मौन धरना दिया. धरने की वजह उनका हाल में उनके विधानसभा क्षेत्र सैलाना के जिला अस्पताल में मेडिकल ऑफिसर सीपी राठौर से हुआ विवाद है.
विधानसभा में मौन व्रत पर बैठे झोपड़ी वाले विधायक (ETV Bharat) जिसके बाद मेडिकल ऑफिसर ने विधायक के खिलाफ और विधायक ने मेडिकल ऑफिसर के खिलाफ मामला दर्ज कराया था. अब डोडियार इस मांग के साथ मौन धरने पर बैठे कि डॉक्टर के खिलाफ अब तक कोई कार्रवाई नहीं हुई. उन्होंने लिखित में मीडिया को बताया कि, ''डॉक्टर ने जिस तरह से अभद्र शब्दों का इस्तेमाल किया, आदिवासियों को अपमानित किया. उनके खिलाफ अब तक कोई कार्रवाई नहीं की गई.
सिंघार बोले, मामले की निष्पक्ष जांच होनी चाहिए
विधानसभा में धरने पर बैठे आदिवासी विधायक कमलेश्वर डोडियार से नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने मुलाकात की. बोले कि मामले की निष्पक्ष जांच होनी चाहिए. कमलेश्वर डोडियार से मुलाकात के बाद नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने कहा कि, ''कोई भी जनप्रतिनिधि हो, किसी भी पार्टी का हो उसका सम्मान होना चाहिए. सरकार विपक्ष के विधायकों की आवाज दबा रही है.'' उमंग सिंघार ने आगे कहा कि, ''ऐसे मामलों में सरकार के विधायकों पर तो कोई कार्यवाही नहीं होती जबकि विपक्षी विधायकों पर केस डाले जा रहे हैं.''
'अधिकारियों को बढ़ावा दे रही है भाजपा सरकार'
उमंग सिंघार ने कहा कि, ''विधानसभा लोकतंत्र का मंदिर है, जनप्रतिनिधियों को जब आप अधिकार देते हो तो इस मामले में भी निष्पक्ष जांच होनी चाहिए.'' उन्होंने कहा कि, ''कमलेश्वर डोडियार आदिवासी समाज से विधायक हैं और ये आदिवासियों का अपमान है. भाजपा सरकार अधिकारियों को बढ़ावा दे रही है, ये गलत है. इसपर निष्पक्ष जांच होनी चाहिए.''उप नेता प्रतिपक्ष हेमंत कटारे ने कहा कि, ''हम संकट के वक्त में विधायक कमलेश डोडियार के साथ हैं. जरूरत पड़ी तो सीएम मोहन यादव और विधानसभा अध्यक्ष से बात करेंगे.''