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MP में 8 सीटों पर आखिरी जंग, रतलाम-झाबुआ में क्या पलटेगी बाजी, विधानसभा वार कौन कहां भारी - MP 8 Seats Voting In 4th Phase - MP 8 SEATS VOTING IN 4TH PHASE

मध्य प्रदेश की 29 लोकसभा सीटों में से 21 सीटों पर चुनाव संपन्न हो चुके हैं. आखिरी व चौथे चरण में 8 सीटों के लिए 13 मई को मतदान होगा. इन 8 साटों में से सबसे ज्यादा कड़ी फाइट रतलाम-झाबुआ और धार में देखने मिल रही है. जानिए 8 सीटों का सियासी समीकरण और कौन कहां पर भारी...

MP 8 SEATS VOTING IN 4TH PHASE
एमपी में 8 सीटों पर आखिरी जंग (ETV Bharat)

By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : May 8, 2024, 5:24 PM IST

Updated : May 8, 2024, 6:10 PM IST

भोपाल।मध्य प्रदेश में तीसरे चरण के मतदान के बाद अब आखिरी जंग की शुरूआत हो गई है. प्रदेश के चौथे चरण में 8 लोकसभा सीटों पर 13 मई को वोट डाले जाएंगे. चौथे चरण में बीजेपी-कांग्रेस सहित कुल 74 उम्मीदवार चुनाव मैदान में उतरे हैं. इसमें 30 उम्मीदवार निर्दलीय हैं, जबकि 4 महिला उम्मीदवार चुनाव में उतरी हैं. चौथे चरण में सबसे तगड़ा मुकाबला रतलाम और धार लोकसभा सीट पर माना जा रहा है. इन दो सीटों की 16 विधानसभा सीटों में से 8 पर कांग्रेस और 8 बीजेपी का कब्जा है.

दो सीटों पर सबसे कड़ी टक्कर

लोकसभा चुनाव के चौथे चरण में मध्य प्रदेश की 8 लोकसभा सीटों देवास, उज्जैन, मंदसौर, रतलाम, धार, इंदौर, खरगौन और खंडवा लोकसभा सीटों पर 13 मई को वोट डाले जाएंगे. मध्य प्रदेश की 2 सीटों पर फाइट सबसे तगड़ी मानी जा रही है. इनमें से रतलाम और दूसरी सीट धार है. रतलाम लोकसभा सीट पर बीजेपी की अनीता चौहान और कांग्रेस के कांतिलाल भूरिया के बीच सीधा मुकाबला है. इस सीट पर कुल 12 उम्मीदवार अपनी किस्मत आजमा रहे हैं. इस सीट पर 2019 के चुनाव में बीजेपी के गुमान सिंह डामोर ने कांग्रेस के कांतिलाल भूरिया को 90 हजार वोटों से शिकस्त दी थी, लेकिन इस बार कांग्रेस कड़ी चुनौती पेश कर रही है. कांग्रेस के कांतिलाल भूरिया इस सीट पर जमकर पसीना बहा रहे हैं.

वैसे विधानसभा वार आंकड़े देखें तो रतलाम लोकसभा सीट में 8 विधानसभा सीटें आती हैं. इसमें से अलीराजपुर, पेटलावद, रतलाम ग्रामीण, रतलाम शहर और सैलाना सीट पर बीजेपी, जबकि तीन विधानसभा सीटों जोवट, झाबुआ और थांदला सीट पर कांग्रेस का कब्जा है. इस सीट पर कांग्रेस की पकड़ रही है. 1952 से लेकर 2019 तक इस सीट पर 18 चुनाव हुए, जिसमें से बीजेपी सिर्फ तीन बार ही जीत सकी है. 2015 में हुए उपचुनाव में कांग्रेस के कांतिलाल भूरिया ने चुनाव जीता था. इस सीट पर नोटा भी असर दिखाता है. 2019 के चुनाव में सबसे ज्यादा 30 हजार 364 वोट नोटा पर पड़े थे.

धार लोकसभा सीट पर बीजेपी की सावित्री ठाकुर और कांग्रेस के राधेश्याम मावेल के बीच मुकाबला है. इस सीट पर कुल 7 उम्मीदवार मैदान में हैं. धार लोकसभा सीट पर कांग्रेस-बीजेपी के बीच जबरदस्त फाइट देखने को मिल रही है. हालांकि 2019 के चुनाव में बीजेपी उम्मीदवार छतरसिंह दरबार ने कांग्रेस के दिनेश गिरवाल को 1.56 लाख वोटों से हराया था, लेकिन इस बार तस्वीर बदली हुई दिखाई दे रही है. 17 हजार 929 वोटा नोटा पर पड़े थे.

विधानसभा वार स्थिति देखें तो इस लोकसभा सीट में 8 विधानसभा सीटें आती हैं, जिसमें से 5 पर कांग्रेस और 3 पर बीजेपी का कब्जा है. सरदारपुर, गंधवानी, कुक्षी, मनावर और बदनावर पर कांग्रेस काबिज है. जबकि धमरपुरी, धार और अम्बेडकर नगर महू पर बीजेपी का कब्जा है. बीजेपी 2014 और 2019 दो चुनाव जीत चुकी है. 2009 में कांग्रेस ने यहां चुनाव जीता था. इस सीट पर हुए 15 चुनाव में से 7 चुनाव कांग्रेस और 8 बीजेपी ने जीते हैं.

सबसे बड़ी जीत की कोशिश

चौथे चरण की एक सीट इंदौर पर अब सबसे बड़ी जीत की कोशिश की जा रही है. कांग्रेस उम्मीदवार अक्षय कांति बम के पाला बदलने के बाद बीजेपी अब इस सीट पर उम्मीदवार शंकर लालवानी की जीत का रिकॉर्ड बनाने की कोशिश में जुटी है. 2019 के चुनाव में बीजेपी उम्मीदवार शंकर ललवानी को 10.68 लाख वोट मिले थे और 5.47 लाख वोटों से जीत दर्ज हुई थी. इस बार बीजेपी के सामने रास्ता साफ है, हालांकि बीएसपी सहित कुल 14 उम्मीदवार मैदान में हैं, लेकिन कांग्रेस ने किसी को भी समर्थन नहीं किया है.

आखिरी चरण की 8 सीटों का समीकरण (ETV Bharat Graphics)

इंदौर लोकसभा को बीजेपी का गढ़ माना जाता है. इस सीट में आने वाली सभी 8 विधानसभा सीट देपालपुर, इंदौर 1, इंदौर 2, इंदौर 3, इंदौर 4, इंदौर 5, राऊ और सांवेर पर बीजेपी का कब्जा है. कांग्रेस को इस सीट पर पिछले 40 सालों से जीत का इंतजार है. कांग्रेस ने आखिरी बार 1984 में इस सीट पर जीत दर्ज की थी. तब पूर्व मुख्यमंत्री प्रकाश चंद्र सेठी ने यहां से चुनाव जीता था.

2009 का इतिहास दोहराने की कोशिश

चौथे चरण में चार सीटों पर कांग्रेस 2009 का इतिहास दोहराने की कोशिश कर रही है. देवास, खंडवा, मंदसौर और उज्जैन लोकसभा सीट पर कांग्रेस ने आखिरी बार 2009 में चुनाव जीता था. देवास और उज्जैन लोकसभा सीट पर बीजेपी ने 2019 का चुनाव साढ़े तीन लाख से ज्यादा के मार्जिन से जीता है. देवास लोकसभा सीट पर 2014, 2019 में बीजेपी ने जीत दर्ज की. 2019 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी उम्मीदवार महेन्द्र सिंह सोलंकी ने कांग्रेस उम्मीदवार प्रहलाद सिंह टिपानिया को 3 लाख 72 हजार वोटों से हराया था.

खंडवा लोकसभा सीट पर कांग्रेस के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष व केन्द्रीय मंत्री अरूण यादव 2009 में जीत दर्ज की थी. उप चुनाव मिलाकर पिछले तीन चुनाव 2014, 2019 और 2021 में हुए उपचुनाव में बीजेपी का इस सीट पर कब्जा रहा है.

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उज्जैन लोकसभा सीट पर 2019 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी के अनिल फिरोजिया ने कांग्रेस के बाबूलाल मालवीय को 3.65 वोटों से हराया था. इस सीट पर कांग्रेस 2009 में आखिरी बार जीती थी.

मंदसौर लोकसभा सीट पर भी कांग्रेस आखिरी बार 2009 में ही जीती थी. तब कांग्रेस की मीनाक्षी नटराजन ने यह सीट कांग्रेस की झोली में डाली थी, लेकिन इसके बाद से बीजेपी का यहां कब्जा है. 2019 के चुनाव में बीजेपी के सुधीर गुप्ता से कांग्रेस की मीनाक्षी नटराजन को 3.76 लाख वोटों से हार गईं थी. देवास, खंडवा, उज्जैन और मंदसौर लोकसभा सीट की कुल 24 विधानसभा सीटों में से 21 पर बीजेपी का कब्जा है.

Last Updated : May 8, 2024, 6:10 PM IST

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