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मानसून की मेहरबानी: अजमेर, ब्यावर व केकड़ी के अधिकांश जलाशय लबालब, 25 वर्ष बाद भरा चौरसियावास तालाब - reservoirs are full in ajmer

अजमेर क्षेत्र में में इस बार अच्छी बारिश हुई है. इस नतीजा यह रहा कि जिले के अधिकांश जलाशय लबालब हो गए. इसी प्रकार ब्यावर और केकड़ी जिलों में भी मानसून मेहरबान रहा. बीसलपुर बांध में भी पानी की आवक हो रही है.

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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Aug 30, 2024, 10:35 AM IST

अजमेर: जिले में इस बार मानसून की अच्छी मेहरबानी रही. दो बांधों को छोड़कर जिले के सभी बांध और तालाब में भर गए. इससे भू-जल के रिचार्ज होने की भी अच्छी संभावना है. हालांकि जिले के दो जलाशय ऊंटडा तालाब और रूपनगढ़ बांध बिल्कुल रीते रह गए. दोनों जलाशय जल संसाधन मंत्री सुरेश सिंह रावत के विधानसभा क्षेत्र के है. इधर, अजमेर, टोंक और जयपुर की लाइफ लाइन बीसलपुर बांध में पानी की आवक कम हो रही है. हालांकि बांध में 314.02 फीट पानी आ चुका है जो अगले एक वर्ष के लिए तीनों जिलों की प्यास बुझाने के लिए पर्याप्त है.

इस बार मानसून से पहले आनासागर झील, फॉयसागर झील, पुष्कर सरोवर और किशनगढ़ के गोन्देलाव तालाब को छोड़कर सभी बांध और तालाब रीते थे, लेकिन अब सभी भर चुके हैं. इनमें कई जलाशयों में दो दशक बाद पानी आया है.जिले का सबसे बड़ा और पुराना जालियां स्थित नारायण सागर बांध में भी इस बार अरसे के बाद पानी की आवक अच्छी हुई है.

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भू-जल रिचार्ज होने की आस बंधी:बांधों और तालाबों में पानी की अच्छी आवक होने से भूजल रिचार्ज होने की उम्मीद बंध गई है. दरअसल, अजमेर जिले के बड़े इलाके डार्क जोन में थे. इन जलाशयों के भरने से वहां फायदा होगा. जल संसाधन विभाग में अधिशासी अधिकारी सत्येंद्र मीना बताते हैं कि जमीन पर वर्षा का पानी भरे रहने से भू-जल स्तर में सुधार होने की गुंजाइश रहती है.

25 वर्ष बाद भरा तालाब:उन्होंने बताया कि जिले में ऐसे कई जलाशय हैं, जो 2 दशकों बाद लबालब हुए हैं. इनमें अजमेर में चौरसियावास का तालाब है. यह तालाब 25 वर्षों बाद लबालब हुआ है. अभी इसमें चादर चल रही है. इसका पानी नाले के माध्यम से आनासागर झील में जा रहा है. इसी तरह फॉयसागर झील का भी ओवरफ्लो पानी आनासागर झील में आ रहा है.

ऊंटडा तालाब और रूपनगढ़ बांध हैं रीते:औसत से अधिक बारिश होने के बाद भी पुष्कर विधानसभा क्षेत्र में ऊंटडा तालाब और रूपनगढ़ बांध रीते हैं. दरअसल, कायड़ तालाब भरने के बाद काला नाला के जरिए पानी ऊंटडा तालाब में जाता है. इस तालाब के लबालब होने पर बारिश का पानी रूपनगढ़ बांध पहुंचता है. इस बीच पहाड़ों से भी बारिश का पानी ऊंटडा तालाब से निकलने वाले पानी में मिलकर नदी का रूप देता है जिसको रूप नदी कहा जाता है, लेकिन एक दशक से नदी ही नहीं ऊंटडा तालाब और रूपनगढ़ बांध में पानी की आवक नहीं हुई, क्योंकि इनके कैचमेंट एरिया में अतिक्रमण हो गया. इससे पानी का प्रवाह रुक गया.

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बीसलपुर बांध में आया 314.02 फीट पानी: बीसलपुर बांध अजमेर, टोंक और जयपुर के लिए लाइफ लाइन है. मानसून की मेहरबानी से बीसलपुर बांध में पानी की आवक हुई है, लेकिन अभी भी 30 फीसदी बांध खाली है. बांध की भराव क्षमता 315.50 फीट है. फिलहाल त्रिवेणी नदी से बांध में पानी की आवक बनी हुई है, लेकिन यह बांध को भरने के लिए नाकाफी है. जानकारों की मानें तो बीसलपुर बांध में तीनों जिलों के लोगों की एक वर्ष तक प्यास बुझाने जितना पानी आ चुका है.

तालाब और बांधों की स्थिति:

अजमेर में आनासागर - 13 फीट ( डेढ़ फीट ओवरफ्लो), फॉयसागर -26.9 ( 2 इंच ओवरफ्लो ), ऊंटडा- खाली, बीर-5 फीट, फूलसागर कायड-7.6 फीट, रामसर-6.3 फीट, रूपनगढ़- खाली, शिवसागर न्यारा-17.2 फीट, गोविंदगढ़-2.35 मीटर (ओवरफ्लो .32 एमएम), फूल सागर जालिया- खाली, राजियावास-8.6 फीट, मकरेड़ा-12 फीट ( 1 फीट ओवरफ्लो), लोरड़ी सागर-9.4 फीट (ओवरफ्लो), नारायण सागर खारी- 7 फीट, अजगरा -9.6 (ओवरफ्लो 1 फीट), ताज सरोवर अरनिया-13.3 फीट, मदन सरोवर धानवा, 12 फीट, मुंडोति-3 मीटर (ओवरफ्लो तीन फीट), न्यू बरोल-11.6 फीट (ओवरफ्लो 2 फीट), पारा प्रथम-10.7 फीट (ओवरफ्लो 1 फीट), पारा द्वितीय- 8.8 फीट ( ओवरफ्लो- 7 इंच ) बिसुंदनी बांध - 3.35 मीटर (ओवरफ्लो, 0.3 मीटर ), लसाडिया-3.65 मीटर (ओवरफ्लो, 0.19 मीटर), देह सागर बड़ली-12.7 फीट (ओवरफ्लो, 1 फीट), बूढ़ा पुष्कर-7.6 फीट, खानपुरा तालाब- 10.6 फीट (ओवरफ्लो 6 फीट ), चौरसियावास तालाब - 6.8 फीट (ओवरफ्लो, 2 फीट ), छोटा तालाब चाट - 7.4 फीट, लाखोलाव हनुतिया- 11 फीट ( ओवरफ्लो, 2 फीट ), भीमसागर तिहारी-12.6 ( ओवरफ्लो डेढ़ फिट ), खीरसंबन्द-12.5 फीट (ओवरफ्लो 3 फीट ), मदन सागर डिडवाड़ा-12.3 फीट ( ओवरफ्लो एक फीट ), रण संबंध नयागांव- 12 फीट, पुष्कर 19 फीट, कौड़िया सागर अराई- 9.5 फीट ( ओवरफ्लो 2 फीट ), सुखसागर सिरोंज-5.5 फीट ( ओवरफ्लो 2 इंच ), जवाहर सागर सिरोंज-8.2 फीट (ओवरफ्लो, 2 इंच), सुरखेली सागर अराई - 8.5 (ओवरफ्लो, 2 इंच ), विजय सागर लांबा- 10.3 फीट, किशन सागर गोगुंदा-9.8 फीट, नया सागर मोठी-1.20 मीटर, पुराना तालाब बलाड- 12.6 फीट, जवाजा तालाब-11 फीट, काबरा टैंक - 2.4 फीट, काली कांकर तालाब- 5.6 फीट, देलवाड़ा तालाब- 12.9 फीट, विजय सागर फतेहगढ़-11.6 ( ओवरफ्लो 2 इंच ), सिंदूर सागर - 6 फीट, गोविंद सागर- 8.6 फीट (ओवरफ्लो 2 इंच ), गज सागर- 8 फीट, बाके सागर-11 फीट, भगवंतिया सागर-4 फीट ( ओवरफ्लो 1 इंच ), जड़ जोड़ला सरवाड़- 6.7 फीट, मानसागर जोताया-8.9 ( ओवरफ्लो 3 इंच ), अम्बापुरा बांध-5.10 फीट.

अजमेर, ब्यावर और केकड़ी जिले में बारिश की स्थिति:

अजमेर: जिले में कुल 568 एमएम बारिश हुई है जो गत वर्ष से 118 एमएम अधिक है. अजमेर जिले क्षेत्र में अजमेर में 651 एमएम, बूढ़ा पुष्कर 657, गोविंदगढ़ 522, पुष्कर 440, नसीराबाद 848, पीसांगन 603, मांगलियावास 634, गेगल 193, रूपनगढ़ 594, किशनगढ़ 548, श्रीनगर 450, बांदर सिंदरी 469, अराई 778 एमएम बारिश हुई है.

ब्यावर: जिले में कुल 763 एमएम बारिश हुई है जो गत वर्ष से 125.94 एमएम ज्यादा है. ब्यावर क्षेत्र में ब्यावर तहसील 798 एमएम, ब्यावर सहायक अभियंता 896, जवाजा 601, टाटगढ़ 911, मसूदा 859, विजयनगर 618.50, नारायण सागर 657 एमएम बारिश हुई है.

केकड़ी:जिले में 653 एमएम कुल बारिश हुई है जो गत वर्ष से 123.84 एमएम ज्यादा है. केकड़ी क्षेत्र के सरवाड़ तहसील 592, सरवाड़ पुलिस थाना 592, गोयला 720, केकड़ी 651, सांवर 777, भीनाय 588 एमएम बारिश हुई है.

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