मुरैना। जिले में एक बार फिर आसमान से ऐसी आफत बरसी कि किसान रो उठे और लोग आश्चर्यचकित रह गए. दो दर्जन से ज्यादा गांव में बेर के आकार से भी बड़े-बड़े ओले गिरे. मौसम विभाग के अलर्ट के अनुसार शुक्रवार की शाम अचानक जिले भर में धूल भरी आंधी के साथ अनेक ग्रामीण इलाकों में बारिश के साथ 10 से 15 मिनट तक ओले गिरे. खड़ियाहर गांव में लगभग 15 मिनट तक ओले पड़े हैं. बारिश और ओले गिरने से सरसों और गेहूं की फसलों में भारी नुकसान हुआ है. खलिहान में कटी हुई रखी फसल को नुकसान का अनुमान है. कलेक्टर ने राजस्व विभाग की टीम को सर्वे करने के निर्देश दिए हैं.
बारिश के साथ बड़े-बड़े ओले गिरे
जिले में अचानक मौसम बदला और सिहोनियां क्षेत्र के सिहोनियां,खड़ियाहर,माता बसैया सहित दो दर्जन से अधिक गांव में 10 से 15 मिनट तक बारिश के साथ बेर के साइज के ओले गिरे. इससे तकरीबन 2 हजार बीघा में खड़ी फसलों में नुकसान हुआ. कई गांवों में तो बेर से बड़े साइज के भी ओले गिरे हैं. सैकड़ों किसानों की सालभर की मेहनत पर ओलावृष्टि ने पानी फेर दिया. गेहूं और सरसों की फसलों को सबसे ज्यादा नुकसान हुआ है. फसलों का 50 से 60 प्रतिशत हिस्सा डंटल कटने से पूरी तरह खराब हो गई. जो फसल बारिश-तेज हवा से खेतों में बिछ गई, उसकी बालियां भी मिट्टी में दबने की वजह से खराब हो जाएंगी और उत्पादन घटेगा.
किसानों की उम्मीदों पर फिरा पानी
खड़ियाहर गांव के किसान वकील कर्णवार ने बताया की 3 बीघा खेत बटाई पर लेकर गेहूं की फसल बोई थी. फसल पककर कटाई के लिए तैयार थी. कर्ज लेकर गेहूं की फसल बोई थी अब ओलावृष्टि ने पानी फेर दिया. किसान शिशुपाल सिंह तोमर और राधेश्याम राठौर ने बताया की छह बीघा खेत में लगी गेहूं की फसल ओलावृष्टि से बर्बाद हो गई.