CHAMBAL BEDAI PURI RECIPE :मॉनसून के सीजन में आमतौर पर लोगों की जुबान और दिमाग में चाय-पकौड़े का ही ख्याल आता है, लेकिन और भी कई ऐसे व्यजंन होते हैं, जिसे खाते ही आपके मुंह से वाह निकलेगा. ऐसी ही एक डिश की आज हम बात करने जा रहे हैं. जिसके बार में आमतौर पर बहुत कम लोग ही जानते हैं. इस डिश का नाम है बेड़ई की पुरी कहते हैं, हालांकि मध्य प्रदेश के चंबल-अंचल में मुरैना में बेड़ई की पूड़ी बहुत फेमस है.
मुरैना से गुजरने वाला जरूर खाता है बेड़ई की पूड़ी
मोटे (दानेदार) आटे से बनीं पूड़ियां, जो बेड़ई के नाम से पूरे देश में फेमस है. यह मुरैना का स्पेशल जायका है. मुरैना जिले के लोगों की सुबह की शुरुआत ही तेज मसालेदार सब्जी के साथ बेड़ई के नाश्ते से ही होती है. इसका स्वाद इतना फेमस है कि देशभर के कई प्रांतों के लोग जब नेशनल हाईवे से गुजरते हैं, तो वह मुरैना में अपनी गाड़ी रोककर जायकेदार बेड़ई और चटपटी सब्जी के जायके का स्वाद जरूर चखते हैं.
कैसे शुरू हुई बेड़ई पूड़ी की दुकान
आपके मन में बेड़ई पुरी-कचौरी को लेकर कई ख्याल आ रहे होंगे. आपको यह नाम भी अटपटा लग रहा होगा, लेकिन इसके पीछे भी बड़ी अच्छी कहानी है. आपको बता दें मुरैना के चीनी हलवाई नाम से दुकान थी, लेकिन यह नाम लोगों को थोड़ा अटपटा लगता था. चीनी हलवाई उर्फ किशनलाल मंगल ने अपने ठेले पर सबसे पहले ये बेड़ई बनाना शुरू किया तो, लोगों को लगा यह पूड़ी है, लेकिन जब लोगों ने खाना शुरू किया तो वे इसके दीवाने हो गए. देखते ही देखते इस ठेले पर भीड़ जुटना शुरू हो गई. लोग तो सुबह-सबेरे उनके ठेले पर बेड़ई कचौरी खाने पहुंचने लगे. इस बेड़ई की खासियत यह है कि यह खस्ता जैसी होती है.
40 से अधिक दुकानों से रोज 25 से 30 हजार करते हैं नाश्ता
मुरैना की फैमस बेड़ई का नाश्ता के जायके का अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है, कि शहर में बेड़ई की छोटी-बड़ी 40 से अधिक दुकानें, जहां हर रोज सुबह 6 बजे से दोपहर 12 बजे तक 25 से 30 हजार लोग नाश्ता करके अपनी सुबह की शुरुआत करते हैं.
एक टन सब्जी, 25 क्विंटल आटे की रोज होती है खपत
बेड़ई की पसंद लोगों की जुबां पर इस कदर चढ़ी हुई है कि, मुरैना के स्पेशल तीखे मसालों से बनी एक टन चटपटी आलू की सब्जी और 25 क्विंटल आटे से बनी बेड़ई के रोज 50 से 60 हजार नग बिक जाते हैं. मुरैना के जायकेदार नाश्ते का यह सिर्फ संकेत मात्र है.
बेड़ई के बिना मुरैना के लोगों का नाश्ता अधूरा
एमएस रोड स्थित जिला अस्पताल के बाहरसुमेर मिष्ठान भंडार के हलवाई कोकसिंह यादव ने बताया की मसालेदार सब्जी और गर्मागर्म बेड़ई के नाश्ते के बिना मुरैना के लोगों की सुबह नहीं होती है. यूं तो समोसा-कचौड़ी भी लोग खूब पसंद करते हैं, लेकिन बेड़ई के स्वाद की बात ही कुछ ओर है.