बस्तर: बस्तर में नक्सल समस्या के खिलाफ जंग में साल 2024 कामयाबी वाला साल साबित हो रहा है. बस्तर रेंज के आईजी सुंदरराज पी ने बीते 309 दिनों के आंकड़े जारी किए हैं. बस्तर आईजी के मुताबिक 309 दिनों में 189 नक्सली मारे गए हैं. जिनके शव पुलिस को मिले हैं. इसके साथ ही कुल 10 करोड़ के इनामी नक्सलियों को इस साल फोर्स ने ढेर किया है. कुल 229 हथियार जो लूटे गए हैं उनको बरामद किया गया है.
195 से अधिक माओवादियों के मारे जाने का दावा: बस्तर आईजी सुंदरराज पी ने ईटीवी भारत से बातचीत में दावा किया कि इस साल 96 बार एनकाउंटर हुआ है. इसमें कुल 195 से अधिक नक्सली मारे गए हैं. कुल 189 नक्सलियों का शव पुलिस ने बरामद किया है. जिन माओवादियों का इस साल खात्मा किया गया है उनके ऊपर 9 करोड़ 72 लाख रुपये का इनाम घोषित था.
बस्तर में लाल आतंक पर शिकंजा (ETV BHARAT)
साल 2024 में हुए विभिन्न मुठभेड़ों में 189 नक्सलियों के शव को बरामद किया गया है. पांच स्टेट लेवल के माओवादी DKSZC शामिल हैं. 10 माओवादी DVCM रैंक के हैं. 35 माओवादी एरिया कमेटी मेम्बर रैंक के शामिल हैं. अलग अलग रैंक में PLGA संगठन में भी नक्सलियों को काफी नुकसान हुआ है. ऐसे नक्सलियों पर कुल 9 करोड़ 72 लाख रुपये का इनाम घोषित था: सुंदरराज पी, बस्तर आईजी
बस्तर नक्सल ऑपरेशन में बरामद हथियार (ETV BHARAT)
कई घातक हथियार भी फोर्स ने किया बरामद: बस्तर आईजी ने बताया कि नक्सली हमलों में लूटे गए कई घातक हथियारों को भी बरामद किया गया है. इस साल फोर्स ने कुल 229 मॉर्डन हथियारों को जब्त किया है. बस्तर आईजी सुंदरराज पी ने बताया कि साल 2024 में 229 से अधिक हथियारों को रिकवर किया गया है. इन हथियारों में LMG, AK-47, इंसास रायफल, एएसएलआर और सेमी ऑटोमैटिक हथियार शामिल है. इसके अलावा BGL लॉन्चर और माओवादियों के तैयार किए गए हथियारों को भी बरामद किया गया है. जिन हथियारों को नक्सलियों ने फोर्स के जवानों से लूटा था. उसे भी रिकवर किया गया है. बस्तर आईजी ने यह भी खुलासा किया कि BGL लॉन्चर और अन्य हथियार को माओवादी खुद तैयार करते थे.
हैंड ग्रिनेड और हथियार की तस्वीर (ETV BHARAT)
फोर्स ने कैसे की रिकवर आर्म्स की पहचान ?: बस्तर आईजी ने ईटीवी भारत से बातचीत में यह भी बताया कि फोर्स ने अपनी जांच में हथियारों के बरामदगी की पुष्टि की है. फोर्स के वेपन्स में बट नंबर और बॉडी नंबर होता है. इसके अलावा प्रत्येक हथियार में यूनिक कोड होता है. ये सारे हथियार जवानों के डेटा से जुड़े होते हैं. इन डाटा से मिलान किया जाता है. उसके बाद कोड के जरिए हथियारों की शिनाख्त की जाती है.