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जींद नागरिक अस्पताल पर बंदरों का अटैक जारी, 32 रिमाइंडर के बाद भी नहीं मिला छुटकारा, मरीज परेशान - JIND CIVIL HOSPITAL MONKEYS TERROR

जींद नागरिक अस्पताल के आस-पास बंदरों का आतंक देखने को मिल रहा है. ये बंदर कभी भी किसी पर भी अटैक कर दे रहे हैं.

JIND MONKEYS TERROR
जींद में बंदरों का अटैक (ETV Bharat)

By ETV Bharat Haryana Team

Published : 6 hours ago

जींद:जिला मुख्यालय स्थित नागरिक अस्पताल पिछले कई सालों से बंदरों के आतंक से जूझ रहा है. इसे लेकर स्वास्थ्य सुपरवाइजर संघ साल 2020 से लगातार नगर परिषद जींद को पत्र भेज कर अपनी समस्या से अवगत करा रहा है. पत्र के जरिए संघ ने जींद नगर परिषद से बंदरों के आतंक से निजात दिलाने की मांग की है. कई बार नगर परिषद को पत्र लिखकर रिमाइंडर किया जा रहा है, हालांकि अब तक अस्पताल बंदरों के आतंक से मुक्त नहीं हो पाया है. इस पर संघ की ओर से उपायुक्त के संज्ञान में मामला लाया गया है. अब तक स्वास्थ्य सुपरवाइजर संघ कुल 32 रिमाइंडर भेज चुका है, लेकिन समस्या ज्यों की त्यों बनी हुई है.

2020 से लिख रहे पत्र: स्वास्थ्य सुपरवाइजर संघ ने उपायुक्त को शिकायत में बताया कि संघ की ओर से साल 2020 से लगातार नगर परिषद को पत्र लिखे जा रहे हैं कि अस्पताल में बंदरों का आतंक है. आए दिन बंदर किसी न किसी पर अचानक ही अटैक कर दे रहा है. इसके अलावा कार्यालयों के अंदर पहुंच कर भी बंदर नुकसान पहुंचा रहा है, लेकिन इस समस्या पर कोई संज्ञान नहीं लिया गया है.

अस्पताल परिसर में बंदरों की संख्या इतनी है कि इन्हें भगाना भी नामुमकिन है. झुंड के झुंड बंदर नागरिक अस्पताल में हर समय बैठे रहते हैं. इसके अलावा अस्पताल में आने वाले मरीजों को भी बंदर काटने से चूकते नहीं हैं. इस कारण नागरिक अस्पताल में आने वाले मरीजों के साथ-साथ चिकित्सकों और स्वास्थ्यकर्मियों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है.

मरीजों के बिस्तर पर पहुंच रहे बंदर: शिकायत के मुताबिक आए दिन ये बंदर किसी न किसी व्यक्ति पर अटैक करके उसको घायल कर रहे हैं. कई बार तो बंदर नागरिक अस्पताल के मरीजों के बिस्तर पर पहुंच कर मरीजों को घायल कर चुका है. कई बार कमरों में घुस कर कंपयूटर सहित नागरिक अस्पताल के रिकॉर्ड को भी नष्ट कर चुका है. इस समस्या के समाधान को लेकर कई बार नगर परिषद के अधिकारियों को गुहार लगाई जा चुकी है. हालांकि अभी तक समस्या का कोई समाधान नहीं निकला है.

चलाया जाए "बंदर पकड़ो अभियान":इस बारे में स्वास्थ्य सुपरवाइजर संघ के नेता राममेहर वर्मा ने कहा कि उपायुक्त इस मामले में संज्ञान लेते हुए नगर परिषद अधिकारियों को आदेश दें कि अस्पताल में स्पेशल तौर पर "बंदर पकड़ो अभियान" चलाया जाए, ताकि नागरिक अस्पताल में काम करने वाले चिकित्सक, स्वास्थ्यकर्मी और आमजन अपने आपको सुरक्षित महसूस कर सकें.

मार्च के बाद नहीं आई बंदर पकड़ने वाली टीम: जानकारी के मुताबिक बार-बार गुहार लगाए जाने के बाद 24 मार्च को बंदर पकड़ने वाली टीम नागरिक अस्पताल आई थी. यहां 15 से 20 बंदर पकड़े गए. टीम सदस्य मनोज ने फिर से आने की बात कही थी, लेकिन आज तक टीम दोबारा बंदर पकड़ने के लिए नहीं आई है.

हर दिन 80-100 लोग आते हैं इंजेक्शन लगवाने: नागरिक अस्पताल में हर दिन औसतन 100 मरीज कुत्ते, बंदर काटे जाने पर इंजेक्शन लगवाने के लिए आते हैं. इसी से अंदाजा लगाया जा सकता है कि शहर में बंदर और कुत्तों की कितनी बड़ी समस्या बनी हुई है. अगर प्रतिदिन 80 मरीज भी इंजेक्शन लगवाने आए तो प्रतिमाह यह आंकड़ा 1800 तक पहुंचता है. ऐसे में हर दिन कोई न कोई शख्स बंदर या कुत्ता के काटने का शिकार हो रहा है.

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